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डिजिटल एवं ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी

Posted On: 30 JUL 2025 4:14PM by PIB Delhi

मई 2025 तक, देश के कुल 6,44,131 गांवों में से (भारत के रजिस्ट्रार जनरल के आंकड़ों के अनुसार), 6,29,027 गांव यानी 97.65 प्रतिशत गांव मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस किए गए हैं और इनमें से 6,23,512 गांव यानी 96.80 प्रतिशत गांवों में 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध है।

डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत वित्त पोषण के जरिए सरकार देश के ग्रामीण, दूरस्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट/डेटा और 4जी मोबाइल सेवाओं के प्रावधान हेतु विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। जून 2025 तक, डीबीएन द्वारा वित्तपोषित मोबाइल योजनाओं के अंतर्गत 18,739 4जी साइटें (जिनमें 1276 4जी में अपग्रेड की गई साइटें भी शामिल हैं) शुरू हो चुकी हैं, जो देश के 26,672 गांवों/स्थानों को कवर करती हैं।

भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को वाई-फाई हॉटस्पॉट, फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन आदि जैसे ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करने और मांग के आधार पर लगभग 3.8 लाख गैर-जीपी गांवों को कनेक्टिविटी सहित रिंग टोपोलॉजी में देश के सभी जीपी को कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु संशोधित भारतनेट कार्यक्रम को मंजूरी दी है। जून 2025 तक, देश में भारतनेट परियोजना के तहत कुल 2,14,325 जीपी को सेवा के लिए तैयार किया गया है। अब तक, देश में भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण स्कूल सहित 13,01,193 फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

भारत सरकार ने 2025 के बजट में, दूरदराज के इलाकों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने  हेतु भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के प्रावधान की घोषणा की है। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सभी राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को बीएसएनएल के साथ एक समझौता ज्ञापन/समझौता करने और कंप्यूटिंग उपकरणों वाले सभी सरकारी स्कूलों को एफटीटीएच इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक परामर्श जारी किया गया है। राज्यों/ केन्द्र-शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि इंटरनेट शुल्क समग्र शिक्षा के तहत जारी किए जा रहे आवर्ती शुल्कों से या किसी अन्य राज्य/ केन्द्र-शासित प्रदेश सरकार के कोष से वहन किया जा सकता है।

यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। 

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एमजी/ एके/केसी/आर


(Release ID: 2150382)
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