जनजातीय कार्य मंत्रालय
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
Posted On:
30 JUL 2025 4:26PM by PIB Delhi
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री (एमओएस) श्री दुर्गादास उइके ने आज राज्यसभा में, श्री रयाग कृष्णैया के एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में पिछले पाँच वर्षों के दौरान अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत बजट आवंटन और व्यय का विवरण दिया जो अनुबंध-I में दिया गया है।
पिछले पाँच शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या नीचे दी गई है:-
योजना का नाम
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लाभार्थियों की संख्या (लाखों में)
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AY 2020-21
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AY 2021-22
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AY 2022-23
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AY 2023-24
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AY 2024-25
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अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
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20.06
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23.44
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22.69
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20.64
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18.163
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नोट:- वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के आँकड़े अभी पूरे नहीं हैं और राज्यों से प्राप्त होने बाकी हैं। इसलिए, लाभार्थियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। यह एक ओपन-एंडेड योजना है, जिसमें सभी पात्र छात्रों को ग्यारहवीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) और शैक्षणिक वर्ष (जुलाई से जून) में अंतर होता है। कुछ राज्यों में, और चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के मामले में, परीक्षाओं में देरी और उसके परिणामस्वरूप प्रवेश में देरी के कारण शैक्षणिक वर्ष बहुत देर से शुरू होता है। इसलिए, एक शैक्षणिक वर्ष से संबंधित छात्रवृत्ति के वितरण का हिसाब अगले वित्तीय वर्ष में लगाया जा सकता है। लाभार्थियों की संख्या का डेटा छात्रवृत्ति के वितरण के आधार पर एकत्र किया जाता है। इस प्रकार, वर्ष-दर-वर्ष लाभार्थियों की संख्या में अंतर हो सकता है।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय भाषा में समाचार पत्रों में विज्ञापनों, वेबसाइटों और स्कूलों व कॉलेजों में जागरूकता पैदा करके इस योजना का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। मंत्रालय देश भर में आदिवासी समुदायों के समग्र विकास के लिए एक प्रमुख योजना - धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) - का क्रियान्वयन कर रहा है। डीए-जेजीयूए के अंतर्गत, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आदिवासी क्षेत्रों में सूचना एवं संचार (आईईसी) अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों के माध्यम से छात्रवृत्ति योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार किया जाता है।
अनुबंध- I
बजट अनुमान, संशोधित अनुमान और वास्तविक व्यय 2020-21 से 2024-25
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(₹ in crores)
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योजना का नाम
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वित्तीय वर्ष 2020-21
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वित्तीय वर्ष 2021-22
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वित्तीय वर्ष 2022-23
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वित्तीय वर्ष 2023-24
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वित्तीय वर्ष 2024-25
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बीई
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आरई
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अंतिम आवंटन
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वास्तविक व्यय
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बीई
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आरई
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अंतिम आवंटन
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वास्तविक व्यय
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बीई
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आरई
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अंतिम आवंटन
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वास्तविक व्यय
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बीई
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आरई
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अंतिम आवंटन
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वास्तविक व्यय
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बीई
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आरई
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अंतिम आवंटन
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वास्तविक व्यय
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अनुसूचित जनजातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
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1900
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1833
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1833.00
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1830.14
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1993.00
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2257.72
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2257.72
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2257.72
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1965.00
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1965.00
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1965.00
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1965.00
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1970.77
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2371.01
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2668.83
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2668.83
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2432.68
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2462.68
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2598.34
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2598.34
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पीके/एके/केसी/जेएस
(Release ID: 2150529)