पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
अंतर्देशीय जलमार्गों का कायाकल्प
Posted On:
28 MAR 2025 3:49PM by PIB Delhi
देश में राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) के निर्माण के लिए सरकार ने 2014-15 से 2023-24 तक 6434 करोड़ रुपये की राशि का निवेश किया है। वित्तपोषित परियोजनाओं का विवरण अनुलग्नक-1 में दिया गया है।
देश में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के विकास के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए। राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल की आवाजाही 2013-14 में 18 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से बढ़कर 2023-24 में 133 एमटीपीए हो गई है और यात्री आवाजाही 2023-24 में 1.61 करोड़ तक पहुंच गई है।
नीतिगत उपायों के संदर्भ में 2030 तक 200 मिलियन मीट्रिक टन और 2047 तक 500 मिलियन मीट्रिक टन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीतियों का विवरण अनुलग्नक-2 में दिया गया है।
महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना विकास परियोजनाओं का उद्देश्य व्यापार और संपर्क को बढ़ाना है। विकसित की गई अवसंरचना सुविधाओं का विवरण अनुलग्नक-3 में दिया गया है ।
अंतर्देशीय जल परिवहन किफायती, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन का साधन है। अंतर्देशीय जलमार्गों के कायाकल्प से रिवर क्रूज़/हाउस बोट और टिकाऊ परिवहन के जरिए इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
अनुबंध 1
क्रम संख्या
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परियोजना का नाम
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ए
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चालू स्वीकृत राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजनाएं -
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1
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उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में एनडब्ल्यू-1 (गंगा-भागीरथी-हुगली नदी
प्रणाली) पर वाराणसी-हल्दिया खंड से जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी-I और II)
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2
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असम में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (बांग्लादेश सीमा - धुबरी से सदिया तक ब्रह्मपुत्र नदी) का
व्यापक विकास
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3
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असम में राष्ट्रीय जलमार्ग-16 (लखीपुर से तुकर ग्राम तक बराक नदी) और असम में
भारत-बांग्लादेश मार्ग के भारतीय हिस्से का व्यापक विकास
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बी.
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एनडब्लूएस की 3 वर्षों से स्वीकृत परियोजनाएं
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4
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पांडु पोर्ट टर्मिनल से एनडब्ल्यू-2 पर एनएच 27 तक पहुंच मार्ग का विकास
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5
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राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर पांडु, गुवाहाटी (असम) में जहाज मरम्मत केंद्र का विकास
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6
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23 राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास (चरण 1) (** 3 मौजूदा और 13 नए राष्ट्रीय जलमार्ग) - केरल,
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और असम राज्यों में
20 राष्ट्रीय जलमार्गों (राष्ट्रीय जलमार्ग-3, 4, 5 और 17 नए राष्ट्रीय जलमार्ग) का विकास
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केरल में एनडब्ल्यू-3-पश्चिमी तट नहर (कोट्टापुरम-कोल्लम), चंपकारा और
उद्योगमंडल नहरें
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आंध्र प्रदेश में एनडब्ल्यू -4 - कृष्णा नदी (विजयवाड़ा - मुक्तयाला) का हिस्सा
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एनडब्ल्यू-5- धामरा-पारादीप, मंगलागदी से होते हुए ओडिशा में ब्राह्मणी नदी के
पंकोपाल तक
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एनडब्ल्यू -8- केरल में अलाप्पुझा-चंगनास्सेरी नहर
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एनडब्ल्यू -9- केरल में अलाप्पुझा-अथिरामपुजा नहर
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एनडब्ल्यू -27-गोवा में कंबरजुआ नदी
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एनडब्ल्यू -68- गोवा में मंडोवी नदी
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एनडब्ल्यू -111- गोवा में जुआरी नदी
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एनडब्ल्यू-86- पश्चिम बंगाल में रूपनारायण नदी
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एनडब्ल्यू -97- पश्चिम बंगाल में सुंदरवन जलमार्ग
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एनडब्ल्यू -40- यूपी और बिहार में घाघरा नदी
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एनडब्ल्यू -44- पश्चिम बंगाल में इच्छामती नदी
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एनडब्ल्यू -10- महाराष्ट्र में अम्बा नदी
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एनडब्ल्यू -28- महाराष्ट्र में दाभोल क्रीक वशिष्ठी नदी
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एनडब्ल्यू-57- असम में कोपिली नदी
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एनडब्ल्यू -31- असम में धनसिरी नदी
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एनडब्ल्यू -73- गुजरात में नर्मदा नदी में पंटून
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एनडब्ल्यू-73 (नर्मदा) और एनडब्ल्यू-100 (तापी) - गुजरात एनडब्ल्यू में ईआईए/ईएमपी
अध्ययन
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एनडब्ल्यू-110 (यमुना)- मथुरा में पंटून
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एनडब्ल्यू-37 (गंडक)- बिहार में बेतिया में पंटून
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अनुलग्नक- 2
नीतिगत उपाय:
• कार्गो मालिकों द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 35 प्रतिशत प्रोत्साहन प्रदान करने और भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल के माध्यम से एनडब्ल्यू -1 तथा एनडब्ल्यू -2 और एनडब्ल्यू -16 पर कार्गो आवाजाही के लिए अनुसूचित सेवा स्थापित करने की योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस योजना से 800 मिलियन टन किलोमीटर कार्गो को आईडब्ल्यूटी मोड पर डायवर्ट करने की उम्मीद है, जो एनडब्ल्यू पर 4700 मिलियन टन किलोमीटर के मौजूदा कार्गो का लगभग 17 प्रतिशत है। यह योजना तीन साल के लिए 100 करोड़ से कम की लागत पर है और योजना की सफलता के आधार पर इसे बढ़ाया या संशोधित किया जा सकता है। इस योजना का उद्देश्य प्रदर्शन प्रभाव के लिए भारतीय नौवहन निगम के माध्यम से आईडब्ल्यूएआई जहाजों का उपयोग करके कोलकाता और वाराणसी/पांडु के बीच एक अनुसूचित जलमार्ग कार्गो सेवा शुरू करना और जलमार्ग आवागमन में कार्गो मूवर्स/मालिकों का विश्वास बढ़ाना भी है।
• 01.02.2025 को पेश किए गए बजट के दौरान भारतीय पोत अधिनियम, 2021 के तहत पंजीकृत अंतर्देशीय जहाजों के लिए टन भार कर योजना का विस्तार करने की घोषणा की गई है। राष्ट्रीय जलमार्गों, नदियों और नहरों पर चलने वाले अंतर्देशीय जहाजों को इसका लाभ मिलेगा। इस कदम से उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने और अधिक कार्गो मालिकों को परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने की उम्मीद है। टन भार कर प्रणाली शिपिंग कंपनियों के लिए एक विशेष कराधान नीति है, जहां कर वास्तविक लाभ पर आधारित नहीं होता बल्कि जहाज के आकार (टन भार) पर आधारित होता है। यह जहाज मालिकों के लिए स्थिर, पूर्वानुमानित और कम कराधान प्रदान करता है, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होता है।
• राष्ट्रीय जलमार्ग (जेट्टी/टर्मिनलों का निर्माण) विनियम 2025 को अधिसूचित किया गया है, जिससे अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने हेतु एक स्पष्ट नियामक ढांचा प्रदान करके निजी कंपनियों को अंतर्देशीय जलमार्ग बुनियादी ढांचे में निवेश और संचालन की अनुमति मिलती है।
• बंदरगाहों के साथ एकीकरण: दुनिया भर में, जलमार्गों का सबसे बेहतर उपयोग तब होता है जब उन्हें बंदरगाहों से जोड़ा जाता है। कोलकाता बंदरगाह एनडब्ल्यू1 के साथ निर्बाध एकीकरण का अवसर प्रदान करता है और मल्टी-मोडैलिटी की समस्या को हल करने में भी मदद कर सकता है। इसलिए, वाराणसी, साहिबगंज, हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल और कलुघाट में इंटरमॉडल टर्मिनल के साथ-साथ एनडब्ल्यू-1 पर अन्य टर्मिनलों को संचालन और प्रबंधन के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता में स्थानांतरित किया जा रहा है।
• डिजिटलीकरण: आईडब्ल्यूटी क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए, 'वाहन' और 'सारथी' की तरह ही, पूरे देश में जहाजों और चालक दल के पंजीकरण के लिए एक केंद्रीय डेटा बेस और पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इससे जहाजों और चालक दल का डिजिटल पंजीकरण हो सकेगा। देश में जहाजों और चालक दल की संख्या के बारे में सटीक स्थिति भी मिलेगी और इस तरह योजना बनाने में मदद मिलेगी।
• कार्गो एकत्रीकरण: जलमार्गों पर माल की आवाजाही मल्टीमॉडलिटी की समस्याओं से ग्रस्त है क्योंकि जलमार्गों के किनारे उद्योगों की कमी है। इसलिए, कार्गो एकत्रीकरण केंद्र - वाराणसी में फ्रेट विलेज और साहिबगंज में एकीकृत क्लस्टर-सह-लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास के लिए परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम एनएचएलएमएल को इन एमएमएलपी के विकास के लिए लगाया गया है। तीन एमएमटी के लिए रेल कनेक्टिविटी का काम मेसर्स इंडियन पोर्ट एंड रेल कंपनी लिमिटेड (एमओपीएसडब्ल्यू के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम) को सौंपा गया है।
• आईबीपी मार्ग: माइया और सुल्तानगंज के बीच इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग संख्या 5 और 6 को हाल ही में सफल परीक्षण के साथ चालू किया गया है। बांग्लादेश की ओर से सहमति मिलने के बाद जल्द ही नियमित आवागमन शुरू हो जाएगा।
• पीएसयू द्वारा कार्गो का स्थानांतरण: कार्गो को जलमार्गों पर स्थानांतरित करने के लिए, अंतर्देशीय जल परिवहन मोड का उपयोग करके अपने आवागमन की योजना बनाने के लिए 140 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से संपर्क किया गया है। उनसे जलमार्गों के माध्यम से कार्गो की आवाजाही की अपनी वर्तमान स्थिति और कार्गो के मोडल स्थानांतरण के लिए अपनी योजना को रेखांकित करने का अनुरोध किया गया है। पीएनजी, सहकारिता/उर्वरक, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, भारी उद्योग, इस्पात और कोयला मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत पीएसयू को सलाह दें कि वे यथासंभव आईडब्ल्यूटी मोड का उपयोग करें और एमआईवी लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आईडब्ल्यूटी मोड के लिए अपने कार्गो का एक निश्चित प्रतिशत निर्धारित करें।
अनुलग्न्क 3
बुनियादी ढांचे के उपाय:
(i) जहाजों के परिचालन के लिए 35/45 मीटर चौड़ाई और 2.0/2.2/2.5/3.0 मीटर न्यूनतम उपलब्ध गहराई (एलएडी) का नौवहन चैनल उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) में फेयरवे रखरखाव कार्य (नदी प्रशिक्षण, रखरखाव ड्रेजिंग, चैनल मार्किंग और नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण) किए जाते हैं।
(ii) 5 पूर्व-मौजूदा स्थायी टर्मिनलों के अतिरिक्त, राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) पर 49 सामुदायिक जेटी, 20 फ्लोटिंग टर्मिनल, 3 मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) और 1 इंटर-मॉडल टर्मिनल (आईएमटी) का निर्माण किया गया है।
(iii) पांडु, जोगीघोपा में एमएमटी और बोगीबील और धुबरी में टर्मिनलों के साथ एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) पर उपलब्ध कराए गए 12 फ्लोटिंग टर्मिनलों का उपयोग नदी कार्गो/क्रूज़ जहाजों की बर्थिंग के लिए भी किया जाता है। 7.09 करोड़ रुपये के निवेश से जोगीघोपा, पांडु, बिश्वनाथ घाट और नेमाटी में चार समर्पित जेटी बनाई गई हैं। इसके अलावा, असम में सदिया, लाइका और ओरियम घाट पर क्रूज और यात्रियों के लिए जेट्टी का निर्माण किया गया है।
(iv) एनडब्ल्यू-3 (केरल में पश्चिमी तट नहर) पर गोदामों के साथ 9 स्थायी अंतर्देशीय जल परिवहन टर्मिनल और 2 रो-रो/रो-पैक्स टर्मिनलों का निर्माण किया गया है।
(v) गोवा सरकार को 2020 में 3 फ्लोटिंग कंक्रीट जेटी और सितंबर 2022 के दौरान 1 जेटी प्रदान की गई और मंडोवी नदी (एनडब्ल्यू-68) में स्थापित की गई। आंध्र प्रदेश में एनडब्ल्यू-4 (कृष्णा नदी) के हिस्से पर 4 पर्यटक जेटी चालू कर दी गई हैं और उत्तर प्रदेश में मथुरा-वृंदावन खंड में एनडब्ल्यू-110 (यमुना नदी) पर 12 फ्लोटिंग जेटी, बिहार में एनडब्ल्यू-73 (नदी नर्मदा) पर 2 जेटी और एनडब्ल्यू-37 (गंडक नदी) पर 2 जेटी का निर्माण कार्य चल रहा है।
यह जानकारी पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/एके
(Release ID: 2116375)