ग्रामीण विकास मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

महिलाओं का सशक्तिकरण

Posted On: 11 FEB 2025 5:47PM by PIB Delhi

ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता देता है। लैंगिक कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) पहल के साथ ही एकीकृत है। डीएवाई-एनआरएलएम लैंगिक असमानता को दूर करने को सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की पूर्व-आवश्यकता मानता है। यह कार्यक्रम अपने कार्यों में जेंडर को एकीकृत करने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) की क्षमता का निर्माण करता है और लैंगिक भेदभावपूर्ण प्रथाओं की पहचान करने और उन पर कार्रवाई करने के लिए महिलाओं के समूहों के लिए सामुदायिक स्तर पर सहयोग का एक ढांचा तैयार करता है। इन मंचों पर प्रशिक्षण और परिप्रेक्ष्य-निर्माण इनपुट की श्रृंखला उपलब्ध कराई जाती है और जेंडर कैडरों के प्रशिक्षित पूल द्वारा ग्राम संगठन (वीओ) और क्लस्टर स्तर के महासंघ (सीएलएफ) के तहत सामाजिक कार्य समितियों (एसएसी) को प्रदान की जाती है। ये निकाय मुख्य रूप से भेदभाव के मुद्दों की पहचान, स्वीकृति और समाधान करके समाज में महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के आधार पर कार्य करते हैं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय लिंग अभियान (नयी चेतना) के माध्यम से बड़े पैमाने पर कार्यक्रम भी संचालित करता है।

डीएवाई एनआरएलएम महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए सशक्त बना रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्राप्त ऋण इस प्रकार हैं :

1.2019-20 में 70,977 करोड़ रुपये

2. 2020-21 में 84,717 करोड़ रुपये

3. 2021-22 में 1,20,477 करोड़ रुपये

4. 2022-23 में 1,57,370 करोड़ रुपये

5. 2023-24 में 2,07,820 करोड़ रुपये

 

इसके अलावा एमओआरडी द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के लिए आवश्यक है कि महिलाओं को प्राथमिकता इस तरह दी जाएगी कि कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होंगी जिन्होंने पंजीकरण कराया है और काम के लिए अनुरोध किया है। महात्मा गांधी नरेगा एक लिंग-तटस्थ योजना है जो पुरुषों के साथ मजदूरी समानता प्रदान करके महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देती है। महिलाओं के लिए मजदूरी की दरों की अलग अनुसूची का प्रावधान, क्रेच की सुविधाएं, कार्यस्थल पर बच्चों के लिए शेड और बच्चों की देखभाल सेवाएं प्रदान करती है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के साथ समन्वय में महिला साथियों को भी शामिल किया गया है, जो फिर से महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाता है।

2019-20 से 2023-24 तक महात्मा गांधी नरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी की दर (कुल प्रतिशत में से महिला दिवसों का प्रतिशत) नीचे दी गई है: -

वित्तीय वर्ष

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23   

2023-24

महिला भागीदारी दर (%)

54.78  

53.19   

54.82  

57.47   

58.9

(नरेगासॉफ्ट के अनुसार)

एमओआरडी राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत एक महिला-विशिष्ट योजना यानी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस)लागू कर रहा है।  आईजीएनडब्ल्यूपीएस के तहत केंद्रीय पेंशन प्रति लाभार्थी 300/- रुपये प्रति माह है। राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे अपने संसाधनों से कम से कम इतनी ही राशि का योगदान करें। आवेदक 40-79 वर्ष की आयु वर्ग की विधवा होनी चाहिए। आवेदक को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार से संबंधित होना चाहिए। 80 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर  लाभार्थियों को प्रति माह 500/- रुपये की बढ़ी हुई सहायता मिलती है। वर्तमान में विधवा लाभार्थियों को राज्य पेंशन राशि के आधार पर 300/- रुपये से 2800/- रुपये के बीच पेंशन मिल रही है, जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। वर्तमान में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए योजना के तहत सीमा 67.36 लाख आंकी गई है।

एमओआरडी एनआरएलएम के तहत ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए कौशल विकास में दो कल्याणकारी कार्यक्रम भी लागू कर रहा है: -

  1. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) जो 15-35 वर्ष के आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल विकास कार्यक्रम है। यह ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगार योग्य कौशल के साथ सशक्त बनाता है और नियमित श्रम बाजारों में उनकी भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है, इस प्रकार उन्हें न्यूनतम मजदूरी पर या उससे ऊपर नियमित मासिक वेतन वाली नौकरियां प्रदान करता है। डीडीयू-जीकेवाई के तहत 33% महिलाओं का कवरेज अनिवार्य है। डीडीयू-जीकेवाई के तहत पिछले 5 वर्षों में प्रशिक्षित और नियुक्त किए गए कुल उम्मीदवारों और महिला उम्मीदवारों का विवरण नीचे दिया गया है:

 

वित्त वर्ष

कुल

महिलाएं

प्रशिक्षित

नियुक्त

प्रशिक्षित

नियुक्त

2019-20

247177

150214

126691

66440

2020-21

38289

49563

19685

22640

2021-22

97006

45612

58443

26040

2022-23

231491

158078

133519

92065

2023-24

199524

157456

122250

94684

2024-25 दिसम्बर, 24 तक

69086

53810

43228

33646

 

(ii) ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) योजना महिलाओं सहित सभी श्रेणियों के लिए लागू है। 18-45 वर्ष के आयु वर्ग का कोई भी बेरोजगार युवा, जाति, पंथ, धर्म, लिंग और आर्थिक स्थिति के बावजूद, स्व-रोजगार या मजदूरी रोजगार लेने की योग्यता रखता है और संबंधित क्षेत्र में कुछ बुनियादी ज्ञान रखता है, आरएसईटीआई के तहत प्रशिक्षण ले सकता है। आरएसईटीआई के तहत पिछले 5 वर्षों में प्रशिक्षित और व्यवस्थित कुल उम्मीदवारों और महिला उम्मीदवारों का विवरण नीचे दिया गया है:

 

वित्त वर्ष

कुल

महिलाएं

प्रशिक्षित

व्यवस्थित

प्रशिक्षित

व्यवस्थित

2019-20

384025

281645

274135

202010

2020-21

255141

185234

206794

138538

2021-22

314114

256429

257107

212400

2022-23

409802

325880

331898

272977

2023-24

451419

350272

360318

290392

2024-25
(31-12-2024
तक)

471968

299356

382796

249717

ग्रामीण विकास मंत्रालय की अन्य योजनाएं सामान्य रूप से जेंडर को प्राथमिकता देती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत दिशानिर्देशों में प्रावधान है कि घर का आवंटन विधवा/अविवाहित/अलग हो चुके व्यक्ति के मामले को छोड़कर, पति और पत्नी के नाम पर संयुक्त रूप से किया जाएगा। राज्य घर को पूरी तरह से महिला के नाम पर आवंटित करने का विकल्प भी चुन सकता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) के वॉटरशेड (जलसंभर) विकास घटक के तहत योजना के दिशा-निर्देशों में योजना और कार्यान्वयन के दौरान महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं। वॉटरशेड परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन के लिए परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा गठित वॉटरशेड विकास दल (डब्ल्यूडीटी) में कम से कम एक महिला सदस्य होनी चाहिए। इसी प्रकार ग्राम स्तर पर परियोजना विकास गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए ग्राम सभा द्वारा गठित 11 सदस्यीय वॉटरशेड समिति में कम से कम दो महिला प्रतिनिधि होनी चाहिए। इसके अलावा डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों में अधिकतम महिला सदस्य हैं।

जहां तक भूमि के स्वामित्व का सवाल है, पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान देती है। गांव आबादी क्षेत्रों में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त संपत्ति का स्वामित्व प्रदान करके यह योजना सुनिश्चित करती है कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों सहित महिलाओं ने भूमि का स्वामित्व सुरक्षित कर लिया है। इसके अलावा जैसा कि पंचायती राज मंत्रालय द्वारा बताया गया है, भारत के संविधान का अनुच्छेद 243 डी प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरी जाने वाली सीटों की कुल संख्या और पंचायतों के अध्यक्षों के कार्यालयों की कुल संख्या में से पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण प्रदान करता है। हालांकि, 21 राज्य और 2 केंद्रशासित प्रदेश इससे भी आगे बढ़ गए हैं और अपने संबंधित पंचायती राज अधिनियमों में पीआरआई में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया है। मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 21 राज्यों-आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और 2 केंद्र शासित प्रदेशों-लक्षद्वीप और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव ने अपने संबंधित राज्य पंचायती राज अधिनियमों में पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया है। शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में अनुच्छेद 243 डी में निर्धारित संवैधानिक प्रावधान (अर्थात पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए एक तिहाई से कम आरक्षण नहीं) लागू होता है। 

सरकार ग्राम पंचायत विकास योजनाओं और पंचायतों द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की तैयारी के लिए ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से पंचायतों के कामकाज में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। मंत्रालय ने राज्यों को ग्राम सभा की बैठकों से पहले अलग-अलग वॉर्ड सभा और महिला सभा की बैठकें आयोजित करने, ग्राम सभा और पंचायत की बैठकों में महिलाओं की उपस्थिति और भागीदारी बढ़ाने, महिला केंद्रित गतिविधियों के लिए पंचायत निधि का आवंटन करने, महिला तस्करी, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह आदि की बुराई का मुकाबला करने के लिए भी सलाह जारी की है।

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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