पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

सीएक्यूएम उप-समिति ने वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण-I के अनुसार 27 जगहों पर कार्य योजना लागू की

Posted On: 21 MAY 2025 7:29PM by PIB Delhi

दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले दो दिनों से 200 से थोड़ी उपर है, जिसमें थोड़ी सुधार की उम्मीद है। आज, दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई 213 ('खराब' श्रेणी) दर्ज किया गया, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रदान की गई दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, यह बदलते हवाओं के कारण है। दिल्ली की औसत/कुल वायु गुणवत्ता आज 201 से 300 के बीच 'खराब' वायु गुणवत्ता वाली श्रेणी में दर्ज हुई है इसके बाद, सीएक्यूएम उप-समिति ने दिल्ली-एनसीआर की वर्तमान वायु गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए बैठक की। क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ आईएमडी/आईआईटीएम के पूर्वानुमान और दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक की व्यापक समीक्षा करते हुए, निम्नलिखित प्राप्त हुआ:

दिल्ली की वायु गुणवत्ता का सूचकांक एक्यूआई) पिछले दो दिनों से 200 से थोड़ा ज्यादा है और इसमें सुधार होने की उम्मीद है। दिनांक 21.09.2025 को दिल्ली का एक्यूआई 213 दर्ज किया गया, जो बदलते हवाओं के कारण है। इसके अलावा, आईएमडी/आईआईटीएम के पूर्वानुमान में भी आने वाले दिनों में एक्यूआई को 'खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है।

उप-समिति ने अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से जीआरएपी के चरण-I (खराब वायु गुणवत्ता) के अंतर्गत सभी कार्रवाइयों को तुरंत लागू करने का निर्णय लिया है। जीआरएपी के चरण-I के अंतर्गत कार्यों को सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू किया जाएगा, निगरानी की जाएगी और समीक्षा की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक्यूआई स्तर और ज्यादा नीचे नहीं जा सके। सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को कड़ी निगरानी करने की आवश्यक्ता है और जीआरएपी अनुसूची के उपायों को तीव्र करना होगा। नागरिकों से अनुरोध किया जा सकता है कि वे जीआरएपी चरण-I के अंतर्गत नागरिक चार्टर का कठोरता से पालन करें।

इसके अलावा, उप-समिति दिल्ली-एनसीआर के निवासियों से जीआरएपी के कार्यान्वयन में सहयोग देने और जीआरएपी चरण-I के नागरिक चार्टर में उल्लिखित नियमों का पालन करने की भी अपील करती है:

  • अपने वाहनों के इंजनों को अच्छी तरह से ट्यून करें।
  • वाहनों के टायर में सही दबाव बनाए रखें।
  • अपने वाहनों का पीयूसी प्रमाणपत्र को अपडेट रखें।
  • अपने वाहन को बिना कारण चालू न रखें और लाल बत्तियों पर इंजन को हमेशा बंद रखें।
  • वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता प्रदान करें।
  • कचरा/ अपशिष्ट खुली जगहों पर न डालें।
  • वायु प्रदूषण गतिविधियों की रिपोर्ट 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप आदि पर करें।
  • ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें।
  • त्यौहारों को पर्यावरण के अनुकूल मनाएं और पटाखों से बचें।
  • 10 वर्ष पुरानी डीजल और 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल वाहनों को न चलाएं।

जीआरएपी के चरण-I के अनुसार 27-सूत्रीय कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है। इस 27-सूत्रीय कार्य योजना में एनसीआर क्षेत्रों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीपीसीसी सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं, जो कि निम्नलिखित हैं:

  1. निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों में धूल में कम लाने उपायों पर निर्देशों/ नियमों/ दिशा-निर्देशों का सही तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और सी एंड डी अपशिष्ट का प्रभावी पर्यावरण प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  2. दिनांक 11.06.2021 के निर्देश संख्या 11-18 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना और 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंड वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सी एंड डी गतिविधियों को अनुमति नहीं देना जो संबंधित राज्य/ जीएनसीटीडी के ‘वेब पोर्टल’ पर पंजीकृत नहीं हैं और/ या जो धूल शमन उपायों की दूरस्थ निगरानी के लिए उपर्युक्त वैधानिक निर्देशों के अनुसार अन्य आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।
  3. नगर निगम के ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्लू), निर्माण एवं विध्वंस (सीएंडडी) अपशिष्ट तथा खतरनाक अपशिष्टों को समर्पित डंप साइटों से नियमित रूप से उठान सुनिश्चित करना तथा यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अपशिष्ट अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में न डाला जाए।
  4. सड़कों पर समय-समय पर मशीनी सफाई और पानी का छिड़काव करना तथा निर्धारित स्थलों/अपशिष्ट स्थ्लों में एकत्रित धूल का वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित करना।
  5. सुनिश्चित करना कि सी एंड डी सामग्री एवं अपशिष्ट को सही तरीके से संग्रहीत/संरक्षित किया गया है तथा परिसर में उचित रूप से ढका गया है। सी एंड डी सामग्री और सी एंड डी अपशिष्ट का परिवहन केवल ढके हुए वाहनों के माध्यम से ही किया जाना सुनिश्चित करना।
  6. निर्माणाधीन परियोजना के कुल निर्मित क्षेत्रफल के अनुपात में, सी एंड डी साइटों पर एंटी-स्मॉग गनों के उपयोग के लिए वैधानिक निर्देशों एवं मानदंडों का कड़ाई से पालन करना।
  7. सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/मरम्मत परियोजनाओं एवं रखरखाव गतिविधियों में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव तथा धूल दमन उपायों के उपयोग में बढ़ावा देना।
  8. बायोमास एवं नगरपालिका के ठोस कचरे को खुले में जलाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना। ओए 21/2014 में माननीय एनजीटी के दिनांक 04.12.2014 और 204.2015 के आदेशों के अनुसार उल्लंघन पर अधिकतम प्रशासनिक शुल्क लगाना।
  9. यह सुनिश्चित करना कि लैंडफिल स्थलों/डंप स्थलों में कोई जलने की घटनाएं न हों।
  10. भारी यातायात और जाम के लिए संवेदनशील चौराहों पर सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए सभी पहचाने गए कॉरिडोर पर ट्रैफिक पुलिस को तैनात करना।
  11. वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की कठोर निगरानी करना एवं उसे लागू करना।
  12. दृश्यमान उत्सर्जन के लिए कोई सहिष्णुता नहीं तथा दृश्यमान प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करना और/या अधिकतम दंड लगाना।
  13. पूर्वी और पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली के लिए गैर-नियत ट्रक यातायात को मोड़ने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सख्ती से लागू करना।
  14. पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों पर एनजीटी/माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को मौजूदा कानूनों के अनुसार सख्ती से लागू करना।
  15. गैर-अनुपालन एवं अवैध औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त दंडात्मक/कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना।
  16. उद्योगों, ईंट भट्ठों और हॉट मिक्स प्लांट आदि में सभी प्रदूषण नियंत्रण नियमों को कठोरता से लागू करना एवं उत्सर्जन के निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन करना।
  17. यह सुनिश्चित करना कि एनसीआर में उद्योगों द्वारा केवल अनुमोदित ईंधनों का उपयोग हो, जिसमें ब्रिक किल्न और हॉट मिक्स प्लांट शामिल हैं और अगर कोई उल्लंघन हो तो उसे बंद करना।
  18. थर्मल पावर प्लांट में उत्सर्जन मानकों को सख्ती से लागू करना और गैर-अनुपालन के खिलाफ कड़े कदम उठाना।
  19. पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में माननीय न्यायालयों/ट्रिब्यूनल के आदेशों को सख्ती से लागू करना।
  20. औद्योगिक एवं गैर-विकास क्षेत्रों से औद्योगिक अपशिष्ट का नियमित उठाव एवं उचित निपटान सुनिश्चित करना।
  21. एनसीआर में डीसकॉम्स द्वारा विद्युत आपूर्ति में व्यवधानों में कमी लाना।
  22. डीजल जनरेटर को नियमित विद्युत आपूर्ति के स्रोत के रूप उपयोग में नहीं लाना।
  23. होटलों, रेस्तरां और खुले खाने की जगहों में तंदूरों में कोयला या लकड़ी को ईंधन के रूप में उपयोग करने पर लगे मौजूदा प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना।
  24. होटल, रेस्तरां और खुले खाने की जगहें केवल इलेक्ट्रिसिटी/गैस आधारित/ स्वच्छ ईंधन आधारित उपकरणों का उपयोग को सुनिश्चित करना।
  25. सोशल मीडिया और बल्क एसएमएस आदि के माध्यम से सूचना का प्रसार करना। लोगों को प्रदूषण स्तर, नियंत्रण कक्ष के संपर्क विवरण के बारे में सूचित करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग करना, जिसके माध्यम से लोग संबंधित अधिकारियों को प्रदूषणकारी गतिविधियों/स्रोतों की सूचना प्रदान कर सकें और सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी प्राप्त कर सकें।
  26. प्रदूषणकारी गतिविधियों की रोकथाम के लिए 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप और ऐसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शिकायतों के निवारण के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना।
  27. सड़क पर यातायात में कमी लाने के लिए कर्मचारियों के लिए पूलिंग यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना।

सभी संबंधित एजेंसियों को एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आयोग द्वारा जारी की गई व्यापक नीति में शामिल विभिन्न कार्यों एवं लक्षित समय सीमाओं को ध्यान में रखने आवश्यकता है और इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करनी चाहिए, विशेष रूप से धूल रोकने के उपायों के क्षेत्र में।

आयोग वायु गुणवत्ता की स्थिति पर नज़र रखेगा और समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगा जिससे दिल्ली में वायु गुणवत्ता और आईएमडी/आईआईटीएम  द्वारा किए गए पूर्वानुमान के आधार पर आगे उचित निर्णय लिए जा सकें।

जीआरएपी का विस्तृत कार्यक्रम आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे https://caqm.nic.in पर देखा जा सकता है।

***

एमजी/आरपीएम/केसी/एके


(Release ID: 2130418)
Read this release in: English , Urdu