नीति आयोग
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नीति आयोग ने 27-28 मई, 2025 को राजभवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश की मेजबानी में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) कार्य में सुगमता पर दो दिवसीय परामर्श बैठक आयोजित की

Posted On: 28 MAY 2025 7:49PM by PIB Delhi

उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत की अध्यक्षता में 27-28 मई, 2025 को राजभवन (गवर्नर हाउस), लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दो दिवसीय परामर्श बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशालाओं के निदेशक और प्रमुख वैज्ञानिक केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों के तहत विभिन्न अनुसंधान संस्थानों के प्रमुख भारत के अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) इकोसिस्‍टम को मजबूत करने पर गहन चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के.सारस्वत, सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉ. एन. कलईसेलवी, उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर एम. बोबडे, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार सिंह और विभिन्न वैज्ञानिक मंत्रालयों और विभागों के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बैठक में 50 से अधिक प्रयोगशालाओं, शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों की भागीदारी देखी गई, जो भारत के वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय के समावेशी प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।

अपने संबोधन में माननीय राज्यपाल ने देश की पूर्ण वैज्ञानिक और तकनीकी संभावना को उजागर करने के लिए शिक्षा, सरकार और उद्योग के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। डॉ. वी.के. सारस्वत ने संरचनात्मक सुधारों को सक्षम करने और अधिक चुस्त, नवाचार-अनुकूल नीति वातावरण बनाने के लिए नीति आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. विवेक कुमार सिंह ने नीति आयोग द्वारा किए जा रहे ‘आरएंडडी करने में सुगमता’ पर व्यापक अभ्यास का विवरण प्रस्तुत किया।

चर्चाओं में भारत में एक मजबूत शोध संस्कृति के विकास में बाधा डालने वाली प्रणालीगत चुनौतियों की पहचान करने पर ध्यान केन्‍द्रित किया गया। प्रतिभागियों ने अनुसंधान एवं विकास अनुमोदन प्रणाली की अत्यधिक नौकरशाही प्रकृति सहित महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। अनुसंधान एवं विकास पर कम राष्ट्रीय व्यय, निधि वितरण में देरी और विशेष वैज्ञानिक उपकरण प्राप्त करने में खरीद बाधाओं पर भी चिंता व्यक्त की गई। अनुसंधान में निजी क्षेत्र की भागीदारी की कमी, समय लेने वाली नैतिक और नियामक मंजूरी के साथ-साथ, वैज्ञानिक प्रगति में और बाधाओं के रूप में उजागर किया गया। हितधारकों ने बेहतर करियर संभावनाओं, बुनियादी ढांचे और विदेशों में  वित्त पोषण के अवसरों से प्रेरित ब्रेन ड्रेन की ओर इशारा किया। इन प्रणालीगत चुनौतियों का समाधान करने के लिए, नीति आयोग भारतीय अनुसंधान एवं विकास परिदृश्य के भीतर प्रमुख बाधाओं की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए एक व्यापक अभ्यास कर रहा है, जिसमें सरकारी वित्त पोषित संस्थानों और प्रयोगशालाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, निधि प्रवाह तंत्र में सुधार करना, जवाबदेही बढ़ाना और एक सक्षम वातावरण बनाना है जो नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देता है।

बैठक का समापन सुधार की तत्काल आवश्यकता और इन लगातार चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई योग्य रणनीति विकसित करने की आवश्यकता की साझा समझ के साथ हुआ। इस परामर्श से प्राप्त अनुशंसाओं और अंतर्दृष्टि को संकलित किया जाएगा और सुधारात्मक कार्रवाइयों के लिए कार्रवाई योग्य जानकारी सामने लाई जाएगी।

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एमजी/केसी/केपी/एसएस  


(Release ID: 2132181)
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