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ग्रामीण विकास मंत्रालय
मनरेगा के तहत कार्यों की निगरानी
प्रविष्टि तिथि:
25 JUL 2025 5:50PM by PIB Delhi
कार्यस्थल की निगरानी को मजबूत करने और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यक्तिगत लाभार्थियों के कार्यों के लिए ई-मस्टर रोल (ई-एमआर) अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए ई-एमआर में उचित सीरियल नंबर बनाए रखा जाना है। ई-एमआर संबंधित ब्लॉक के कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जारी किया जाना है।
राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) के संबंध में यह कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश 1 जनवरी, 2023 से एनएमएमएस के माध्यम से सभी कार्यों (व्यक्तिगत लाभार्थी कार्य को छोड़कर) के लिए एक दिन में श्रमिकों की दो-टाइम स्टाम्प वाली, जियो-टैग की गई तस्वीरों के साथ राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के माध्यम से कार्यस्थल पर उपस्थिति दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे।
एनएमएमएस के कारण श्रमिकों को होने वाली किसी भी असुविधा से बचने के लिए, यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई कार्यस्थल नेटवर्क कवर्ड क्षेत्र में स्थित नहीं है या किसी अन्य नेटवर्क समस्या के कारण उपस्थिति अपलोड नहीं हो पा रही है, तो उपस्थिति को ऑफ़लाइन मोड में दर्ज किया जा सकता है और डिवाइस के नेटवर्क कवर्ड क्षेत्र में आने पर उसे अपलोड किया जा सकता है। असाधारण परिस्थितियों में, जिनके कारण उपस्थिति अपलोड नहीं हो पाती, जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा जिला स्तर पर छूट का प्रावधान भी मौजूद है, जिसे अब ब्लॉक स्तर पर विकेन्द्रीकृत कर दिया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा एक माँग-आधारित वेतन-आधारित रोज़गार योजना है जिसमें नीचे से ऊपर की ओर नियोजन होता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में ग्राम पंचायत द्वारा अनुशंसित कार्यों की पहचान, अनुमोदन और प्राथमिकता निर्धारित की जाती है। तदनुसार, पंचायत द्वारा माँग के अनुसार कार्यों को स्वीकृत किया जाता है और शुरू किया जाता है। कार्यों की योजना श्रम बजट के आकलन के समय एक वित्तीय वर्ष में कार्यों के लिए सृजित अनुमानित व्यक्ति दिवसों के अनुसार बनाई जाती है।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों और उत्तराखंड राज्य में विभिन्न श्रेणियों के तहत किए गए श्रेणीवार कार्यों का विवरण क्रमशः अनुलग्नक-I और II में दिया गया है।
अनुलग्नक-I
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वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत किए गए श्रेणीवार कार्य।
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श्रेणियों का नाम
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पूर्ण हुआ
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चल रहे
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कार्यों की संख्या
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व्यय
(लाख रुपए में)
|
कार्यों की संख्या
|
व्यय
(लाख रुपए में)
|
|
आंगनवाड़ी/अन्य ग्रामीण बुनियादी ढांचे
|
1,12,303
|
1,72,519.26
|
3,42,933
|
2,96,897.20
|
|
भारत निर्माण सेवा केंद्र
|
606
|
79.44
|
2,061
|
41.22
|
|
तटीय क्षेत्र
|
71
|
52.68
|
245
|
54.36
|
|
सूखा निरोधन
|
3,36,273
|
2,58,808.30
|
11,03,315
|
4,06,887.27
|
|
मत्स्य पालन
|
6,497
|
10,357.57
|
28,478
|
19,807.75
|
|
बाढ़ नियंत्रण और संरक्षण
|
1,41,211
|
1,62,328.27
|
3,21,666
|
1,80,209.53
|
|
खाद्यान्न
|
435
|
24.92
|
517
|
32.15
|
|
भूमि विकास
|
5,14,601
|
3,61,569.27
|
6,82,888
|
4,35,873.14
|
|
सूक्ष्म सिंचाई कार्य
|
3,31,982
|
5,19,938.74
|
6,25,373
|
4,70,631.36
|
|
अन्य कार्य
|
3,989
|
23.53
|
9,937
|
40.14
|
|
खेल का मैदान
|
512
|
8.09
|
928
|
11.67
|
|
पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण
|
93,219
|
1,80,007.48
|
1,59,622
|
1,98,544.32
|
|
ग्रामीण संपर्क
|
4,16,912
|
6,39,588.22
|
12,10,335
|
9,96,154.62
|
|
ग्रामीण पेयजल
|
655
|
4.82
|
1,614
|
1.20
|
|
ग्रामीण स्वच्छता
|
1,09,876
|
40,867.44
|
1,65,523
|
38,172.64
|
|
जल संरक्षण और जल संचयन
|
5,12,655
|
9,85,204.07
|
7,66,020
|
8,56,872.78
|
|
व्यक्तिगत भूमि पर कार्य (श्रेणी IV)
|
63,73,122
|
14,34,499.97
|
95,87,463
|
12,06,128.39
|
|
कुल
|
89,54,919
|
47,65,882.08
|
1,50,08,918
|
51,06,359.75
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अनुलग्नक- II
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वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान महात्मा गांधी नरेगा के तहत उत्तराखंड राज्य में किए गए कार्यों का श्रेणीवार विवरण।
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|
श्रेणियों का नाम
|
पूर्ण हुआ
|
चल रहे
|
|
कार्यों की संख्या
|
व्यय
(लाख रुपए में)
|
कार्यों की संख्या
|
व्यय
(लाख रुपए में)
|
|
आंगनवाड़ी/अन्य ग्रामीण बुनियादी ढांचे
|
502
|
544.21
|
1,878
|
2,532.62
|
|
भारत निर्माण सेवा केंद्र
|
8
|
-
|
10
|
-
|
|
तटीय क्षेत्र
|
-
|
0.65
|
3
|
-
|
|
सूखा निरोधन
|
5,607
|
1,108.67
|
5,873
|
2,023.79
|
|
मत्स्य पालन
|
196
|
40.63
|
204
|
51.16
|
|
बाढ़ नियंत्रण और संरक्षण
|
3,462
|
1,653.90
|
5,316
|
2,734.07
|
|
खाद्यान्न
|
-
|
-
|
-
|
-
|
|
भूमि विकास
|
15,872
|
5,595.96
|
31,569
|
15,331.14
|
|
सूक्ष्म सिंचाई कार्य
|
4,037
|
1,853.16
|
3,957
|
2,203.50
|
|
अन्य कार्य
|
18
|
-
|
7
|
-
|
|
खेल का मैदान
|
4
|
-
|
2
|
-
|
|
पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण
|
756
|
349.40
|
1,065
|
564.71
|
|
ग्रामीण संपर्क
|
5,901
|
3,486.51
|
10,395
|
5,844.76
|
|
ग्रामीण पेयजल
|
6
|
-
|
-
|
-
|
|
ग्रामीण स्वच्छता
|
871
|
31.66
|
573
|
44.64
|
|
जल संरक्षण और जल संचयन
|
7,159
|
1,938.79
|
9,486
|
4,836.44
|
|
व्यक्तिगत भूमि पर कार्य (श्रेणी IV)
|
41,452
|
5,953.08
|
52,754
|
6,365.89
|
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कुल
|
85,851
|
22,556.66
|
1,23,092
|
42,532.72
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यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/जीके
(रिलीज़ आईडी: 2148665)
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