सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसएमई निर्यातकों को समर्थन
Posted On:
03 APR 2025 5:37PM by PIB Delhi
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालयों, एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र और एमएसएमई परीक्षण केंद्रों जैसे अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में 65 निर्यात सुविधा केंद्र (ईएफसी) स्थापित करके निर्यात संवर्धन की दिशा में एक सहायता प्रणाली विकसित की है। ये ईएफसी एमएसएमई को दस्तावेजीकरण, बाजार पहुंच, वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी अपनाने और प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करके एमएसएमई की सहायता करते हैं। एमएसएमई मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) योजना को भी लागू करता है जो पहली बार निर्यात करने वालों (सीबीएफटीई) के क्षमता निर्माण के लिए सहायता प्रदान करता है। सीबीएफटीई के अंतर्गत, नए सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के निर्यातकों को ईपीसी के साथ पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणन (आरसीएमसी), निर्यात बीमा प्रीमियम और निर्यात के लिए परीक्षण एवं गुणवत्ता प्रमाणन पर होने वाली लागतों की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती है। (ii) आईसी योजना का बाजार विकास सहायता (एमडीए) घटक, विदेशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों और मेलों में एमएसएमई की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने; और प्रौद्योगिकी उन्नयन, आधुनिकीकरण, संयुक्त उद्यम आदि के उद्देश्य से भारत में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के लिए पात्र केंद्र/राज्य सरकार संगठनों और उद्योग संघों को प्रतिपूर्ति के आधार पर सहायता प्रदान करता है।
एमएसएमई चैंपियंस योजना तीन उप-योजनाओं, एमएसएमई-सतत (जेडईडी) प्रमाणन योजना, एमएसएमई-प्रतिस्पर्धी (एलईएएन) योजना और एमएसएमई-अभिनव योजना (इन्क्यूबेशन, डिजाइन और आईपीआर) के साथ एमएसएमई को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने में सक्षम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और हस्तक्षेपों के साथ एकीकरण, तालमेल और अभिसरण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।
एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर अपना कारोबार बढ़ाने में मदद करने से जुड़ी अन्य पहलों में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की निर्यात योजना के लिए व्यापार अवसंरचना (टीआईईएस) और बाजार पहुंच पहल (एमएआई) शामिल हैं, जो प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठकों, मेलों आदि में भारतीय निर्यातकों की भागीदारी की सहूलियत प्रदान करती हैं। “निर्यात केंद्रों के रूप में जिलों” जैसी पहल निर्यात क्षमता की पहचान करती है, बाधाओं को दूर करती है और स्थानीय निर्यातकों/निर्माताओं को सहायता प्रदान करती है। ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर एक सूचना और मध्यस्थता मंच है, जो नए और मौजूदा दोनों निर्यातकों के लिए व्यापक सेवाएं प्रदान करता है।
वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने में एमएसएमई को सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:
(i) एमएसएमई मंत्रालय ने 65 निर्यात सुविधा केंद्र (ईएफसी) स्थापित करके निर्यात संवर्धन के लिए एक समर्पित सहायता प्रणाली स्थापित की है। ये ईएफसी एमएसएमई को उनके निर्यात को बढ़ाने के लिए उपलब्ध विभिन्न योजनाओं और सहायता के बारे में जानकारी प्रसारित करके, उन्हें एनबीएफसी, नए फिनटेक स्टार्ट-अप जैसे वित्तीय संस्थानों से जोड़कर, प्रतिस्पर्धी दरों पर ऋण प्राप्त करने आदि में सहायता करते हैं।
(ii) एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना (आरएएमपी) योजना का उद्देश्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को मजबूत करके तकनीकी उन्नयन, बाजार और ऋण तक पहुंच बढ़ाकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सहायता प्रदान करना है।
(iii) ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफॉर्म अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर एक सूचना और मध्यस्थता मंच है, जो नए और मौजूदा दोनों निर्यातकों के लिए व्यापक सेवाएं प्रदान करता है।
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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