वित्त मंत्रालय
मार्च 2021 से मार्च 2025 तक सकल एनपीए 9.11% से घटकर 2.58% रह गया है
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीए की वसूली तथा कमी के लिए व्यापक ढांचा लागू किया
संरचनात्मक और संस्थागत सुधारों को अपनाया गया; आईबीसी, डीआरटी और शीघ्र समाधान के लिए आरबीआई के मानदंडों में विवेकपूर्ण बदलाव
Posted On:
22 JUL 2025 4:31PM by PIB Delhi
पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में गिरावट आई है। मार्च 2021 से मार्च 2025 तक एनपीए 9.11% से घटकर 2.58% रह गया है। विवरण निम्नानुसार है:
राशि करोड़ रुपये में
दिनांक तक
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सकल एनपीए
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सकल एनपीए अनुपात (%)
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31.03.2021
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6,16,616
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9.11
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31.03.2022
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5,40,958
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7.28
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31.03.2023
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4,28,197
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4.97
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31.03.2024
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3,39,541
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3.47
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31.03.2025
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2,83,650
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2.58
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स्रोत: आरबीआई (वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतिम डेटा)
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एनपीए की वसूली तथा उसे कम करने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं। इन सुधारों में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:
ऋण संस्कृति में परिवर्तन हुआ है, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) ने ऋणदाता-उधारकर्ता संबंधों को मौलिक रूप से बदल दिया है, प्रमोटरों/मालिकों से चूककर्ता कंपनी का नियंत्रण छीन लिया है और जानबूझकर चूक करने वालों को समाधान प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। प्रक्रिया को पहले से अधिक कठोर बनाने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट देनदार के व्यक्तिगत गारंटर को भी आईबीसी के दायरे में लाया गया है।
वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 तथा ऋण वसूली एवं दिवालियापन अधिनियम को भी पहले से अधिक प्रभावी बनाने के लिए संशोधन किये गए हैं।
ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) का वित्तीय क्षेत्राधिकार 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया, ताकि डीआरटी उच्च मूल्य के मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकें, जिसके परिणामस्वरूप बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अधिक वसूली हो सके।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एनपीए खातों की प्रभावी निगरानी और संबंधित अनुवर्ती कार्रवाई के लिए विशेष बलाघातित परिसंपत्ति प्रबंधन साधन व शाखाएं स्थापित की हैं, जिससे त्वरित एवं बेहतर समाधान/वसूली में मदद मिलती है। बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट की तैनाती और फीट-ऑन-स्ट्रीट मॉडल को अपनाने से भी बैंकों में एनपीए की वसूली में तेजी आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बलाघातित परिसंपत्तियों के समाधान हेतु प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क जारी किया गया था, ताकि इस तरह की परिसंपत्तियों की शीघ्र पहचान, रिपोर्टिंग व समयबद्ध समाधान के लिए एक ढांचा प्रदान किया जा सके। इसके साथ ही समाधान योजना को शीघ्र अपनाने के उद्देश्य से ऋणदाताओं को प्रोत्साहन भी दिया जा सके।
भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों के पास पेशेवर रूप से योग्य स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा संपत्तियों के निरूपण के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति है। आरबीआई ने बैंकों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता के आधार पर पेशेवर मूल्यांकनकर्ताओं की नियुक्ति हेतु एक विशेष प्रक्रिया तैयार करने और मूल्यांकनकर्ताओं की अनुमोदित सूची का एक रजिस्टर बनाए रखने का निर्देश जारी किया है।
अचल संपत्तियों का मूल्यांकन निरूपण प्रक्रिया के एक भाग के रूप में उधारकर्ता को ऋण स्वीकृत करने से पहले और एसएआरएफएईएसआई अधिनियम, 2002 के तहत बकाया राशि वसूलने के लिए बिक्री से पूर्व किया जाता है। बैंक पारदर्शिता बनाए रखने के लक्ष्य के साथ 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक मूल्य की संपत्तियों के लिए न्यूनतम दो स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त करते हैं। बैंक किसी एनपीए खाते के लिए सुरक्षा हित लागू होने पर संपत्ति का कब्जा ले लेता है और उसे बेचने से पहले एक अनुमोदित मूल्यांकनकर्ता से आवश्यक सूचना प्राप्त करता है। आरबीआई ने बैंकों द्वारा इस तरह की फंसी हुई संपत्तियों की बिक्री पर अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि संपत्तियों की बिक्री हेतु ई-नीलामी का उपयोग एक वांछनीय माध्यम है क्योंकि यह विभिन्न प्रकार के उधारकर्ताओं को आकर्षित करेगा और बेहतर मूल्य निर्धारण में सक्षम होगा।
आय पहचान, परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान (आईआरएसी) मानदंडों पर 1 जुलाई, 2015 को जारी आरबीआई के मास्टर परिपत्र के अनुसार, बैंक के पक्ष में प्रभारित अचल संपत्तियों जैसे संपार्श्विक का मूल्यांकन पैनलबद्ध मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा तीन वर्षों में एक बार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, फरवरी 2014 में आरबीआई द्वारा जारी संयुक्त ऋणदाता फोरम (जेएलएफ) के दिशानिर्देश बैंकों को प्रतिभूति मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर बताने वाले मूल्यांकनकर्ताओं से स्पष्टीकरण मांगने और उसके बाद उनके नाम भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को रिपोर्ट करने का अधिकार देते हैं।
यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2147018)