आयुष
azadi ka amrit mahotsav

आयुष मंत्रालय शीर्ष अनुसंधान परिषदों के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रहा है


आयुष मंत्रालय ने आयुष क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए आयुर्ज्ञान योजना शुरू की है

आयुष को साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत करने के लिए एम्स में आईसीएमआर उन्नत एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र (एआई-एसीआईएचआर) की स्थापना की गई है

Posted On: 29 JUL 2025 5:02PM by PIB Delhi

आयुष पद्धतियों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, आयुष मंत्रालय ने स्वतंत्र शीर्ष अनुसंधान परिषदें नामतः केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस); केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम); केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच); केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) और केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) स्थापित की हैं। इन परिषदों की प्रमुख अनुसंधान गतिविधियां नैदानिक अनुसंधान, औषधीय पादप अनुसंधान (मेडिको एथनो वनस्पति सर्वेक्षण, फार्माकोग्नॉसी और खेती), औषध मानकीकरण, फार्माकोलॉजिकल अनुसंधान तथा साहित्यिक एवं अनुसंधान प्रलेखन कार्यक्रम के क्षेत्रों में हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और संस्थानों के साथ सहयोगात्मक अध्ययन भी किए जाते हैं। विस्तार गतिविधियों में बहिरंग रोगी विभागों (ओपीडी) और आंतरिक रोगी विभागों (आईपीडी) के माध्यम से स्वास्थ्यः देखभाल सेवाएं, वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल लिए विशेष क्लीनिक और आउटरीच गतिविधियां जनजातीय स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान कार्यक्रम (टीएचसीआरपी), स्वास्थ्य रक्षण कार्यक्रम, अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) के तहत आयुर्वेद मोबाइल स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम शामिल हैं।

आयुष मंत्रालय ने "आयुर्ज्ञान " योजना के नाम से एक केंद्रीय क्षेत्रीय योजना कार्यान्वित की है। इस योजना के तहत, आयुष के प्राथमिक क्षेत्रों में अनुसंधान, नवाचार तथा विकास को प्रोत्साहित करने के लिए चिकित्सा, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास संस्थान, विश्वविद्यालय/सरकारी और निजी क्षेत्र के संस्थागत विभाग को वित्तीय सहायता दी जाती है।

परिषदों द्वारा किए गए और प्रकाशित शोध अध्ययनों की संख्या निम्नप्रकार है:

(1) पिछले तीन वर्षों में केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) द्वारा किए गए और प्रकाशित किए गए अनुसंधान अध्ययनों की संख्या क्रमशः 189 और 522 है।

(2) पिछले तीन वर्षों में केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) द्वारा किए गए और प्रकाशित अनुसंधान अध्ययनों की संख्या क्रमशः 104 और 484 है।

(3) पिछले तीन वर्षों में केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) द्वारा किए गए और प्रकाशित अनुसंधान अध्ययनों की संख्या क्रमशः 184 और 88 है।

(4) पिछले तीन वर्षों में केन्द्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) द्वारा किए गए और प्रकाशित अनुसंधान अध्ययनों की संख्या क्रमशः 32 और 195 है।

(5) पिछले तीन वर्षों में केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) द्वारा किए गए और प्रकाशित अनुसंधान अध्ययनों की संख्या 63 है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और सीसीआरएएस ने आईसीएमआर की बाह्यवर्ती अनुसंधान योजना के अंतर्गत एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पहचान किए गए क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए एम्स में आयुष-आईसीएमआर उन्नत एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र (एआई-एसीआईएचआर) की स्थापना की है। इस कार्यक्रम के तहत चार एम्स में चार अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान की गई है, जो निम्नप्रकार हैं:

1- एम्स दिल्लीः

  1. गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल विकार में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान हेतु उन्नत केंद्र क)
  2. महिला एवं बाल स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान हेतु उन्नत केंद्र ख)

2-  एम्स- जोधपुरः वृद्धावस्था स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान हेतु उन्नत केंद्र

3- एम्स नागपुरः कैंसर देखभाल में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान हेतु उन्नत केंद्र

4- एम्स ऋषिकेशः वृद्धावस्था स्वास्थ्य में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान हेतु उन्नत केंद्र

सीसीआरयूएम ने यूनानी को साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इस परिषद ने विभिन्न शैक्षणिक और वैज्ञानिक संगठनों जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली; राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनसंधान संस्थान (एनआईपीईआर). तथा भारतीय रासायनिक प्रौदयोगिकी संस्थान, हैदराबादः अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई; भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम), तथा शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर आदि के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

सीसीआरएस सिद्ध पद्धति के माध्यम से कैंसर रोगियों की निवारक देखभाल में सहायता के लिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान परिसर, नई दिल्ली और सिद्ध नैदानिक अनुसंधान इकाई, सफदरजंग, नई दिल्ली में कैंसर हेतु एकीकृत सिद्ध ओपीडी चला रही है।

सीसीआरएच एम्स, दिल्ली; एम्स, झज्जर, हरियाणा और अन्य राज्य सरकार तथा निजी होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग और सहभागिता के साथ अनुसंधान करके होम्योपैथी को मुख्यधारा की स्वास्थ्य देखभाल सेवा से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। यह परिषद निम्नलिखित स्थानों पर विभिन्न नैदानिक स्थितियों में एलोपैथिक अस्पतालों में होम्योपैथी उपचार प्रदान कर रही है:

i. सफदरजंग अस्पताल (नई दिल्ली)

ii. लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (नई दिल्ली)

iii. दिल्ली छावनी जनरल अस्पताल (नई दिल्ली)

iv. बीआरडी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, गोरखपुर (उ.प्र.) में नैदानिक परीक्षण इकाई

v. सिविल अस्पताल, आइजोल, मिजोरम

vi. जिला अस्पताल, दीमापुर, नागालैंड

यह जानकारी आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/ एके / केसी/ केजे


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