पर्यटन मंत्रालय
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यूनेस्को द्वारा मराठा सैन्य किलों को मान्यता

Posted On: 31 JUL 2025 4:11PM by PIB Delhi

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) देश भर में संरक्षित स्मारकों और स्थलों के संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है इसमें पेयजल, शौचालय, रास्ते और भूनिर्माण जैसी सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण और रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है और इसे स्मारकों की आवश्यकता और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है। हालांकि, स्मारकों की आवश्यकता के अनुसार धनराशि आवंटित की जाती है।

विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों का विकास और संरक्षण मुख्य रूप से सम्बंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। पर्यटन मंत्रालय अपनी केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं 'स्वदेश दर्शन (एसडी)', 'स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0)', 'चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)' - स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना और 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)' योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके विश्व धरोहर स्थलों सहित देश भर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास और सुविधाओं के प्रयासों को पूरा करता है। यह वित्तीय सहायता धन की उपलब्धता, योजना के दिशानिर्देशों और समय-समय पर जारी किए गए अन्य निर्देशों के पालन, राज्य सरकारों द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत करने, पारस्परिक प्राथमिकता आदि के अधीन दी जाती है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई)पहल के तहत पर्यटन परियोजनाओं के विकास के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की है।

पर्यटन मंत्रालय, विभिन्न स्तरों पर नियमित समीक्षा और समन्वय बैठकों के माध्यम से पर्यटन विकास को सहयोग देने के लिए, कोंकण क्षेत्र सहित राज्य सरकारों के साथ सक्रिय परामर्श में रहता है। परियोजनाओं पर व्यवहार्यता, धन की उपलब्धता और योजना मानदंडों की पूर्ति पर निर्भर निर्धारित मानदंडों के अनुसार विचार किया जाता है

कोंकण क्षेत्र सहित देश में एसडी, एसडी2.0, सीबीडीडी, प्रसाद और एसएएससीआई के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण संलग्न है।

पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में फिर शुरु किया है इसका उद्देश्य गंतव्य और पर्यटक-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ देश में सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास करना है।

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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(Release ID: 2150896)
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