कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
भारत मंडपम में कौशल भारत मिशन के 10 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया गया और भविष्य की रूपरेखा का अनावरण किया गया
स्कूल जाने वाले वैसे बच्चे जो कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के लिए तैयार हैं, उनकी सबसे बड़ी आबादी के साथ भारत का लक्ष्य दुनिया का नेतृत्व करना है : केंद्रीय मंत्री श्री जयंत चौधरी
दुनिया की सबसे बड़ी स्कूल जाने वाली आबादी को एआई से प्रशिक्षित करने के लिए एसओएआर पहल शुरू की गई
वैश्विक और राष्ट्रीय संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों ने समावेशी, भविष्य-तैयार कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए रोडमैप निर्धारित किया
Posted On:
22 JUL 2025 8:30PM by PIB Delhi
भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने कहा कि अगले छह महीनों में भारत की स्कूल जाने वाली बड़ी आबादी विश्वास के साथ विश्व से कह सकती है कि हम युवा शिक्षार्थियों के लिए भारत विश्व के सबसे बड़े नेटवर्क का घर है, जिसे न केवल एआई से परिचित कराया जा रहा है बल्कि वे सक्रिय रूप से इसका उपयोग और अनुप्रयोग भी कर रहे हैं। यह वह भविष्य है जिसका हम निर्माण कर रहे हैं, जो साहसिक, तकनीक-प्रेमी और नेतृत्व के लिए तैयार है। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में कौशल भारत मिशन, भारत स्किल नेक्स्ट 2025 के 10 साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने समारोह को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में मिशन की उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया और भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भविष्य की रूपरेखा का अनावरण किया गया।
श्री चौधरी ने कहा कि कौशल भारत की यात्रा ने हमें दिखाया है कि कौशल विकास कोई विकल्प नहीं है बल्कि यह आधार है। चाहे वह अनुभवी व्यक्तियों का पुनः प्रशिक्षण हो, उद्यमिता की खोज करती ग्रामीण महिलाएं हों या कृत्रिम बुद्धिमता को अपनाने वाले युवा छात्र हों, हर कहानी इस बात की पुष्टि करती है कि भारत का भविष्य प्रतिभा को पहचानने, काम की गरिमा को बहाल करने और कौशल के माध्यम से अवसर पैदा करने में निहित है। एसओएआर जैसी पहल स्कूल स्तर से एआई को एकीकृत करने में भारत की न केवल प्रौद्योगिकी को अपनाने बल्कि इसमें अग्रणी होने की महत्वाकांक्षा का संकेत देती है। जैसे-जैसे हम विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट है कि भारत संयोगवश विकसित राष्ट्र नहीं बनेगा, बल्कि यह योजनाबद्ध तरीके से बनेगा। इस डिजाइन के केंद्र में कुशल, आत्मविश्वासी और भविष्य के लिए तैयार हो रहे हमारे लोग हैं।
इस अवसर पर भारत के कौशल परिदृश्य के भविष्य को आकार देने के उद्देश्य से कई प्रमुख उपक्रमों का शुभारंभ किया गया। इनमें इंडिया स्किल्स 2025-2026 परिचालन दिशानिर्देश और पंजीकरण पोर्टल, एसओएआर (स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस) एनसीवीईटी का कौशल वर्स डिजिटल एंटरप्राइज पोर्टल, मूल्यांकन एजेंसियां और पुरस्कार देने वाले निकाय दिशानिर्देश और ऑल न्यू अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग पोर्टल शामिल हैं। इस दौरान रिपोर्ट और हैंडबुक जारी की गईं, जिनमें इंडिया सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स स्ट्रैटेजी, स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड रिपोर्ट, विकेंद्रीकृत योजना पुस्तक और जेएसएस एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स ट्रेनर हैंडबुक शामिल हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने कहा कि जैसा कि हम स्किल इंडिया मिशन की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, यह स्पष्ट है कि कौशल विकास केवल एक प्राथमिकता नहीं है। यह एक ऐसा रिमोट है जो भारत के परिवर्तन की कुंजी रखता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम अपने युवाओं को तैयार करने के तरीके में एक पीढ़ीगत बदलाव देख रहे हैं। उन्हें न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने, योगदान करने और नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहे हैं। एसओएआर के माध्यम से स्कूल स्तर पर एआई शिक्षा को एकीकृत करने से लेकर यह सुनिश्चित करने तक कि हमारे युवा नौकरी या उद्यम के लिए तैयार हैं, हम ऐसे कौशल को बढ़ावा दे रहे हैं जो जीवन में बदलाव लाते हैं। आज कौशल विकास का अर्थ वैश्विक गतिशीलता, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलता और डिजिटल उत्पादकता के लिए तत्परता से है। एफटीए, सेमीकंडक्टर निर्माण और एआई शिखर सम्मेलन जैसी पहल के साथ भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। जैसे-जैसे हम इस यात्रा को जारी रखते हैं, कार्रवाई से लेकर प्रभाव तक यह सुनिश्चित करना हमारी साझा जिम्मेदारी है कि प्रतिभा और प्रशिक्षण से यक्त प्रत्येक युवा भारतीय को समान अवसर और अवसर की दुनिया मिले।
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि आज हम भारत के शैक्षिक दर्शन में एक शक्तिशाली बदलाव का उत्सव मना रहे हैं, जहां कौशल और ज्ञान साथ-साथ चलते हैं, जहां सीखने का हर रूप मायने रखता है और प्रत्येक शिक्षार्थी को आगे बढ़ने का अधिकार है। हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से निर्देशित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा में ला दिया है और कौशल को भारत की शैक्षिक यात्रा के केंद्र में रखा है। नैशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क और स्कूल स्तर से एसओएआर और एआई-एकीकृत शिक्षा जैसी पहलों के साथ हम अपनी कार्यप्रणाली में सही विकल्प, गतिशीलता और अवसर का निर्माण कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर प्रौद्योगिकी केन्द्रों तक हम शिक्षार्थियों की एक पीढ़ी को देख रहे हैं, विशेषकर हमारी बेटियों को जो आत्मविश्वास, रचनात्मकता और जिज्ञासा के साथ सामने आ रही हैं। यह सिर्फ युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के बारे में नहीं है; यह उन्हें जीवन के लिए तैयार करने के बारे में है। हम एमएसडीई, शिक्षा मंत्रालय, राज्यों, शिक्षा जगत और उद्योग के साथ मिलकर एक विकसित भारत के लिए कौशल भारत का निर्माण कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान कई उच्च-प्रभावी समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी हुआ, जिसने सार्वजनिक-निजी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। इनमें से उल्लेखनीय था एमएसडीई और फ्रांसीसी गणराज्य की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ ने कहा कि पारस्परिक सम्मान और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर आधारित व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भारत-फ्रांस साझेदारी भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। आज का समझौता ज्ञापन महज एक दस्तावेज नहीं है, यह दो राष्ट्रों के बीच एक सेतु है जो युवाओं को सशक्त बनाने, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करने और कौशल-आधारित शिक्षा के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे-जैसे भारत स्किल इंडिया मिशन के तहत लाखों लोगों को प्रशिक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और फ्रांस अपनी महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण नीतियों को आगे बढ़ा रहा है, हमारा सहयोग नई सीमाओं को खोल रहा है। संयुक्त पाठ्यक्रम से लेकर उत्कृष्टता केन्द्रों तक, प्रतिभा विनिमय से लेकर नवाचार आधारित प्रशिक्षण तक, हम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल की नींव रख रहे हैं। यह साझेदारी हमारी इस धारणा को प्रतिबिंबित करती है कि कौशल केवल रोजगार के साधन नहीं हैं बल्कि वे सम्मान, प्रगति और वैश्विक सद्भाव के साधन भी हैं।
अन्य समझौता ज्ञापनों में डीएसटी योजना के तहत एनएसटीआई बेंगलुरु और एसएलएन टेक्नोलॉजी, ग्रामीण ऊष्मायन के लिए एनएसटीआई मुंबई और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के बीच साझेदारी हुई। इसके अलावा पीएमकेवीवाई की संस्थागत सुदृढ़ीकरण रणनीति के तहत आरडीएसडीई और प्रमुख उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों, जिनमें डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोसॉफ्ट, एचसीएल, अपोलो मेडस्किल्स, और आईआईटी पटना, आईआईआईटी ऊना, आरआरयू गांधी नगर, आईआईटी हैदराबाद और एनआईटी अगरतला जैसे प्रमुख संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस), राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), जेएसएस, पीएम विश्वकर्मा, स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के अभ्यर्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और एमएसडीई योजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभाव को रेखांकित किया। इसके बाद इन प्रमुख योजनाओं में उच्च उपलब्धि प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सम्मानित किया गया। व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने में उत्कृष्टता को उजागर करते हुए छह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आईटीआई को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से सांसद श्री अंबिका जी एल वाल्मीकि, पंजाब से राज्यसभा सांसद श्री विक्रमजीत सिंह साहनी और एमएसडीई के सचिव श्री रजित पुन्हानी भी उपस्थित थे। इसमें देश भर से सीनियर नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के लीडर, क्षेत्रीय विशेषज्ञ और लाभार्थियों की उपस्थिति भी शामिल थी।
इस अवसर पर कई तरह की शुरुआत की गई और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए जो नीचे साझा किए गए हैं : -
एमएसडीई ने आधिकारिक तौर पर इंडियास्किल्स 2025-2026 का शुभारंभ किया, जो वैश्विक कौशल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पंजीकरण विंडो की शुरुआत है। इसके साथ ही, इंडियास्किल्स 2025 के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए गए, जिसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान की गई। पंजीकरण लिंक:
https://www.skillindiadigital.gov.in/account/register?returnUrl=%2Findia-skills-2025&utm_source=BannerClicks&utm_medium=Web&utm_campaign=IndiaSkills
एमएसडीई ने एक राष्ट्रीय स्तर की पहल एसओएआर (स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस) भी शुरू की, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों (कक्षा 6-12) के बीच एआई जागरूकता और आधारभूत कौशल को विकसित करना तथा शिक्षकों के बीच एआई साक्षरता का निर्माण करना है। यह कार्यक्रम विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में एआई शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करके डिजिटल विभाजन को कम करने का प्रयास करता है, जिससे समावेशी, भविष्य के लिए तैयार कौशल के राष्ट्रीय एजेंडे को समर्थन मिलता है। एसओएआर में छात्रों के लिए तीन प्रगतिशील 15 घंटे के मॉड्यूल -एआई टू बी अवेयर, एआई टू एक्वायर और एआई टू एस्पायर है। साथ ही शिक्षकों के लिए एआई फॉर एजुकेटर्स नामक एक स्वतंत्र 45 घंटे का मॉड्यूल शामिल है। यह कार्यक्रम एआई की मूल बातें, जनरेटिव एआई, दैनिक जीवन में एआई, प्रोग्रामिंग की बुनियादी बातें, नैतिकता, साइबर सुरक्षा और भविष्य के कैरियर के अवसर जैसी अवधारणाओं से परिचित कराता है।
मंत्री ने कौशल प्रभाव बांड (एसआईबी) की भी घोषणा की, जो कौशल विकास और रोजगार के लिए भारत का पहला और दुनिया का सबसे बड़ा परिणाम-आधारित विकास प्रभाव बांड है। एनएसडीसी के माध्यम से एमएसडीई के नेतृत्व में, एसआईबी ने रोजगार परिणामों पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित करते हुए कौशल विकास के वित्तपोषण के तरीके में परिवर्तन लाने के लिए 14.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) ने अपने उन्नत डिजिटल एंटरप्राइज पोर्टल (डीईपी) का संचालन शुरू कर दिया है, जिसका आधिकारिक नाम कौशलवर्स रखा गया है। इस अत्याधुनिक मंच को एनसीवीईटी के मुख्य विनियामक कार्यों को सुव्यवस्थित और लोकतांत्रिक बनाने के लिए विकसित किया गया है, ताकि कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके।
एनसीवीईटी ने मूल्यांकन एजेंसियों की मान्यता और विनियमन के लिए संशोधित व्यापक दिशानिर्देश - 2025 भी जारी किए। ये दिशानिर्देश देश भर में मानकीकृत, पारदर्शी और परिणाम-आधारित मूल्यांकन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
एनसीवीईटी ने विकसित शिक्षा और रोजगार पारिस्थितिकी तंत्र और एनईपी 2020 और नैशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के साथ संरेखित करने के लिए, पुरस्कार देने वाले निकायों की मान्यता और विनियमन के लिए संशोधित दिशानिर्देश (2025) का भी शुभारंभ किया। ऐसे दिशानिर्देश व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा प्रणालियों में एकीकृत करने पर जोर देते हैं और अनुकूल, बहुविषयक शिक्षण मार्गों को बढ़ावा देते हैं।
मंत्री ने संकल्प कार्यक्रम के तहत विकसित 'विकेंद्रीकृत योजना के माध्यम से कौशल विकास में परिवर्तन' नामक पुस्तक का भी विमोचन किया। यह पुस्तक इस बात का व्यापक विवरण प्रस्तुत करती है कि किस प्रकार भारत भर में जिला कौशल समितियों द्वारा तैयार की गई जिला कौशल विकास योजनाओं (डीएसडीपी) ने शीर्ष-स्तरीय नीति से जमीनी स्तर पर कौशल नियोजन की दिशा में बदलाव किया है। एनसीवीईटी ने एमएसडीई के साथ मिलकर एक रणनीति रिपोर्ट की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत की कार्यबल क्षमताओं को वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य शृंखला की उभरती मांगों के साथ जोड़ना करना है। रिपोर्ट में सेमीकंडक्टर मूल्य शृंखला में कौशल आवश्यकताओं की पहचान की गई है, जिसमें डिजाइन, निर्माण, असेंबली टेस्टिंग मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) और सहायक सेवाएं शामिल हैं।
मंत्री ने जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) के उपभोक्ताओं के लिए 60 घंटे की रोजगार कौशल पुस्तिका भी जारी की। विशेष रूप से निरक्षरों, नवसाक्षरों और स्कूल छोड़ने वालों के लिए तैयार की गई यह अनुकूलित पुस्तिका, शिक्षार्थियों को स्वरोजगार और वेतन रोजगार के लिए आवश्यक आधारभूत कौशल से सुसज्जित करती है। 1एम1बी के सहयोग से विकसित इस पुस्तिका में संचार, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, ग्राहक सेवा, उद्यमिता और कैरियर की तैयारी सहित व्यावहारिक मॉड्यूल शामिल हैं।
उन्नत उपयोगकर्ता इंटरफेस और उपयोगकर्ता अनुभव (यूआई/यूएक्स) की सुविधा वाला नया प्रशिक्षुता प्रशिक्षण (एटी) पोर्टल भी लॉन्च किया गया। उन्नत पोर्टल को प्रशिक्षुता जीवन चक्र को पंजीकरण से लेकर बोर्डिंग से लेकर प्रमाणन तक नियोक्ताओं, प्रशिक्षुओं और प्रशिक्षण प्रदाताओं सहित सभी हितधारकों के लिए सरल, तेज और अधिक सहज बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
एमएसडीई के साथ समझौता ज्ञापन :
- डीजीटी के तहत आरडीएसडीई तेलंगाना और अपोलो हॉस्पिटल्स की स्वास्थ्य सेवा कौशल शाखा अपोलो मेडस्किल्स के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा और संबद्ध क्षेत्रों में उद्योग-प्रासंगिक और नौकरी-उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- एमएसडीई के अंतर्गत डीएसटी योजना के तहत एनएसटीआई बेंगलुरु में 'सेमीकंडक्टर तकनीशियन' पाठ्यक्रम के लिए एसएलएन टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एसएलएन टेक्नोलॉजीज के साथ दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली के तहत कार्यान्वित इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स में कुशल बनाना है।
- उद्योग-संरेखित कौशल विकास को मजबूत करने के लिए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), ऊना के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) के रूप में, आईआईआईटी ऊना उभरती नौकरी भूमिकाओं में उच्च गुणवत्ता वाले आकांक्षापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करेगा। पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत यह हिमाचल प्रदेश के ऊना में 120 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी-आईटीईएस क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा-विशेष रूप से इलेक्ट्रिकल तकनीशियन और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर के रूप में-क्षेत्र की गहरी तकनीक और डिजिटल कार्यबल की जरूरतों का समर्थन करेगा।
- उद्योग की जरूरतों के अनुरूप व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में आईआईटी हैदराबाद पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत एक प्रशिक्षण भागीदार के रूप में काम करेगा और उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम और अपडेटेड सिलेबस प्रदान करेगा। तेलंगाना के संगारेड्डी में, यह इलेक्ट्रॉनिक्स, हाइड्रोकार्बन और पूंजीगत वस्तुओं के क्षेत्र में 280 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा, जिसमें सीएनसी प्रोग्रामर, एआई-एमएल इंजीनियर और ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजिस्ट जैसी भूमिकाएं शामिल होंगी।
- राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के माध्यम से उद्योग-संरेखित कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी पटना के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, आईआईटी पटना, बिहार के पटना में कृषि, हरित रोजगार, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में 1,440 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। प्रस्तावित नौकरी की भूमिकाओं में किसान ड्रोन ऑपरेटर, ईवी सेवा तकनीशियन, बायोमास डिपो ऑपरेटर, बुजुर्ग देखभाल करने वाले और एआर/वीआर इंजीनियर शामिल हैं-जो इस क्षेत्र में टिकाऊ, समावेशी और तकनीक-सक्षम विकास का समर्थन करते हैं।
- पारंपरिक और तकनीक-संचालित नौकरी भूमिकाओं के मिश्रण के माध्यम से कौशल बढ़ाने के लिए एनआईटी अगरतला के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में एनआईटी अगरतला पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत पश्चिम त्रिपुरा में 370 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। प्रशिक्षण ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, हस्तशिल्प और आईटी-आईटीईएस जैसे क्षेत्रों में होगा। इसमें ऑटोमोटिव आईओटी तकनीशियन, सीएनसी प्रोग्रामर, बांस के काम में लगे कारीगर और एआई-डेटा वैज्ञानिक सहित भूमिकाएं शामिल हैं-जो समावेशी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल विकास का समर्थन करती हैं।
- राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के माध्यम से कौशल विकास को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत आरआरयू गुजरात के गांधीनगर में सौंदर्य और कल्याण, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी-आईटीईएस और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में 240 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। प्रस्तावित नौकरी की भूमिकाएं-योग वेलनेस ट्रेनर, एआई एंड साइबर सिक्योरिटी असोसिएट, आईओटी असोसिएट और फायर सेफ्टी ऑफिसर-भविष्य के लिए तैयार और समग्र कार्यबल का निर्माण करने के लिए डिजिटल, वेलनेस और सुरक्षा-केंद्रित कौशल को जोड़ती हैं।

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(Release ID: 2147121)