वस्त्र मंत्रालय
संसद प्रश्न: पारंपरिक वस्त्रों को प्रोत्साहन
Posted On:
21 MAR 2025 12:17PM by PIB Delhi
सरकार ने पारंपरिक हथकरघा वस्त्र उद्योग के संवर्धन और प्रोत्साहन के लिए कई कदम उठाए हैं। पारंपरिक हथकरघा डिजाइनों को संरक्षित करने और हथकरघा क्षेत्र में डिजाइन-उन्मुख उत्कृष्टता का निर्माण करने के लिए कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, अहमदाबाद, जयपुर, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, कांचीपुरम, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, मेरठ, नागपुर और पानीपत में बुनकर सेवा केंद्रों में डिजाइन संसाधन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
वस्त्र मंत्रालय भौगोलिक संकेतक (जीआई) अधिनियम, 1999 के अंतर्गत पारंपरिक डिजाइनों और पैटर्नों के संरक्षण की भी मांग कर रहा है। यह मंत्रालय जीआई अधिनियम के अंतर्गत डिजाइनों/उत्पादों को पंजीकृत करने और जागरूकता प्रदान करके सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि के आयोजन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य पारंपरिक हथकरघा वस्त्रों में समृद्ध हैं।
हथकरघा बुनकरों की संख्या निर्धारित करने और पारंपरिक वस्त्र यानी हथकरघा से समृद्ध क्षेत्रों का पता लगाने के लिए वर्ष 2019 में देश में जनगणना का आयोजन किया गया था।
हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वस्त्र मंत्रालय देश भर में निम्नलिखित योजनाएं क्रियान्वित कर रहा है:
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम;
- कच्चा माल आपूर्ति योजना;
उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत पात्र हथकरघा एजेंसियों/बुनकरों को कच्चा माल, साझा अवसंरचना विकास, घरेलू/विदेशी बाजारों में हथकरघा उत्पादों के विपणन, बुनकर मुद्रा ऋण आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उपरोक्त के अतिरिक्त,
- बुनकर मुद्रा/रियायती ऋण योजना के अंतर्गत, व्यक्तिगत बुनकर/बुनकर उद्यमी के लिए ऋण राशि के 20 प्रतिशत (अधिकतम 25,000 रुपये) तथा हथकरघा संगठनों के लिए 20 लाख रुपये की मार्जिन मनी सहायता, 7 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान तथा तीन वर्ष की अवधि के लिए ऋण पर ऋण गारंटी शुल्क प्रदान किया जाता है।
- बुनकरों और कारीगरों को सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) से जोड़ने के लिए कदम उठाए गए हैं, ताकि वे अपने उत्पाद सीधे विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों को बेच सकें। अब तक लगभग 1.50 लाख बुनकर जीईएम पोर्टल से जुड़े हैं।
- बुनकरों को इंडियाहैंडमेड पोर्टल के माध्यम से अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने की सुविधा प्रदान की गई है और नीतिगत ढांचे के अंतर्गत वस्त्र मंत्रालय द्वारा 23 ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को जोड़ा गया है।
- हथकरघा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद अंतर्राष्ट्रीय मेलों का आयोजन कर रही है। वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विपणन मेलों/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, बुनकरों को अपने उत्पादों के विपणन और बिक्री के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में घरेलू विपणन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
- उत्पादकता, विपणन क्षमताओं को बढ़ाने तथा बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों में 160 हथकरघा उत्पादक कंपनियां गठित की गई हैं।
निधियों का आवंटन राज्यवार नहीं किया जाता है। निधियां राज्य सरकारों और अन्य हथकरघा संगठनों से प्रस्ताव प्राप्त होने के आधार पर जारी की जाती हैं।
यह जानकारी आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कपड़ा राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा द्वारा दी गई।
****
एमजी/केसी/जेके/एनजे
(Release ID: 2113581)