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श्रीमती नीलम शमी राव, सचिव, कपड़ा मंत्रालय ने ईएसजी कार्य बल की चौथी बैठक की अध्यक्षता की


कपड़ा सचिव ने कहा, “भारतीय कपड़ा क्लस्टर स्थिरता की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर रहा हैं”

हमारा ध्यान सहयोग, क्लस्टर-आधारित परिवर्तन, सामान्य प्रमाणन एवं क्षमता निर्माण पर केंद्रित: श्रीमती राव

Posted On: 03 JUN 2025 7:56PM by PIB Delhi

 

 

श्रीमती नीलम शमी राव, सचिव, कपड़ा मंत्रालय ने आज ईएसजी कार्य बल की चौथी बैठक की अध्यक्षता की, जिसका उद्देश्य भारतीय कपड़ाएवं परिधान उद्योग के लिए एक सह-निर्माणदृष्टि बनाना है।

इस अवसर पर कपड़ा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री रोहित कंसल, कपड़ा आयुक्त डॉ. एम. बीना, संयुक्त सचिव (फाइबर) श्रीमती पद्मिनी सिंगला, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार सुश्री रेणु लता, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उप महानिदेशक श्री अशोक कुमार, संबंधित मंत्रालयों, उद्योग संघों, ब्रांडों, बहुपक्षीय एजेंसियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के अधिकारी शामिल हुए।बैठक के दौरानपरामर्श सत्र द्वाराप्रमुख संघों एवं विशेषज्ञों के माध्यम से सम्पूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला का प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ।

अपने मुख्य भाषण में, श्रीमती राव ने कहा कि स्थिरता एक अनुभवात्मक सच्चाई है, जो तिरुपुर, सूरत और पानीपत जैसे वस्त्र क्लस्टरों में स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, जहां अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, नवीकरणीय ऊर्जा और कपड़ा अपशिष्ट प्रबंधन जैसे प्रयास बहुत पहले से विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग ने प्रशंसनीय प्रगति हासिल की है तथा उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर इन उपायों को एक सहयोगात्मक एवं सामूहिक दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थिरता अब एक विकल्प नहीं बल्कि भारत के कपड़ा क्षेत्र के भविष्य के लिए एक अनिवार्यता बन चुकी है।

अतिरिक्त सचिव श्री रोहित कंसलने कहा कि स्थिरता भारत की परंपराओं एवं प्रथाओं का अभिन्न अंग है। उन्होंने कपड़ा क्षेत्र में स्थिरता की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया और विभिन्न हितधारकों, जिसमें सरकार भी शामिल है, द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने क्लस्टर स्तर पर बातचीत, उद्योग कौशल विकास में प्रगतिशील प्रयासोंऔर मूल्य श्रृंखला में स्थिरता को पूर्ण रूप से समाहित करने की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित किया।उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्थिरता का अनुपालन करने की आवश्यकता से आगे बढ़कर हमें वैश्विक मंच पर भारतीय परिधानोंको प्रतिस्पर्धात्मक लाभ में परिवर्तित करना होगा। उन्होंने पर्यावरण एवं सशक्तिकरण के लिए फैशन में भारत को अग्रणी बनाने पर माननीय प्रधानमंत्री मोदीके दृष्टिकोण को दोहराया।

मंत्रालय ने कपड़ा उद्योग के लिए अपने दृष्टिकोण का संक्षिप्त विवरण साझा किया और साझेदारों से टिप्पणियां एवं सुझाव आमंत्रित किया,जिसके माध्यम से एक रोडमैप तैयार किया जा सके। बैठक में एक परामर्श सत्र आयोजित किया गया जिसमें 'सतत, परिपत्र, और संसाधन-कुशल भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए ड्राफ्ट रोडमैप 2047'पर चर्चा की गई, जिसमें कई प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित चर्चाएं शामिल थीं।इनमें उद्योग जगत केबड़े खिलाड़ियों और एमएसएमईसे लेकर उपभोक्ताओं और छात्रों तक मूल्य श्रृंखला में जागरूकता बढ़ाना, क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और ज्ञान प्रसार आदिविषय शामिल थे। हितधारकों ने स्थिरता मानकों एवं प्रमाणन के लिए एक एकीकृत और समन्वित संरचना, एक सरल अनुपालन प्रणालीऔर चक्रीयता को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक एवं नियामक तंत्र के बीच संतुलन की आवश्यकता पर भी चर्चा की।चर्चा में यह भी स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय नीति को ईएसजी अनुपालन, हरित वित्त और जिम्मेदार उपभोग के लिए विकसित हो रहे वैश्विक अपेक्षाओं के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।

बैठक का समापन सभी हितधारकों की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ,जिसमें यह निर्धारित हुआ कि संशोधित नीतिगत संरचना में वे सक्रिय रूप से अपना योगदान देंगे। उद्योग एवं कपड़ा मूल्य श्रृंखला के सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को इस समावेशी एवं विविध परिवेश में उठाने के लिए मंत्रालय की तत्परताएवं व्यावहारिक दृष्टिकोण कीदिल से सराहना की।

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(Release ID: 2133661)
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