कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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उत्तराखंड के मोटे अनाज ‘मंडुवा’ व अन्य किस्मों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग करनी होगी – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान


वैज्ञानिकों की असली प्रयोगशाला खेत ही हैं – श्री शिवराज सिंह चौहान

उत्तराखंड में जानवरों से बचाव के लिए खेत की सीमाओं को घेरने के लिए प्रयास होंगे – श्री शिवराज सिंह चौहान

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उत्तराखंड को प्राथमिकता दी जाएगी – श्री शिवराज सिंह

किसान से बड़ा वैज्ञानिक और कोई नहीं हो सकता – श्री शिवराज सिंह चौहान

बागवानी के क्षेत्र में उत्तराखंड विश्व में अपना परचम लहराएंगा – श्री शिवराज सिंह

औषधीय गुणों के कारण ‘काफल’ की दुनिया में बढ़ रही हैं मांग – श्री शिवराज सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उत्तराखंड के किसानों से किया संवाद

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की कृषि की उन्नति के लिए रोडमैप बनाएंगे- श्री चौहान

कृषि मेले के तहत एक बार फिर उत्तराखंड आकर किसानों से करूँगा संवाद – श्री शिवराज सिंह

Posted On: 06 JUN 2025 6:59PM by PIB Delhi

देहरादून के कौलागढ़ में स्थित हिमालयन कल्चरल सेंटर में शुक्रवार को विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। केन्द्रीय कृषि मंत्री, विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से देश भर के किसानों के साथ संवाद कर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री चौहान ने उत्तराखंड के किसानों को देहरादून में संबोधित किया।

हिमालयन कल्चरल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश भर से आये किसानों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है और इसके प्रताप से इसकी ओर सब खींचे चले आते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि व किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री की असली भूमिका जमीनी स्तर पर उतरकर खेतों में जाकर किसानों से सीधा संवाद करके कृषि की उन्नति के लिए कार्य करना है। श्री शिवराज ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के लिए असली प्रयोगशाला खेत ही है, इसलिए हमने ‘लैब टू लैंड’ जोड़ने और 16 हजार वैज्ञानिकों की टीमों के साथ गांव-गांव जाकर ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान' शुरू करने की परिकल्पना की।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के कृषि विभाग का अमला, प्रगतिशील किसान सबकों साथ लेकर इस महाभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 2,170 वैज्ञानिकों की टीमें देशभर में हर क्षेत्र की विशेषता, जलवायु विभिन्नता, मिट्टी की उर्वरक क्षमता हर बारीक जानकारियों पर पूर्व अनुमान के साथ गांव में जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं। उत्तराखंड में भी वैज्ञानिकों की 75 टीमें किसानों से सीधे संवाद कर रही हैं। शोध की जानकारी देकर और उसी के आधार पर आगे की कृषि दिशा तय की जा रही है। किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई और नहीं है। इसलिए इस अभियान के तहत दो तरफा संवाद किया जा रहा है। किसानों भाई-बहनों की व्यावाहारिक समस्याओं को सुनकर समझकर ही आगे के अनुसंधान, नीति, कार्यक्रम और योजना का मार्ग तय होगा।

 

श्री चौहान ने कहा कि उत्तराखंड के जिन भी किसानों से मैंने मुलाकात कि उन्होंने मुझे जानवरों से खेती को बचाने के लिए घेराबाड़ी/तारबाड़ (खेत की सीमाओं को घेरना) की मांग की। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इसके लिए उत्तराखंड को प्राथमिकता दी जाएगी। यह खेती को सुरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में चमत्कार है। यहां की फल और सब्जियों की उपज दूसरे किसी भी क्षेत्र की तुलना में शानदार है। यहां के सेब अब कश्मीर को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं, जो यहां कि बागवानी क्षेत्र की उन्नति को दर्शाता है। श्री चौहान ने उत्तराखंड के फल ‘काफल’ की भी बात की। उन्होंने कहा कि औषधीय गुणों के कारण ‘काफल’ की दुनिया में भी मांग बढ़ रही है। मोटे अनाज के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यहाँ का मोटा अनाज भी अद्भुत है। यहां का पारंपरिक अनाज ‘मंडुवा’ भी अब सब जगह अपनी प्रसिद्धि स्थापित कर रहा है। ‘मंडुवा’ के साथ-साथ ऐसे ही अन्य उपयोगी पारंपरिक अनाजों के उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें प्रयास करना होगा, उत्तम किस्म के बीज बनाने होंगे और साथ ही साथ मार्केटिंग और ब्रांडिग पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज और बाकि फसलों को संरक्षित करके इनके उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा। ऐसा करके हम अपने उत्पादों की विश्व स्तरीय पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं। कई स्थानों पर जैविक तरीके से इनका उत्पादन किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से और भी अधिक लाभदायक है। इसकी महत्ता को देखते हुए हमें इस ओर ठोस प्रयासों के साथ आगे बढ़ना होगा।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखंड की सरकार के सहयोग से मिलकर उत्तराखंड की कृषि में उन्नति के लिए रोडमैप तैयार करेंगे। उत्तराखंड दुनिया में फलों का हब बने, इसके लिए गंभीरता से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के संतुलित प्रयोग से कृषि की लागत कम की जा सकती है। वैज्ञानिक सलाह के साथ जितनी आवश्यकता हो उतना ही कीटनाशक इस्तेमाल होना चाहिए।

अंत में कृषि मंत्री ने सभी किसान भाई-बहनों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड का इस्तेमाल करने और मिट्टी की जरुरत के अनुसार ही उर्वरकों के इस्तेमाल का आह्वान किया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वह 14 तारीख को एक बार फिर से कृषि मेले के अंतर्गत उत्तराखंड आएंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे।

इस अवसर पर श्री गणेश जोशी, कृषि मंत्री, उत्तराखंड सरकार, डॉ सुरेंद्र नारायण पांडेय, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण, उत्तराखंड सरकार, श्री रणवीर सिंह चौहान, महानिदेशक, कृषि एवं बागवानी, उत्तराखंड सरकार, डॉ मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, उत्तराखंड, डॉ त्रिवेणी दत्त निदेशक, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली, उ0प्र के अलावा कई वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

 

देहरादून में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम में प्रदेश भर से आये किसानों को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय @AgriGoI मंत्री श्री @ChouhanShivraj ने बताया कि ये अभियान देश के किसानों और कृषि के लिए क्यों आवश्यक है. वीडियो देखिए ! @DDnews_dehradun @PMOIndia @DIPR_UK pic.twitter.com/8jQGY3Q7MI

— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) June 6, 2025

 

 

 

#विकसित_कृषि_संकल्प_अभियान के अंतर्गत देहरादून के हिमालयन कल्चरल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश भर से आये सैकड़ों किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री@ChouhanShivraj ने संबोधित किया.@AgriGoI@DDnews_dehradun@airnews_ddn@PIBHindi@PMOIndia@DIPR_UK pic.twitter.com/hnGVDJiU1a

— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) June 6, 2025

 

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