जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

कर्नाटक में आईएफआर संबंधी दावे

Posted On: 30 JUL 2025 4:23PM by PIB Delhi

केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री (एमओएस) श्री दुर्गादास उइके ने आज राज्यसभा में श्री नारायण कोरागप्पा के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया किअनुसूचित जनजातियाँ और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006' और उसके अन्तर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुसार, राज्य सरकारें अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी हैं और इन्हें 20 राज्यों (कर्नाटक सहित) और 1 केंद्र शासित प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) को मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है। कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, अब तक (आज की तारीख तक) कुल 2,89,236 व्यक्तिगत वन अधिकार (आईएफआर) दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कुल 15,772 दावा आवेदन निपटान के लिए लंबित हैं। जिले-वार ब्यौरा दर्शाने वाला विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

इसके अलावा, कर्नाटक राज्य सरकार ने सूचित किया है कि वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए कर्नाटक के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 28.11.2024 और 04.07.2025 को राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठकें आयोजित की गई थीं। वन अधिकार समितियों को वन अधिकार अधिनियम 2006 और नियमों के अनुसार, निर्धारित समय-सीमा के भीतर लंबित दावों का सत्यापन और अस्वीकृत आवेदनों का पुनः सत्यापन पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा, जनजातीय कार्य मंत्रालय अधिनियम के समुचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर निर्देश और दिशानिर्देश जारी करता रहा है। राज्य जनजातीय कल्याण विभाग और संबंधित प्राधिकरणों के साथ समय-समय पर समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती रही हैं। डीसी/डीएम को सभी लंबित एफआरए दावों का समय पर निपटारा करने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, जनजातीय कार्य मंत्रालय 'द्रष्टि आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' (डीए-जेवीयूए) के अंतर्गत, राज्य और जिला/उपखंड स्तर पर समर्पित वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) प्रकोष्ठों की स्थापना के लिए जिलों और राज्य जनजातीय विभागों को दो वर्षों की अवधि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, जिससे अन्य बातों के साथ-साथ दावों (समुदाय और व्यक्तिगत दोनों) के समय पर निपटान में राज्य को सहायता मिलेगी, और उप-मंडल स्तरीय समितियों (एसडीएलसी), जिला स्तरीय समितियों (डीएलसी) और अन्य संबंधित निकायों की समय पर बैठक सुनिश्चित होगी। इस संबंध में, कर्नाटक राज्य सरकार से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर, राज्य स्तरीय एफआरए प्रकोष्ठ और 18 जिला स्तरीय एफआरए प्रकोष्ठों को स्थापित करने के लिए 344.56 लाख

अनुलग्नक

दिनांक 30/07/2025 को राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 1264 के उत्तर में संदर्भित अनुलग्नक

कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा प्राप्त व्यक्तिगत वन अधिकार (आईएफआर) दावों की जिला-वार जानकारी:

 

कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा प्राप्त व्यक्तिगत वन अधिकार (आईएफआर) दावों की जिलावार स्थिति

क्रम संख्या

जिले का नाम

प्राप्त आईएफआर दावों की संख्या

वितरित स्वामित्व दस्तावेजों की संख्या

अस्वीकृत दावों की संख्या

निपटान के लिए लंबित दावों की संख्या

1

मैसूर

7340

961

5839

540

2

शिमोगा

95431

2409

90809

2213

3

चिक्कमगलूर

21213

1910

19303

0

4

उत्तर कन्नड़

85065

1741

71561

11763

5

चामराजनगर

2480

2060

420

0

6

कोडागू

4220

2385

1835

0

7

दक्षिण कन्नड़

2429

146

2283

0

8

उडुपी

2137

539

1598

0

9

गडग

2368

619

1716

33

10

बेलगाम

17424

551

16873

0

11

कोप्पल

221

8

157

56

12

रामनगर

4919

664

3800

455

13

दावनगेरे

11034

616

10232

186

14

चित्रदुर्ग

5092

346

4663

83

15

हसन

492

1

489

2

16

हावेरी

2825

56

2738

31

17

बेल्लारी

3323

4

3316

3

18

रायचूर

0

0

0

0

19

बगलकोट

11931

88

11843

0

20

तुमकुर

1434

0

1415

19

21

कलबुर्गी

508

0

508

0

22

बैंगलोर ®

527

104

417

6

23

धारावाड़

1396

36

1224

136

24

विजयपुरा

0

0

0

0

25

मंड्या

438

111

168

159

26

चिक्कबल्लापुर

0

0

0

0

27

बेंगलुरु (यू)

87

0

0

87

28

बीदर

0

0

0

0

29

कोलार

0

0

0

0

30

यादगिरी

26

0

26

0

31

विजयनगर

4876

0

4876

0

 

कुल

289236

15355

258109

15772

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पीके/एके/केसी/केजे/एसएस


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