सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन: डेटा उत्पादकों और उपयोगकर्ताओं के बीच संबंधों को मजबूत बनाना

Posted On: 21 APR 2025 9:07PM by PIB Delhi

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर), मुंबई के सहयोग से 21 अप्रैल 2025 को डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया।

इस सम्मेलन का उद्देश्य डेटा उत्पादकों और डेटा उपयोगकर्ताओं के बीच रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देते हुए कार्यप्रणाली पर ज्ञान का आदान-प्रदान, नवीनतम घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण से प्राप्त अंतर्दृष्टिकोण का उपयोग, पीएलएफएस में कार्यप्रणाली में बदलाव और जीडीपी तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सहित मैक्रो-इकोनॉमिक सांख्यिकी में प्रमुख पहलों को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों, उद्योग प्रतिनिधियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित 250 से अधिक लोगों की सक्रिय भागीदारी रही।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मंत्रालय के 'विकास के लिए डेटा' के मूल दृष्टिकोण पर बल दिया। उन्होंने पीएलएफएस मासिक अनुमान, तिमाही असंगठित क्षेत्र सर्वेक्षण जैसे प्रमुख संकेतकों को समय पर जारी करने और व्यापक मेटाडेटा मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से डेटा की विश्वसनीयता, समयबद्धता, पहुंच और प्रासंगिकता बढ़ाने की दिशा में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के प्रयासों का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने सांख्यिकी इको सिस्‍टम में वर्तमान अंतराल को भरने के लिए प्रशासनिक और सर्वेक्षण डेटा को एकीकृत करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। डॉ. गर्ग ने उल्लेख किया कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

ईएसी-पीएम के सदस्य और यूआईडीएआई के अध्यक्ष डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने अपने संबोधन में भारत की तेजी से विकसित हो रही डिजिटल और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को ध्‍यान में रखते हुए अधिक विस्तृत और समयबद्ध डेटा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। अपने निजी अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए आर्थिक डेटा में महत्वपूर्ण अंतरालों की जानकारी दी और निजी तथा सार्वजनिक दोनों हितधारकों के लिए डेटा तक पहुंच को आधुनिक बनाने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के वर्तमान में जारी प्रयासों की सराहना की।

सुश्री गीता सिंह राठौर, महानिदेशक (एनएसएस) ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में हाल की प्रगति, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम सांख्यिकी के अनुमानों के विस्तार और नीतिगत प्रतिक्रियाशीलता बढ़ाने के लिए पीएलएफएस की मासिक रिलीज की शुरूआत पर विस्तार से जानकारी दी।

आईजीआईडीआर के निदेशक प्रो. बसंत कुमार प्रधान ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और डेटा-संचालित अनुसंधान एवं नीति-निर्माण इको सिस्‍टम को बढ़ावा देने में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने डेटा निर्माण प्रक्रियाओं को समझने, सीमाओं को पहचानने और कार्यप्रणाली को परिष्कृत करने के लिए उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया।

इन मुख्य संबोधनों ने तकनीकी सत्रों के लिए मंच तैयार किया। सम्मेलन में चार तकनीकी सत्र शामिल हैं।

पूर्वाह्न तकनीकी सत्रों में निम्नलिखित शामिल थे:

  • पहले सत्र में एनएसएस घरेलू सर्वेक्षणों में इस्तेमाल किए गए नमूना डिजाइन पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। यह सत्र 'एचसीईएस 2022-23 और 2023-24 से प्राप्‍त अनुभवों पर एक प्रस्तुति के साथ जारी रहा, जिसमें एचसीईएस के सबसे हालिया दौर में पेश किए गए प्रमुख बदलावों का उल्‍लेख किया गया। प्रस्तुतियों के बाद एक समृद्ध पैनल चर्चा हुई और तिमाही आधार पर क्षेत्र स्तर पर खपत डेटा तैयार करने, गुणवत्ता में सुधार के लिए उपकरणों के मानकीकरण और एमपीसीई के माप के रूप में खपत के बजाय 'खर्च' की अवधारणा को पेश करने की गुंजाइश तलाशने का सुझाव दिया गया।
  • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के विकास पर अद्यतन, जिसमें इसके 2017 के शुभारंभ के मूल उद्देश्य और जनवरी 2025 से लागू किए गए हाल के परिवर्तन शामिल हैं। प्रमुख अद्यतनों में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए श्रम बाजार संकेतकों (एलएफपीआर, डब्ल्यूपीआर और यूआर) के मासिक अनुमान तैयार करना, ग्रामीण क्षेत्रों में तिमाही अनुमानों का विस्तार करना और राज्यों के सहयोग से जिला-स्तरीय अनुमानों की अनुमति देना शामिल है।

दोपहर के सत्र में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के महानिदेशक (केन्द्रीय सांख्यिकी) श्री एन.के. संतोषी ने अपने प्रारंभिक भाषण में जीडीपी और सीपीआई जैसे प्रमुख वृहद आर्थिक संकेतकों के आधार वर्षों को अद्यतन करने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा की गई पहलों की भी जानकारी दी गई।

दोपहर के तकनीकी सत्र में निम्नलिखित शामिल थे:

  • सत्र में जीडीपी अनुमानों के संकलन और आधार वर्ष संशोधन पर एक प्रस्तुति शामिल है जिसमें संकलन की रूपरेखा, आधार संशोधन में प्रस्तावित सुधार और अनुमानों की व्याख्या करने में आने वाली समस्याओं का विवरण दिया गया है। इसके बाद एक पैनल चर्चा हुई जिसमें पैनलिस्ट ने स्रोतों और विधियों के विस्तृत दस्तावेज प्रकाशित करने, सुसंगत और सुसंगत बैक-सीरीज़ डेटा की आवश्यकता की सिफारिश की। उन्होंने नए आधार में जीएसटीएन, यूपीआई आदि जैसे नए डेटा स्रोतों के प्रस्तावित उपयोग का भी स्वागत किया।
  • सीपीआई पर सत्र के दौरान, सीपीआई संशोधन पर जारी कार्य, सीओआईसीओपी 2018 को अपनाने, विस्तारित सेवा और बाजार कवरेज, ऑनलाइन डेटा स्रोतों के एकीकरण और हाउसिंग इंडेक्स पद्धति में सुधार जैसे प्रमुख आगामी बदलावों को प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति के बाद एक पैनल चर्चा हुई जिसमें मौसमी रूप से समायोजित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करने का सुझाव दिया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि भारत के लिए मौसमी रूप से समायोजित सीपीआई के आंकड़े विकसित करने के लिए आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक अध्ययन चल रहा है।

पैनल चर्चा के बाद, चर्चा के लिए मंच खोल दिया गया, जिससे प्रतिभागियों को वक्ताओं और पैनलिस्टों के साथ सीधे वार्तालाप करने का अवसर मिला।

सम्मेलन में भारत में आधिकारिक सांख्यिकी की गुणवत्ता, अखंडता और उपयोगिता को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, आईजीआईडीआर और डेटा उपयोगकर्ताओं की सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। इस सहयोग को और मजबूत करने, तकनीकी प्रगति को बढावा देने और यह सुनिश्चित करने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ कि डेटा साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के केंद्र में बना रहे।

डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन सांख्यिकीय उत्पादों के बीच मानकीकरण की आवश्यकता पर मुख्य सहमति के साथ संपन्न हुआ।

सर्वेक्षण रिपोर्टों और आगामी सांख्यिकीय विज्ञप्तियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mospi.gov.in पर जाएं ।

एमजी/केसी/एसएस/एसके


(Release ID: 2123458)
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