सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 2020-21 और 2021-22 की आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं जारी कीः भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्पाद-उद्योग की विस्तृत जानकारी

Posted On: 30 JUL 2025 4:00PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने '2020-21 और 2021-22 की आपूर्ति एवं उपयोग तालिकाएं' जारी की हैं। आपूर्ति एवं उपयोग तालिकाएं (एसयूटी) अर्थव्यवस्था में होने वाली सभी आर्थिक गतिविधियों का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती हैं। ये शक्तिशाली विश्लेषणात्मक टूल्स हैं, जो अर्थव्यवस्था की संरचना और विभिन्न आर्थिक कारकों के बीच अंतर्संबंधों को प्रदर्शित करते हैं।

एसयूटी का उद्देश्य

आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं (एसयूटी) कई उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं और अपनी सांख्यिकीय मजबूती और विश्लेषणात्मक लचीलेपन के कारण महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। ये एक व्यापक ढांचा प्रदान करती हैं जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को मापने के तीन तरीकों—उत्पादन, आय और व्यय—को एक एकीकृत ढांचे में समाहित करती हैं। यह विविध स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों की तुलना और समायोजन का एक शक्तिशाली टूल है, जिससे उत्पादन और व्यय के अनुमान के बीच अधिक संगति और समरूपता आती है। ये तालिकाएं उत्पाद-वार आउटपुट, कर, व्यापार व परिवहन मार्जिन, आयात और विभिन्न उद्योगों द्वारा की गई मध्यवर्ती खपत, अंतिम उपयोग और निर्यात जैसे बारीक आंकड़ों का संकलन करती हैं। इससे नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को अर्थव्यवस्था की संरचना, संरचना में बदलाव और गतिशीलता का सूक्ष्म विश्लेषण करने में सहूलियत होती है।

वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए एसयूटी को राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस) 2024 में प्रकाशित वृहद आर्थिक एग्रीगेट्स के अनुमानों का उपयोग करके संकलित किया गया है, जो 2020-21 और 2021-22 के लिए अंतिम संशोधित अनुमान प्रदान करता है।

एसयूटी फ्रेमवर्क

एसयूटी दो आपस में जुड़ी तालिकाओं के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं: आपूर्ति तालिका और उपयोग तालिका। ये तालिकाएं उत्पाद-उद्योग मैट्रिक्स पर आधारित होती हैं। आपूर्ति तालिका किसी उत्पाद की कुल आपूर्ति को दर्शाती है- जिसमें घरेलू उत्पादन और आयात दोनों सम्मिलित होते हैं। वहीं, उपयोग तालिका उस उत्पाद के विभिन्न उपयोगों को रिकॉर्ड करती है- जैसे उद्योगों द्वारा मध्यवर्ती खपत, अंतिम खपत, सकल पूंजी निर्माण और निर्यात।

एसयूटी ढांचे की नींव उत्पाद पहचान पर आधारित है, जो बताता है कि किसी उत्पाद की कुल आपूर्ति (घरेलू उत्पादन और आयात से) उसके कुल उपयोग (मध्यवर्ती उपभोग, अंतिम उपभोग, पूंजी निर्माण और निर्यात के रूप में) के बराबर होनी चाहिए। यह पहचान सुनिश्चित करती है कि सभी आर्थिक प्रवाहों का हिसाब रखा जाए। यह अर्थव्यवस्था के सभी प्रवाहों को सुसंगत और संतुलित ढंग से दर्शाने में मदद करती है और जीडीपी के तीनों दृष्टिकोणों - उत्पादन, आय और व्यय – को एक सामंजस्यपूर्ण अनुमान में समाहित करती है।

राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस) में उत्पादन/आय और व्यय दृष्टिकोणों से प्राप्त जीडीपी में सामान्यता अंतर देखा जाता है, जिसे व्यय पक्ष में विसंगति के रूप में प्रकाशित किया जाता है। एसयूटी ढांचा संकलनकर्ताओं को इन विसंगतियों का समाधान और समायोजन करने में सक्षम बनाता है, जिससे उत्पादन/आय और व्यय अनुमानों के बीच एकरूपता सुनिश्चित होती है।

एसयूटी का संकलन

2020-21 और 2021-22 के एसयूटी में 140 उत्पाद और 66 उद्योग शामिल हैं। ये एनएएस 2024 में प्रकाशित मैक्रो एग्रीगेट्स के अनुमानों, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) जैसे सर्वेक्षण आंकड़ों और कई प्रशासनिक आंकड़ों के स्रोतों के आधार पर संकलित किए गए हैं। एसयूटी में दिए गए अनुमान वर्तमान कीमतों पर हैं और संयुक्त राष्ट्र की राष्ट्रीय लेखा प्रणाली (एसएनए) के अनुरूप कार्यप्रणालियों पर आधारित हैं।

एसयूटी की तैयारी में चार गतिविधियां शामिल हैं: (i) उद्योगों और उत्पादों की पहचान, (ii) आपूर्ति तालिका का संकलन, (iii) उपयोग तालिका का संकलन और (iv) उत्पाद संतुलन। उद्योगों की पहचान विनिर्माण के लिए एएसआई डेटा के राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (एनआईसी) और विनिर्माण के अलावा अन्य क्षेत्रों के लिए एनएएस के संकलन श्रेणियों (सीसी) से की जाती है। उत्पादों की पहचान विनिर्माण क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय उत्पाद वर्गीकरण (एनपीसीएमएस) और सेवा क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय उत्पाद वर्गीकरण (एनपीसीएसएस) के अनुसार की जाती है।

आपूर्ति तालिका सामान्यतः मूल मूल्यों पर तैयार की जाती है, क्योंकि एनएएस उद्योगों के उत्पादन को भी मूल मूल्यों पर संकलित करता है। हालांकि, उत्पादों के अंतिम उपयोग का हिसाब रखने के लिए आपूर्ति तालिका एक ऐसी व्यवस्था प्रदान करती है जो उत्पादों के मूल्यांकन को मूल मूल्यों से उपयोग तालिका में दर्ज क्रेता मूल्यों पर स्थानांतरित करती है। यह संकलन विभिन्न डेटा स्रोतों पर आधारित है, जिनमें एनएएस विवरण, निगमों के वार्षिक खाते, एएसआई डेटा, वस्तुओं के आयात के लिए डीजीसीआईएस का निर्यात-आयात डेटाबेस; सेवाओं के आयात के लिए आरबीआई डेटा; आयात शुल्क के लिए सीबीआईसी टैरिफ डेटा शामिल हैं।

उपयोग तालिका उद्योगों द्वारा मूल मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धन (उत्पादन दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए) और अंतिम उपयोगों से आयात घटाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) प्रदान करती है (व्यय दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए)। इसके अलावा, यह आय पक्ष के अनुमानों से उद्योग द्वारा वर्धित मूल्य के घटकों को भी दर्शाती है। इस जानकारी के संकलन में प्रत्येक उत्पाद या उद्योग से संबंधित कई पूरक डेटा स्रोतों का विश्लेषण शामिल है। प्रमुख स्रोतों में कॉस्ट ऑफ कल्टीवेशन स्टडीज़ (सीसीएस), एएसआई डेटा, एमसीए और एनडीई से कंपनियों के डेटा, एक्जिम डेटा और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डेटा शामिल हैं।

मुख्य अंश

  • अर्थव्यवस्था में क्रेता मूल्य पर वस्तुओं और सेवाओं की कुल आपूर्ति क्रमशः 2020-21 और 2021-22 में 407.52 लाख करोड़ रुपये और 523.08 लाख करोड़ रुपये है।
  • दोनों वर्षों में मूल मूल्यों पर कुल आपूर्ति में से कृषि वस्तुओं का योगदान 11-13 प्रतिशत, खनन वस्तुओं का 2 प्रतिशत, विनिर्मित वस्तुओं का 30-33 प्रतिशत, विनिर्माण-संबंधित सेवाओं का 3 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र की सेवाओं का योगदान लगभग 55 प्रतिशत था।
  • 2020-21 में, उच्चतम जीवीए-से-जीवीओ अनुपात वाले शीर्ष पांच उद्योग—जो 0.96 से 0.80 के बीच थे—आवास स्वामित्व, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, वानिकी और लॉगिंग, कृषि तथा शिक्षा एवं अनुसंधान थे। उच्च जीवीए-से-जीवीओ अनुपात का अर्थ है- उद्योग के भीतर बेहतर दक्षता और मूल्यवर्धन।
  • 2021-22 में आवासों का स्वामित्व, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, वानिकी और लॉगिंग, कृषि और कच्चा पेट्रोलियम समान रेंज के साथ उच्चतम जीवीए-से-जीवीओ अनुपात वाले शीर्ष पांच उद्योग हैं।
  • 2020-21 में सबसे कम जीवीए-से-जीवीओ अनुपात वाले पांच उद्योग - 0.15 से 0.10 तक - मांस, मछली, फल, सब्जियां, तेल और वसा का उत्पादन, प्रसंस्करण और संरक्षण थे; डेयरी उत्पादों का निर्माण; अनाज मिल उत्पादों और पशु आहार का निर्माण; संचार उपकरणों का निर्माण; और अन्य विनिर्माण।
  • 2021-22 में सबसे कम जीवीए-से-जीवीओ अनुपात वाले पांच उद्योग - 0.12 से 0.09 तक - मांस, मछली, फल, सब्जियां, तेल और वसा का उत्पादन, प्रसंस्करण और संरक्षण थे; संचार उपकरणों का निर्माण; डेयरी उत्पादों का निर्माण; अनाज मिल उत्पादों और पशु आहार का निर्माण; कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण।
  • कुल मध्यवर्ती खपत में निर्माण क्षेत्र का हिस्सा सबसे अधिक रहा, जिसका योगदान 2020-21 में 13.82 प्रतिशत और 2021-22 में 14.03 प्रतिशत रहा।
  • 2020-21 में मध्यवर्ती उपभोग में वस्तुओं का हिस्सा सबसे ज़्यादा रहा, जो 70 प्रतिशत रहा, जबकि सेवाओं का योगदान शेष 30 प्रतिशत रहा। निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में भी ऐसा ही पैटर्न देखा गया, जहां कुल पीएफसीई में वस्तुओं का हिस्सा 62 प्रतिशत और सेवाओं का 38 प्रतिशत रहा।
  • 2021-22 में मध्यवर्ती उपभोग में वस्तुओं का योगदान 72 प्रतिशत था, जबकि सेवाओं का योगदान शेष 28 प्रतिशत था। निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में कुल पीएफसीई में वस्तुओं का योगदान 59 प्रतिशत और सेवाओं का योगदान 41 प्रतिशत था।
  • 2020-21 में उत्पादन और व्यय पक्ष के सकल घरेलू उत्पाद अनुमानों के बीच (-) 2,46,154 करोड़ रुपये के अंतर को व्यय घटकों को समायोजित करके दूर किया गया। यह सीआईएफ समायोजन के तहत निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 3,05,628 करोड़ रुपये, इन्वेंट्री में 18,897 करोड़ रुपये और आयात में 78,374 करोड़ रुपये की कमी करके किया गया।
  • 2021-22 में उत्पादन और व्यय पक्ष के सकल घरेलू उत्पाद अनुमानों के बीच (-) 2,16,579 करोड़ रुपये के अंतर को व्यय घटकों को समायोजित करके पूरा किया गया। यह सीआईएफ समायोजन के हिस्से के रूप में निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 3,55,540 करोड़ रुपये, इन्वेंट्री में, 1,884 करोड़ रुपये और आयात में 1,37,081 करोड़ रुपये की कमी करके किया गया।

एक दूरदर्शी उपाय के रूप में मंत्रालय आपूर्ति और उपयोग तालिकाओं (एसयूटी) के संकलन को नई श्रृंखला में वार्षिक राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी के संकलन के साथ एकीकृत करने की योजना बना रहा है। इस एकीकरण का उद्देश्य जीडीपी संकलन के तीनों तरीकों में एकरूपता और सुसंगतता सुनिश्चित करना है, साथ ही एसयूटी तैयार करने में लगने वाले समय को कम करने में भी मदद करना है।

'2020-21 और 2021-22 की आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं' और एसयूटी संकलन संबंधी एक मेथोडोलोजीकल नोट एमओएसपीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं:

https://mospi.gov.in/publication/supply-use-tables

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(Release ID: 2150366)
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