जनजातीय कार्य मंत्रालय
सांस्कृतिक नृत्यों का संरक्षण और संवर्धन
Posted On:
31 JUL 2025 4:58PM by PIB Delhi
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री (एमओएस) श्री दुर्गादास उइके ने आज लोकसभा में श्री दग्गुमल्ला प्रसाद राव के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए सूचित किया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय केंद्र प्रायोजित योजना 'जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को सहायता' के तहत जनजातीय अनुसंधान संस्थान, आंध्र प्रदेश सहित 29 जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्ययोजना के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जो जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता वाली शीर्ष समिति के अनुमोदन के अधीन है। इस योजना के तहत अन्य बातों के साथ-साथ अनुसंधान और दस्तावेजीकरण गतिविधियों और प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जनजातीय त्योहारों, यात्राओं और आदिवासियों द्वारा आदान-प्रदान यात्राओं का आयोजन किया जाता है, ताकि उनकी अनूठी सांस्कृतिक प्रथाओं, जिसमें नृत्य रूप, भाषाएं और अनुष्ठान शामिल हैं, का संरक्षण और प्रसार किया जा सके। टीआरआई मुख्य रूप से राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन संस्थाएं हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश राज्य में जनजातियों के सांस्कृतिक नृत्यों के संरक्षण और संवर्धन के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
- (5) डिजिटल संग्रह के लिए आदिवासी नृत्य शैलियों पर वीडियो प्रलेखन पूरा किया गया है, जिसमें खोंड (पीवीटीजी) द्वारा प्रस्तुत ढिमसा, मयूरा, सवारा (पीवीटीजी) द्वारा प्रस्तुत थोंगसेंग, कोया द्वारा प्रस्तुत कोम्मुकोया और चेंचू (पीवीटीजी) द्वारा प्रस्तुत चेन्चाटा नृत्य शामिल हैं।
- एसओटीए वेबसाइट, टीआरआई यूट्यूब चैनल आदि पर 5 वीडियो अपलोड किए गए।
https://youtu.be/RB4pwE6lxB4
https://youtu.be/oIOt5y83d2A
इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक नृत्य शैलियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु कई कदम उठाए हैं। आईटीडीए स्तर पर कोया जनजाति के कोम्मू आदिवासी नृत्य के सांस्कृतिक कलाकारों को सभी महत्वपूर्ण अवसरों, जनजातीय त्योहारों, मेलों, आधिकारिक समारोहों और उद्घाटन समारोहों आदि में जीवंत सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन हेतु कोम्मूकोया नृत्य प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
कोया के कोम्मू नृत्य जैसे जनजातीय सांस्कृतिक नृत्यों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का कोई प्रस्ताव मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका भावी पीढ़ियों तक ट्रांसमीशन हो सके।
***
पीके/एके/केसी/आईएम/एसके
(Release ID: 2150988)