कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण तक बेहतर पहुँच
Posted On:
21 JUL 2025 7:37PM by PIB Delhi
भारत सरकार कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं सहित देश के युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। कौशल भारत मिशन (एसआईएम) के अंतर्गत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) देश भर में महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों के लिए विभिन्न योजनाओं जैसे, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशल, पुनः कौशल और अप-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। एसआईएम का उद्देश्य भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और उद्योग-प्रासंगिक कौशल से सुसज्जित करना है।
कौशल विकास कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, परिवहन तथा बोर्डिंग और लॉजिंग पर खर्च को पूरा करने के साथ-साथ प्लेसमेंट के बाद सहायता बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, हस्तशिल्प और परिधान जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं की अधिक भागीदारी को आकर्षित करने के लिए तैयार किए गए हैं। कौशल केंद्र और विशेष परियोजनाएँ महिलाओं के नामांकन को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करती हैं। परियोजनाओं को स्थानीय कौशल माँगों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को कौशल विकास योजनाओं में भाग लेने और लाभान्वित होने के अवसर प्राप्त होते हैं।
यह समावेशी दृष्टिकोण देश भर के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व और लाभ सुनिश्चित करता है। साथ ही, एनएपीएस योजना में, सेवा क्षेत्र (वैकल्पिक व्यापार) में ट्रेडों की शुरूआत से शिक्षुता में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। महिला शिक्षुओं का प्रतिशत 2024-25 में 22.79 प्रतिशत से बढ़कर 2025-26 में 25.80 प्रतिशत हो गया है।
जेएसएस योजना के अंतर्गत; महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जेएसएस के तहत 80 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। साथ ही, महिलाओं के लिए विशेष रूप से 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) और 300 से अधिक आईटीआई हैं। भारत सरकार ने सभी आईटीआई (सरकारी और निजी) में सभी पाठ्यक्रमों में महिला उम्मीदवारों के लिए 30 प्रतिशत सीटों के आरक्षण को मंजूरी दी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से एमएसडीई ने युवा किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकांक्षाओं का पोषण - नव्या नामक एक संयुक्त पहल शुरू की है। नव्या एक प्रायोगिक पहल है जिसका उद्देश्य 16-18 वर्ष की आयु की किशोरियों को कक्षा 10 की न्यूनतम योग्यता के साथ मुख्य रूप से गैर-पारंपरिक नौकरी-भूमिकाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण से सुसज्जित करना है।
इसके अलावा, एमएसडीई ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के सहयोग से फरवरी 2025 में पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और उत्तर प्रदेश तथा तेलंगाना में स्वावलंबिनी- एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम शुरू किया। कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमिता जागरूकता प्रशिक्षण (ईएपी) और उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) के माध्यम से छात्राओं में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना है। राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी इस कार्यक्रम की कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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(Release ID: 2146676)