आयुष
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सरकार आयुर्वेद उत्पादों के बाजार के विकास को समर्थन प्रदान कर रही है: आयुष उद्योग का आकार 18.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है (2020-21)

Posted On: 17 DEC 2024 5:48PM by PIB Delhi

विकासशील देशों के लिए अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस) के तहत फोरम ऑन इंडियन ट्रेडिशनल मेडिसिन (एफआईटीएम) द्वारा 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट – ‘भारत में आयुष क्षेत्र: संभावनाएं और चुनौतियां’ में 2020-21 में आयुष उद्योग का आकार 18.1 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है। उपर्युक्त रिपोर्ट की प्रति https://www.ris.org.in/en/node/3307 पर देखी जा सकती है।

आयुर्वेद उत्पादों के बाजार में इस वृद्धि के प्रमुख चालकों; और सरकार द्वारा आयुर्वेद उत्पादों के बाजार के विकास का समर्थन करने के तरीकों से संबंधित विवरण इस प्रकार है:  

1. आयुष मंत्रालय ने निर्यात को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न घटकों के तहत “आयुष से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने हेतु केन्द्रीय क्षेत्र की योजना" लागू की है, जो इस प्रकार हैं:

  • अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, रोड शो आदि में भाग लेने और उत्पादों के निर्यात हेतु यूएसएफडीए (यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन)/ईएमईए (यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका)/यूके-एमएचआरए (यूनाइटेड किंगडम-मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी)/ एनएचपीडी-कनाडा (प्राकृतिक स्वास्थ्य उत्पाद निदेशालय) / टीजीए (चिकित्सीय सामान प्रशासन) आदि जैसे विभिन्न देशों के नियामक निकायों के साथ आयुष उत्पादों (बाजार प्राधिकरण) के पंजीकरण के माध्यम से आयुष के अंतरराष्ट्रीय प्रसार हेतु आयुष दवा निर्माताओं, उद्यमियों, आयुष संस्थानों और अस्पतालों आदि को प्रोत्साहन।
  • अंतरराष्ट्रीय आयुष बाजार विकास और आयुष की प्रचार-संबंधी गतिविधियों के लिए समर्थन। आईसी-योजना का विवरण https://ayush.gov.in/images/Schemes/ic.pdf  पर उपलब्ध है।

2. इसके अलावा, आयुष से संबंधित उत्पादों के निर्यात को सुविधाजनक बनाने हेतु, आयुष मंत्रालय नीचे दिए गए विवरण के अनुसार आयुष उत्पादों के निम्नलिखित प्रमाणपत्रों को प्रोत्साहित करता है:-

हर्बल उत्पादों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार फार्मास्यूटिकल उत्पादों (सीओपीपी) का प्रमाणन।

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन की स्थिति के अनुसार गुणवत्ता के तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के आधार पर आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी उत्पादों को आयुष प्रीमियम मानक प्रदान करने हेतु भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) द्वारा कार्यान्वित गुणवत्ता प्रमाणन योजना।

3. वर्ष 2021 में, आयुष मंत्रालय ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना, आयुष औषधि गुणवत्ता एवं उत्त्पादन संवर्धन योजना (एओजीयूएसवाई) लागू की है और इस योजना के लिए 05 वर्षों के लिए कुल वित्तीय आवंटन 122.00 करोड़ रुपये है। एओजीयूएसवाई योजना के घटक इस प्रकार हैं –

A. उच्च मानकों को प्राप्त करने हेतु आयुष फार्मेसियों और औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन।

B. भ्रामक विज्ञापनों की निगरानी सहित एएसयू एंड एच दवाओं की फार्माकोविजिलेंस।

C. आयुष दवाओं के लिए तकनीकी मानव संसाधन एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों सहित केन्द्रीय और राज्य स्तर के नियामक ढांचे को मजबूत करना।

D. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारतीय गुणवत्ता नियंत्रण (क्यूसीआई) और अन्य प्रासंगिक वैज्ञानिक संस्थानों और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास केन्द्रों के सहयोग से आयुष उत्पादों व सामग्रियों के मानकों के विकास तथा मान्यता/प्रमाणन हेतु समर्थन।

4. भारत सरकार ने अपने अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी (पीसीआईएम एंड एच) के लिए फार्माकोपिया आयोग की स्थापना की है। आयुष मंत्रालय की ओर से पीसीआईएम एंड एच आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी (एएसयू एंड एच) औषधियों/दवाओं के लिए फॉर्मूलरी विनिर्देश एवं फार्माकोपियल मानक निर्धारित करता है, जो एएसयू एंड एच की गुणवत्ता नियंत्रण (पहचान, शुद्धता और ताकत) का पता लगाने हेतु औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और नियम 1945 के अनुसार आधिकारिक सारांश के रूप में काम करता है, जिसके तहत भारत में निर्मित की जा रही एएसयू एंड एच दवाओं के उत्पादन के लिए इन गुणवत्ता मानकों का अनुपालन अनिवार्य है।

5. आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (आयुषएक्ससीआईएल), एक नवगठित निर्यात संवर्धन परिषद (भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित और वाणिज्य मंत्रालय, द्वारा समर्थित) है, जिसे 20 अप्रैल, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और यूनानी प्रणालियों के उत्पादों के निर्यात की निगरानी करना और इन क्षेत्रों से संबंधित व्यापार से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। यह निर्यात प्रक्रियाओं से संबंधित अपने सदस्यों की क्षमता निर्माण की सुविधा प्रदान करने, आयुष उत्पादों के निर्यात के संबंध में बिजनेस टू बिजनेस बैठकें, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, रोड शो, सेमिनार एवं कार्यशालाएं आयोजित करने और आयुष संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान की सुरक्षा करने का आदेश देता है।

यह जानकारी केन्द्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/केसी/आर


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