इस्‍पात मंत्रालय
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इस्पात उत्पादन क्षमता का विस्तार

Posted On: 22 JUL 2025 6:06PM by PIB Delhi

इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है और सरकार इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत वातावरण बनाकर एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करती है। सरकार ने इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे:-

  1. सरकारी खरीद के लिए 'मेड इन इंडिया' इस्पात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन।
  2. देश के भीतर 'स्पेशलिटी स्टील' के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का शुभारंभ।
  3. केन्द्रीय बजट में बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर दिया गया है, जिससे इस्पात की खपत में वृद्धि हुई है।
  4. इनपुट लागत को कम करने के लिए फेरो निकेल और फेरस स्क्रैप के आयात पर मूल सीमा शुल्क में अंशांकन।
  5. घरेलू इस्पात उद्योग को आयात पर विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने के लिए आयात की निगरानी हेतु इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस) का पुनर्गठन।
  6. इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करना, जिससे घरेलू बाजार में बुरे/दोषपूर्ण इस्पात उत्पादों के साथ-साथ आयात पर प्रतिबंध लगाया जा सके, ताकि उद्योग, उपयोगकर्ताओं और आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

स्क्रैप रीसाइक्लिंग को अधिकतम करने और पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए इस्पात उद्योग में वृत्ताकार अर्थव्यवस्था प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई पहल इस प्रकार हैं:-

  1. स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति, 2019 विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न लौह स्क्रैप के पुनर्चक्रण को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ समन्वय ढांचा प्रदान करती है।
  2. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एम.ओ.आर.टी.एच.) ने वाहन स्क्रैपिंग नीति तैयार की है जिसमें पुराने, अनुपयुक्त प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने हेतु एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु प्रोत्साहन/निषेध की एक प्रणाली शामिल है। इस नीति के अंतर्गत, एम.ओ.आर.टी.एच. ने वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आर.वी.एस.एफ.) के पंजीकरण और कार्यों के लिए नियम जारी किए हैं, जो पर्यावरणीय नियमों के तहत धातु और अन्य सामग्रियों की आगे की वसूली के लिए, जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों (ई.एल.वी.) के प्रदूषण-मुक्ति और विघटन हेतु आवश्यक प्रक्रियाओं और अवसंरचनात्मक सुविधाओं का प्रावधान करते हैं।
  3. भारत सरकार ने पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से खतरनाक और अन्य अपशिष्टों के सुरक्षित संचालन, भंडारण, पुनर्चक्रण, उपयोग, उपचार और निपटान को सुनिश्चित करने के लिए खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन और सीमापार संचलन) नियम, 2016 को अधिसूचित किया है।
  4. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण (जीवन समाप्ति वाहन) नियम, 2025 प्रस्तुत किया है, जो पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ तरीके से जीवन समाप्ति वाहनों (ईएलवी) के प्रबंधन के लिए एक रूपरेखा स्थापित करता है और विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) को अनिवार्य बनाता है, जिसके तहत वाहन उत्पादकों को वाहन के प्रकार और प्राप्त सामग्री के आधार पर वार्षिक स्क्रैपिंग लक्ष्यों को पूरा करना आवश्यक होता है।
  1. पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जहाज पुनर्चक्रण अधिनियम, 2019 को अधिसूचित किया गया है, जिसका उद्देश्य जहाजों के सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित पुनर्चक्रण को विनियमित करना और बढ़ावा देना है।

यह जानकारी इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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एमजी/केसी/एसजी


(Release ID: 2147217)
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