कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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मार्च 2025 के लिए 'सचिवालय सुधार' मासिक रिपोर्ट का 20वां संस्करण जारी


स्वच्छता अभियान के दौरान 2021-2025 के बीच स्क्रैप निपटान से अर्जित राजस्व 2750 करोड़ रूपये रहा

दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच स्क्रैप निपटान से अर्जित हुआ 386.08 करोड़ रूपये का राजस्व

मार्च 2025 के दौरान देशव्यापी स्तर पर 8,115 कार्यालयों में चलाए गए स्वच्छता अभियान में 1.64 लाख भौतिक फाइलें हटाई गयीं

प्रविष्टि तिथि: 16 APR 2025 5:59PM by PIB Delhi

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के आधीन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने मार्च 2025 के लिए अपनी मासिक 'सचिवालय सुधार' रिपोर्ट का 20वां संस्करण जारी किया है। यह रिपोर्ट शासन और प्रशासन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से जारी पहलों का विस्तृत विश्लेषण पेश करती है, जो निम्न पर केंद्रित हैं: (1) स्वच्छता और लंबित मामलों को न्यूनतम स्तर तक कम करना, (2) निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाना, (3) ई-ऑफिस कार्यान्वयन और विश्लेषण।

इस संस्करण में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • "अपशिष्ट से समृद्धि" के तहत सर्वोत्तम प्रथाएं
  • फोकस में: व्यय विभाग (डीओई)
  • ई-ऑफिस कार्यान्वयन पर कैबिनेट सचिवालय के निर्देश

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मार्च 2025 की रिपोर्ट के मुख्य अंश:

  1. स्वच्छता और लंबित मामलों में कमी:
  • देशव्यापी स्तर पर 8,115 स्थलों पर सफलतापूर्वक स्वच्छता अभियान चलाए गए।
  • लगभग 15.88 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली कराया गया, जिसमें खनन मंत्रालय (10,60,039 वर्ग फुट) और रेल मंत्रालय (2,25,459 वर्ग फुट) का प्रमुख योगदान रहा।
  • स्क्रैप निपटान से 84.09 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जिसमें रेलवे, भारी उद्योग और कोयला जैसे मंत्रालयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
  • प्रभावी रिकॉर्ड प्रबंधन के तहत 2,33,215 भौतिक फाइलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 1,64,271 फाइलों को हटाया गया, साथ ही 44,617 ई-फाइलों की समीक्षा की गई और उनमें से 32,728 को बंद कर दिया गया।
  • 5,26,952 लोक शिकायतों का निपटारा (91.94% का निपटारा), साथ ही 1,003 सांसद संदर्भों और 305 राज्य सरकार के संदर्भों का निपटारा किया गया।
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मानक/आइटम

एससी1.0-4.0

दिसंबर'24-मार्च'25

कुल

अर्जित राजस्व(करोड़ रूपये में)

2364.07

386.08

2750.15

 

2. सर्वोत्तम प्रथाएँ: अपशिष्ट से समृद्धि:

मंत्रालयों और विभागों ने नवीन 'अपशिष्ट से समृद्धि' पहलों को कार्यान्वित किया, जिससे पारदर्शिता और सार्वजनिक पहुँच बढ़ी। उदाहरणों में शामिल हैं:

  • रेल मंत्रालय ने नवाचार और सस्टेनेबिलिटी को प्रदर्शित करते हुए स्क्रैप को कलात्मक और फंक्शनल मॉडलों में बदला
  • नॉर्थ ब्लॉक में व्यय मंत्रालय के बुनियादी ढाँचे में सुधार।
  • साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स, कोलकाता, डीएई (परमाणु ऊर्जा विभाग) द्वारा फूलों की सजावट के ढाँचों के लिए लोहे की छड़ों का पुन: उपयोग।

3. निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाना और ई-ऑफिस, कार्यान्वयन एवं विश्लेषण:

  • डीलेयरिंग (परतें कम करने की) जैसी पहलों को अपनाने से सक्रिय फाइलों के लिए औसत खास आवागमन के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है, जो 2021 में 7.19 से घटकर मार्च 2025 तक 4.73 हो गया है।
  • मार्च 2025 में तैयार की गई कुल फाइलों में से 88% ई-फाइलें हैं।
  • कुल प्रक्रिया में लाई गई प्राप्तियों (रिसीप्ट्स) में से 94.73% ई-प्राप्तियाँ थीं, और 39 मंत्रालयों/विभागों ने उल्लेखनीय स्तर पर 100% ई-फाइलों को अपनाया है। मार्च 2025 के लिए 12 मंत्रालयों/विभागों की ई-प्राप्तियों में 100% हिस्सेदारी है।
  • मार्च 2025 के महीने में अंतर-मंत्रालय फाइलों का आवागमन 3,792 रहा है, जो सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रियाओं को दर्शाता है।

ये पहलें डिजिटल रूप से सक्षम, पारदर्शी, कुशल और नागरिक-केंद्रित शासन के प्रति भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं, जो प्रशासनिक उत्कृष्टता और उत्तरदायी लोक प्रशासन के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप हैं।

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एमजी/आरपीएम/केसी


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