कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के चतु‍र्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए


श्री चौहान ने पूसा में नवनिर्मित विक्रमशिला छात्रावास और अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह का उद्घाटन किया

“कृषि और जैविक खेती में नवाचार को बढ़ावा दें”: शिवराज सिंह चौहान

“समस्तीपुर मिथिला का प्रवेश द्वार है”: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान

“प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है”: शिवराज सिंह चौहान

“पिछले 11 वर्षों में कृषि उत्पादन में 40% की वृद्धि हुई है”: शिवराज सिंह चौहान

“डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय 'अनुसंधान की जननी' है”: शिवराज सिंह चौहान

“श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि मंत्रालय किसानों को तकनीक के पास ला रहा है”: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा

Posted On: 17 JUL 2025 6:52PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज बिहार के पूसा में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने नवनिर्मित विक्रमशिला छात्रावास और आर्यावर्त अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह का उद्घाटन किया। श्री चौहान ने दो महत्वपूर्ण पुस्तकों - पूसा बिहार: कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा की जननी, और प्राकृतिक खेती पर पाठ्यपुस्तक - का विमोचन भी किया।

अपने संबोधन में, श्री चौहान ने बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की प्रशंसा की और कहा, “समस्तीपुर राजा जनक और भारत की महिलाओं की प्रेरणास्रोत देवी सीता की पावन भूमि मिथिलांचल का प्रवेश द्वार है। भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर का स्मरण करते हुए, श्री चौहान ने आभार व्यक्त किया और कहा कि बिहार प्रतिभा और परिश्रम की भूमि है जिसने विश्‍व को बुद्ध का संदेश दिया है।

स्नातक छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए, श्री चौहान ने कहा, "जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था, आप असीम क्षमताओं के भंडार हैं। कड़ी मेहनत करें, ऊँचे लक्ष्य रखें और अपने ज्ञान का उपयोग कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए करें। पूसा विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा के माध्यम से भारतीय कृषि को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँ।"

उन्होंने पिछले 11 वर्षों की उपलब्धियों का उल्‍लेख किया। इन उपलब्धियों में कृषि उत्पादन में 40% की वृद्धि, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न और 50,000 करोड़ रुपये मूल्य के बासमती चावल का निर्यात शामिल है। बिहार में मक्का, लीची और मखाना उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की सराहना करते हुए, उन्होंने मखाना बोर्ड के गठन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए उन्होंने कहा, "किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा हैं और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है। हमें प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने, छोटे उपकरणों के माध्यम से मशीनीकरण को बढ़ावा देने और स्टार्टअप के माध्यम से आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।"

प्राकृतिक खेती के महत्व पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का भी उल्‍लेख किया जिसके तहत कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए 100 ज़िलों की पहचान की गई है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और शोध को व्यावहारिक समाधानों में लगाएँ और भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान दें।

अपने संबोधन के समापन पर, श्री चौहान ने विश्वविद्यालय के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, "डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय भारतीय कृषि के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मैं हमेशा नए विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता हूँ।" उन्होंने सभी संकाय सदस्यों, छात्रों और विश्वविद्यालय समुदाय को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा की स्थापना 7 अक्टूबर, 2016 को हुई थी, जब तत्कालीन राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय (बिहार सरकार द्वारा 1970 में स्थापित) को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित कर दिया गया था। आज, यह कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने वाली अग्रणी संस्थानों में से एक है।

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर; बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा; बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और समस्तीपुर की सांसद शांभवी भी उपस्थित थी।

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एमजी/केसी/पीपी/आर


(Release ID: 2146018)
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