भारी उद्योग मंत्रालय
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पीएम ई-ड्राइव और पीएलआई योजनाएं

Posted On: 22 JUL 2025 8:21PM by PIB Delhi

भारत सरकार द्वारा 29.09.2024 को दो वर्षों की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना अधिसूचित की गई। यह योजना निम्नलिखित तरीकों से उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करती है:

उपभोक्ता: यह योजना इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते समय इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को अग्रिम सब्सिडी प्रदान करने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रक खरीदने वालों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए कुल 3,679 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनका विवरण नीचे दिया गया है:

क्रम सं.

खंड

कुल सब्सिडी राशि (करोड़ रुपये में)

ईवी की संख्या

1.

ई-2डब्ल्यू

1,772

24.79 लाख

2.

ई-3डब्ल्यू

907

3.15 लाख

3.

ई-एम्बुलेंस

500

-

4.

ई-ट्रक

500

5,643

साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के अलावा, पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:

  1. 14,028 ई-बसों के लिए 4,391 करोड़ रुपये का आवंटन।
  2. ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन
  3. परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन के लिए 780 करोड़ रुपये का आवंटन

 

अधिक जानकारी https://pmedrive.heavyindustries.gov.in पर उपलब्ध है।

निर्माता : पीएम ई-ड्राइव योजना के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम का अनुपालन आवश्यक है, जो विनिर्माण के स्वदेशीकरण को अनिवार्य बनाता है। यह देश में ऑटोमोटिव आपूर्ति श्रृंखला में अनुकूलन को बढ़ावा देता है।

ऑटोमोबाइल और ऑटो कल-पुर्जे (पीएलआई ऑटो) के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, चैंपियन ओईएम श्रेणी के आवेदकों को उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक (एएटी) वाहनों की निर्धारित (वृद्धिशील) बिक्री पर 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है, और कंपोनेंट चैंपियन श्रेणी के आवेदकों को एएटी कंपोनेंट (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के एएटी कंपोनेंट के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है) की निर्धारित बिक्री पर 7.2 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) अनिवार्य है, जो ऑटोमोटिव आपूर्ति श्रृंखला में भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देता है।

पीएलआई एडवांस केमिस्ट्री सेल योजना उन सेलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करती है, जिनका उपयोग, अन्य बातों के अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में किया जाता है। इन सेलों का घरेलू उत्पादन भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।

पीएलआई ऑटो योजना के अंतर्गत, 31.03.2025 तक कुल निवेश 29,576 करोड़ रुपये रहा और 44,987 (संख्या) रोजगार सृजित हुए। स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के लिए, पीएलआई ऑटो योजना में प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत डीवीए अनिवार्य है और 16.07.2025 तक, अनुमोदित आवेदकों को 106 डीवीए प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं।

उपर्युक्त योजनाएं अखिल भारतीय योजनाएं हैं और शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं हैं। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ईवीएन चार्जिंग सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्यों और निजी भागीदारी के समन्वय पर काम किया जा रहा है। पीएलआई ऑटो योजना, एएटी उत्पादों के उत्पादन/बिक्री को प्रोत्साहित करके उनकी घरेलू आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को बढ़ावा देती है।

इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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