जल शक्ति मंत्रालय
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जल संरक्षण हेतु राज्यों को सहायता

Posted On: 24 JUL 2025 5:17PM by PIB Delhi

'जल' राज्य का विषय होने के कारण, जल संसाधनों के संवर्द्धन, संरक्षण और कुशल प्रबंधन हेतु कदम मुख्यतः संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाते हैं।

राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता के लिए, केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

भारत सरकार ने भूजल स्तर में सुधार और जल की कमी को दूर करने के लिए जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन हेतु विभिन्न पहल की/कदम उठाए हैं। इस संबंध में प्रमुख पहलों में 'जल शक्ति अभियान - कैच रेन' (जेएसए: सीटीआर) अभियान; अटल भू-जल योजना (अटल जल); महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस); प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई); अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत);  एकीकृत भवन उपनियम (यूबीबीएल); आदर्श भवन उपनियम (एमबीबीएल), 2016; शहरी एवं क्षेत्रीय विकास योजना निर्माण एवं कार्यान्वयन (यूआरडीपीएफआई) दिशानिर्देश, 2014 आदि।

जल शक्ति अभियान: कैच रेन (जेएसए: सीटीआर) राष्ट्रव्यापी पहल है जो प्रतिवर्ष लागू की जाती है और जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण पर केंद्रित है। यह अभियान केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों की विभिन्न योजनाओं जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), अटल कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन मिशन (एएमआरयूटी), प्रति बूंद अधिक फसल, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत मरम्मत, नवीनीकरण और पुनरुद्धार घटक, प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा), वित्त आयोग अनुदान आदि के माध्यम से अभिसरण वित्तपोषण पर बल देता है।

जेएसए:सीटीआर को और मजबूत करने के लिए, जल शक्ति अभियान: कैच रेन (जेएसए: सीटीआर) के अंतर्गत 6 सितंबर 2024 को गुजरात के सूरत में "जल संचय जन भागीदारी" (जेएसजेबी) पहल शुरू की गई। यह अभियान संतृप्ति मोड में कम लागत वाली वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण के लिए सामुदायिक लामबंदी को तेज करने पर केंद्रित है। जल संचय कार्यक्रम गुजरात में सामुदायिक निधि, व्यक्तिगत दान, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि आदि का लाभ उठाकर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके बोरवेल, रिचार्ज शाफ्ट, रिचार्ज पिट जैसी कम लागत वाली संरचनाओं का निर्माण करके शुरू किया गया है ताकि वर्षा जल का संचयन किया जा सके, भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके और जल समस्याओं के लिए स्थानीय स्तर पर अनुकूलित समाधान प्रदान किया जा सके।

भूजल प्रबंधन एवं विनियमन योजना के अंतर्गत, केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) देश में रिचार्ज पिट सहित कई सफल कृत्रिम रिचार्ज परियोजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल रहा है। यह प्रदर्शन के उद्देश्य से राज्य सरकारों को उपयुक्त जल-भूवैज्ञानिक परिस्थितियों में इसे दोहराने में सक्षम बनाता है।  वर्षा जल संचयन प्रणालियों को लागू करने में राज्यों और स्थानीय निकायों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए, विशेष रूप से जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में, भारत सरकार ने व्यापक, बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। इस रणनीति के तहत, केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ) और तकनीकी अधिकारी (टीओ) जिलों की सुविधा और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय दौरे करते हैं।

भूजल प्रबंधन और विनियमन (जीडब्ल्यूएमआर) योजना केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम है। इसके अंतर्गत, सीजीडब्ल्यूबी ग्रामीण क्षेत्रों सहित जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पहलों के लिए राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है। चूँकि जीडब्ल्यूएमआर का कार्यान्वयन केंद्रीय स्तर पर होता है, इसलिए सभी गतिविधियाँ सीधे सीजीडब्ल्यूबी द्वारा संचालित की जाती हैं।

पेयजल राज्य विषय होने के कारण, जल जीवन मिशन सहित पेयजल आपूर्ति योजनाओं की स्कीम, अनुमोदन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव की ज़िम्मेदारी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की है। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों का समर्थन करती है।  अगस्त, 2019 से भारत सरकार, राज्यों के साथ साझेदारी में, पूर्ववर्ती राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) का पुनर्गठन और समावेश करके जल जीवन मिशन (जेजेएम) को कार्यान्वित कर रही है। इसका उद्देश्य कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से देश भर के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत, राज्यों को अन्य योजनाओं ( जैसे मनरेगा, एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी), स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थानों को 15वें वित्त आयोग से संबद्ध अनुदान, राज्य योजनाओं, सीएसआर निधियों आदि) के साथ समन्वय करके, जल स्रोतों के पुनर्भरण, जैसे समर्पित बोरवेल पुनर्भरण संरचनाएँ, वर्षा जल पुनर्भरण, मौजूदा जल निकायों का पुनरुद्धार, ग्रेवाटर का पुन: उपयोग आदि के लिए सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, जल शक्ति अभियान: कैच रेन (जेएसए: सीटीआर) अभियान जनभागीदारी से जमीनी स्तर पर जल संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त, जल संसाधन विकास और प्रबंधन से संबंधित कार्यों की योजना, वित्तपोषण, कार्यान्वयन और रखरखाव राज्य सरकारों द्वारा अपने संसाधनों और प्राथमिकताओं के अनुसार किया जाता है।

इसके अलावा, जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों के गाँवों में, बहुमूल्य मीठे पानी को बचाने के लिए, राज्यों को दो पाइप की जल आपूर्ति प्रणाली वाली नई जल आपूर्ति योजना बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। दो पाइप की जल आपूर्ति प्रणाली का अर्थ एक पाइप में मीठे पानी की आपूर्ति और दूसरे पाइप में गैर-पेय बागवानी/शौचालय फ्लशिंग के लिए उपचारित अपशिष्ट जल की आपूर्ति करना है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों के परिवारों को नल के एरेटर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे उनके घर के अंदर इस्तेमाल होने वाले कई नलों में पानी की काफी बचत होती है।

यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/पीके


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