उप राष्ट्रपति सचिवालय
नई दिल्ली में एनसीसी के गणतंत्र दिवस शिविर - 2025 के उद्घाटन के अवसर पर उपराष्ट्रपति के संबोधन का मूल पाठ
Posted On:
05 JAN 2025 1:02PM by PIB Delhi
एनसीसी महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, गणमान्य अधिकारीगण, स्टाफ के सदस्यगण और मेरे प्रिय कैडेट्स, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
मैंने अभी जो देखा वह एक ऐसे संगठन का शानदार प्रदर्शन है जो शायद दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र है और एकता और अनुशासन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रिय कैडेट्स, 2,000 से अधिक कैडेटों के जमावड़े के साथ एक महीने तक चलने वाला यह शिविर असाधारण रूप से लाभकारी होगा। इस शिविर में देश के हर कोने का प्रतिनिधित्व है और यह आप सभी को सार्थक आदान-प्रदान का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। याद रखें, यह समय, वास्तव में मित्रता बनाने और एक-दूसरे से सीखने का समय है। आपका अनुशासन और प्रतिबद्धता न केवल मुझे बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करती है। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है, और मैंने पिछली बार इस बारे में सावधानीपूर्वक विचार किया था, कि आपका संगठन लैंगिक समानता का उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह बहुत तेजी से हासिल किया जा रहा है।
लड़को और लड़कियो, आप हमारे युवा जनसांख्यिकीय लाभांश का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह दुनिया के लिए ईर्ष्या का विषय है, 2047 में हमारा विकसित राष्ट्र का सपना अब एक सपना नहीं है। यह हमारी निश्चित मंजिल है। आप सभी 2047 में भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
लड़को और लड़कियो, आप भाग्यशाली हैं कि आप ऐसे समय में रह रहे हैं जब भारत अब संभावनाओं वाला राष्ट्र नहीं रहा। यह एक ऐसा राष्ट्र है जो बेजोड़ बुनियादी ढांचे के विकास के साथ आगे बढ़ रहा है, उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों से हर साल चार हवाई अड्डे और एक मेट्रो प्रणाली। हमारी डिजिटल पैठ, तकनीकी उन्नति को प्रतिबिंबित कर रही है, जिसे दुनिया ने सराहा है, हमारे पास 6.5 बिलियन मासिक डिजिटल लेनदेन हैं। लड़को और लड़कियो, हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब राष्ट्रीय आशावाद प्रबल है क्योंकि हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने के करीब हैं।
युवा अवसरों का विस्तार हो रहा है, क्योंकि वैश्विक संस्थान भारत को पसंदीदा प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में मानते हैं। लड़को और लड़कियो, यह समग्र विकास तंत्र के माध्यम से प्राप्त किया गया है। बुनियादी ढांचे में, प्रौद्योगिकी में, और एक ऐसा इकोसिस्टम उपलब्ध कराने में जहां हर युवा दिमाग को अपनी क्षमता और प्रतिभा का दोहन करने का अवसर मिले। सरकार ने बहुत ज़रूरी पहल और नीतिगत फ़ैसले लिए हैं। अब हर जगह भेदभावपूर्ण व्यवस्था से योग्यता आधारित व्यवस्था में बदलाव आ रहा है
लड़को और लड़कियो, एनसीसी की आपकी सदस्यता, एक बहुत ही अनुशासित बल है जहाँ आप उन गुणों को आत्मसात करते हैं जो मानव विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपका प्रमाणपत्र आपको बहुत बड़ा लाभ देता है। आप देश के कुलीन युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस निकाय का हिस्सा होने के कारण आपको करियर में कई फायदे हैं।
संगठन राष्ट्रवाद और राष्ट्र-प्रथम दृष्टिकोण का संचार करता है। दुनिया का कोई भी राष्ट्र तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक उसके नागरिक राष्ट्रवाद के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध न हों। राष्ट्रवाद को अन्य सभी हितों, चाहे वे व्यक्तिगत हों या संगठनात्मक, पर हावी होना चाहिए। राष्ट्र-प्रथम दृष्टिकोण ही हमारा एकमात्र दृष्टिकोण होना चाहिए, इन गुणों को अपनी मातृभूमि के प्रति सम्मान के रूप में बनाए रखें।
लड़को और लड़कियो, एनसीसी युवा विकास और राष्ट्रीय प्रगति का नेतृत्व करती है। इस अवसर पर, मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ और आपको प्रतिबद्धता के लिए राजी करना चाहता हूँ। हमारे राष्ट्रीय परिवर्तन की नींव पाँच बुनियादी स्तंभों पर टिकी हुई है।
● सामाजिक सद्भाव जो विविधता को राष्ट्रीय एकता में बदल देता है, पहला यही है;
● दूसरा, जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को पोषित करके परिवार को जागरूक करना। हमें परिवार के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए। जब परिवार में एकता होती है, जब हम परिवार में बुनियादी बातें सीखते हैं, तो यह हमारे भविष्य को आकार देता है और एक बहुत मजबूत राष्ट्र का निर्माण करता है।
● तीसरा, पर्यावरण संरक्षण, भारत माता का सम्मान हमारी सभ्यता के मूल्यों में गहराई से समाहित है। पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमेशा से रही है और अब दुनिया के सामने अस्तित्व की चुनौती है। लड़को और लड़कियो, हमारे पास रहने के लिए कोई दूसरी धरती नहीं है। हमें इसका पोषण करना है। इसलिए, हमें पर्यावरण के पोषण में गंभीरता से शामिल होना चाहिए, जो नुकसान हमने किया है उसकी भरपाई करनी चाहिए।
● चौथा, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता विकास की कुंजी है, अर्थव्यवस्था की कुंजी है, क्योंकि ये आत्मनिर्भर भारत की नींव हैं। इस दिशा में सभी कदम उठाए गए हैं, लेकिन हर नागरिक को अपना योगदान देना चाहिए। आप एक अनुशासित वर्ग के रूप में इस मार्ग का नेतृत्व कर सकते हैं, अपने आचरण का उदाहरण पेश कर सकते हैं जिसका दूसरे लोग अनुसरण करें।
● पांचवां और अंतिम, नागरिक कर्तव्य। हमारा संविधान हमें मौलिक अधिकार देता है और हम उन मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत हैं, लेकिन मौलिक कर्तव्य भी हैं। राष्ट्र खिलते हैं। राष्ट्रवाद का पोषण होता है, विकास सुरक्षित होता है, सद्भाव स्थिर होता है। जब देश का हर नागरिक मौलिक कर्तव्यों, नागरिक कर्तव्यों पर विश्वास करता है और उनका पालन करता है, तो आप बल के अनुशासित सदस्य के रूप में वास्तव में पथप्रदर्शक बन सकते हैं।
आइये हम अपने देश को इस बात पर गर्व कराएँ कि हमारा एक महान अनुशासन और मर्यादा वाला देश है। लड़को और लड़कियो, हमारे राष्ट्रीय परिवर्तन की नींव पाँच शक्तिशाली स्तंभों पर टिकी है। सामाजिक सद्भाव, जो विविधता को राष्ट्रीय एकता में बदलता है, जिसकी आवश्यकता है। जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को पोषित करना हमारे पारिवारिक प्रबोधन में आना चाहिए। परिवार इन महान गुणों को आत्मसात करने का स्थान है।
भारत मां का सम्मान करते हुए हमें पर्यावरण की रक्षा करना चाहिए, संरक्षण करना चाहिए, सृजन करना चाहिए। स्वदेशी और आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं, इनको बढ़ावा देना चाहिए। नागरिक कर्तव्य प्रत्येक नागरिक को प्रगति का पथ प्रदर्शक बनाते हैं, और यह पंच-प्रण हमारे समाज की रगो में बहते हुए एक अजेय राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करते हैं, जो व्यक्तिगत जिम्मेदारी, पारंपरिक मूल्यों और पर्यावरण जागरूकता को भारत के सांस्कृतिक गौरव, एकता और आत्मनिर्भरता की यात्रा में पिरोते हैं।
मैं सभी नागरिकों और विशेषकर युवाओं और विशेषकर एनसीसी कैडेटों से आग्रह करता हूँ कि वे इनका पूरी ईमानदारी से, अक्षरशः और पूरी भावना से अभ्यास करें क्योंकि इनको स्वीकार करना, इनका पालन करना, भारत के लिए जबरदस्त बदलाव और बेहतरी लाने वाला होगा, जहाँ मानवता का छठा हिस्सा रहता है। एक अनूठी सभ्यता, अद्वितीय इतिहास, और इसलिए हम अपने राष्ट्र के प्रति इसके ऋणी हैं। ये जिम्मेदारी, मूल्यों और चेतना के माध्यम से राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करेगी। इनका अभ्यास करें, और इनका प्रतिदिन अभ्यास करें।
मेरे प्यारे कैडेट्स, राष्ट्रविरोधी ताकतों से सावधान रहें क्योंकि इसी से हमारे लोकतांत्रिक मूल्य सुरक्षित रहेंगे। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण सर्वोपरि होना चाहिए। यह दृढ़ होना चाहिए, यह दृढ़ होना चाहिए, यह कभी न डगमगाने वाला होना चाहिए क्योंकि यह हमारे अस्तित्व का मूल सिद्धांत और आधार है।
चुनौतियाँ इसलिए उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि राष्ट्र एक ऐसे उत्थान का साक्षी बन रहा है जिसकी विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। एक ऐसा उत्थान जो पिछले एक दशक से लगातार बढ़ रहा है, एक ऐसा उत्थान जिससे पूरी दुनिया ईर्ष्या कर रही है, एक ऐसा उत्थान जो इस देश के हर व्यक्ति को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
प्यारे कैडेट्स, एक टिप्पणी के साथ, आपकी पीढ़ी 2047 तक भारत के गौरव का निर्माण करेगी। इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में आपकी यात्रा के दौरान मेरी शुभकामनाएँ
जय हिन्द!
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(Release ID: 2090409)
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