ग्रामीण विकास मंत्रालय
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आकांक्षी जिले

Posted On: 11 MAR 2025 5:04PM by PIB Delhi

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और सुदृढ़ता’ कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाकर कृषि में अल्प-रोजगार की समस्या का समाधान करना है। इस कार्यक्रम का फोकस ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों व भूमिहीन परिवारों पर होगा, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि प्रवासन एक विकल्प हो, लेकिन आवश्यकता न हो। इस कार्यक्रम के लिए ग्रामीण विकास विभाग प्रमुख विभाग है, जबकि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग भी इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में शामिल होंगे।

इसके अलावा, केंद्रीय बजट 2025-26 में ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ शुरू करने की घोषणा की गई है। इस कार्यक्रम को समन्वय में कार्यान्वित किया जाना है और इसमें कम उत्पादकता, मध्यम फसल गहनता और औसत से कम ऋण मानकों वाले 100 जिले शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर सिंचाई सुविधाओं और दीर्घकालिक व अल्पकालिक ऋण की सुविधा के माध्यम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद करना है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के अंतर्गत, क्लस्टर सुविधा परियोजना (सीएफपी) 1 अप्रैल 2020 से शुरू की गई है। इसका उद्देश्य बेहतर नियोजन के माध्यम से 108 आकांक्षी जिलों के 231 ब्लॉकों और अन्य पिछड़े क्षेत्रों के 46 ब्लॉकों में त्वरित विकास के लिए महात्मा गांधी नरेगा के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का क्रियान्वयन कर रहा है, जो कि भारत सरकार की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य कोर नेटवर्क में सड़कों से न जुड़ी पात्र बस्तियों को एकल बारहमासी सड़क के माध्यम से ग्रामीण कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

इसके बाद, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों के उन्नयन और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए पीएमजीएसवाई के दायरे में पीएमजीएसवाई-II, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) और पीएमजीएसवाई-III नामक नए कार्यक्रम/घटक जोड़े गए। शुरुआत से लेकर 07 मार्च 2025 तक कुल 77,403 किलोमीटर सड़क को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 74,969 किलोमीटर सड़क का निर्माण पीएमजीएसवाई के विभिन्न कार्यक्रमों/घटकों के तहत पूरी हो चुका है।

दिनांक 11 सितंबर 2024 को पीएमजीएसवाई-IV नामक एक नया घटक शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य 2011 की जनगणना के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक की आबादी और पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, विशेष श्रेणी क्षेत्रों (जनजातीय अनुसूची-V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) में 250 से अधिक की आबादी और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 100 से अधिक की आबादी वाली सड़कों से न जुड़ी बस्तियों को बारहमासी कनेक्टिविटी प्रदान करना है। यह योजना 2024-25 से 2028-29 तक 70,125 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ कार्यान्वित की जाएगी, जिसमें सड़कों से न जुड़ी 25,000 बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ गहन समन्वय में काम कर रही है।

सरकार सामुदायिक रेडियो स्टेशनों और आउटरीच कार्यक्रमों जैसे स्थानीय अभियानों के माध्यम से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रही है। सरकारी पहलों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए मोबाइल ऐप और एसएमएस सेवाओं जैसी तकनीक का उपयोग करने का भी प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त, इन कार्यक्रमों के लाभों के बारे में लोगों को शिक्षित करने एवं सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सामुदायिक नेताओं और स्वयं सहायता समूहों को शामिल किया जा रहा है।

यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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