महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की

Posted On: 16 DEC 2024 7:52PM by PIB Delhi

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आज नई दिल्ली में हुई। बैठक का विषय "मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0" था।

 

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर भी मौजूद थीं। लोकसभा और राज्यसभा से विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया।

 

बैठक के दौरान, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं जैसे मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0), मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्‍होंने  बताया कि मंत्रालय महिलाओं और बच्चों के लिए, उनके जीवन के पहले दिनों से लेकर कार्यबल में प्रवेश करने और मां बनने तक हर तरह से उनकी आजीविका में सुधार करने के उद्देश्य के लिए समर्पित है।

 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री अनिल मलिक ने सलाहकार समिति के सभी सदस्यों को योजना का संक्षिप्त विवरण प्रदान किया। एमडब्ल्यूसीडी के अपर सचिव श्री ज्ञानेश भारती ने इस विषय पर प्रस्तुति दी।

 

संसद सदस्यों ने योजना के वास्तविक कार्यान्वयन के संबंध में सुझाव दिये। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने बहुमूल्य योगदान के लिए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अधिकारियों को संसद सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने संसद सदस्यों से अपने क्षेत्रों में दौरे करने और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का भी अनुरोध किया। उन्‍होंने सभी सदस्यों से अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करने /जमीनी स्तर पर आने वाले मुद्दों को की जानकारी देने का भी अनुरोध किया ताकि मंत्रालय को अंतिम लाभार्थियों तक सेवाओं का वितरण सुचारू और प्रभावी ढंग से करने के लिए सक्रिय कदम उठाने में सक्षम बनाया जा सके।

 

वर्तमान परिदृश्य

 

मिशन पोषण 2.0 के तहत, पोषण वितरण को बढ़ाने और छह साल से कम उम्र के बच्चों के संज्ञानात्मक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ियों के रूप में मजबूत और उन्नत करने का प्रयास किया जा रहा है। 30 सितंबर 2024 को, 11,000 से अधिक सक्षम आंगनबाड़ियों का उद्घाटन किया गया, जो बेहतर पोषण और प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) सेवाएं प्रदान करती हैं।

 

पीएम जनमन के तहत 2025-26 तक तीन वित्तीय वर्षों में बनाए जाने वाले कुल 2500 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लक्षित विकास के लिए, कुल 2139 आंगनवाड़ी केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 780 चालू हैं और पीवीटीजी क्षेत्रों में लगभग 22845 लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान करते हैं।

 

मिशन पोषण 2.0 का महत्वपूर्ण स्तंभ शासन है जिसमें जन आंदोलन और समुदाय आधारित कार्यक्रम महत्वपूर्ण घटक के रूप में काम करते हैं। 2018 के बाद से 100 करोड़ से अधिक जन आंदोलन गतिविधियां और 6 करोड़ समुदाय-आधारित कार्यक्रम (सीबीई) आयोजित किए गए।

 

पहली बार, पोषण ट्रैकर पर पोषण संबंधी संकेतकों के बारे में आधारभूत डेटा उपलब्ध है। सभी आंगनवाड़ी केंद्र स्मार्ट फोन से लैस हैं। पोषण ट्रैकर 24 भाषाओं में उपलब्ध है।

 

नया घटनाक्रम:

 

मंत्रालय ने पंजीकृत लाभार्थियों को टेक होम राशन की अंतिम मील डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए फेस प्रमाणीकरण और ओटीपी का उपयोग करके दो-कारक प्रमाणीकरण प्रणाली विकसित की है।

 

राज्य स्तर पर निर्णय लेने को बढ़ावा देने और नीति निर्माण के लिए इनपुट प्रदान करने के लिए, प्रमुख पोषण संकेतकों और आंगनवाड़ी बुनियादी ढांचे का व्यापक अवलोकन देने वाली मासिक फैक्टशीट राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रदान की जाती है।

 

आंगनवाड़ी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्र का चयन करके स्वयं पंजीकरण के लिए लाभार्थी पंजीकरण की शुरुआत की गई।

 

वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल वार्षिक कवरेज को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 8.15 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयुष्मान कार्ड लगभग बनाए गए हैं।

 

पृष्ठभूमि

 

मिशन शक्ति का उद्देश्य जीवन के सभी स्तरों पर महिलाओं को सशक्त बनाना है। यह जीवन के हर चरण में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों को हल करते हुए 'महिला-नेतृत्व वाले विकास' के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। यह संबल और सामर्थ्‍य के जरिये किया जाता है। संबल महिलाओं की सुरक्षा और सहायता पर ध्यान केंद्रित करता है, जो संकट में फंसी महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (181-डब्ल्यूएचएल), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) और नारी अदालत जैसे कार्यक्रम पेश करता है। इस बीच, सामर्थ्य शक्ति सदन, सखी निवास, पालना (पूर्व में राष्ट्रीय क्रेच योजना), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) जैसी पहलों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर जोर देती है, जो पहले बच्चे के लिए 5000/- रुपये का लाभ प्रदान करती है। बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे (यदि लड़की है) के लिए एक ही किस्त में 6000/- रुपये दिए जाते हैं। संकल्प: महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए केंद्र (एचईडब्ल्यू) है।

 

मिशन वात्सल्य बच्चों की सुरक्षा, कल्याण और समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, यह विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में बच्चों की सुरक्षा, सुरक्षा और रचनात्मक विकास सुनिश्चित करता है। यह मिशन बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना को एकीकृत करता है, बाल विकास के विभिन्न पहलुओं से निपटता है  और रिश्तेदारी देखभाल, प्रायोजन, पालक देखभाल और बाद की देखभाल (21 वर्ष तक) के माध्यम से गैर-संस्थागत देखभाल की पेशकश करता है। इस मिशन के तहत प्रमुख पहलों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना शामिल है, जो कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों का समर्थन करती है, और पॉस्‍को अधिनियम, 2012 के तहत पीड़ितों की देखभाल और सहायता योजना, बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षित करती है। यह मिशन केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के माध्यम से गोद लेने की प्रक्रियाओं को भी सरल बनाता है। अतिरिक्त उपायों में लापता बच्चों की निगरानी के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और ट्रैक चाइल्ड पोर्टल शामिल हैं, जो हर बच्चे के भविष्य के पोषण और सुरक्षा के लिए व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

 

मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का लक्ष्य भारत की मानव पूंजी का निर्माण करना और जीवनचक्र दृष्टिकोण अपनाकर कुपोषण को कम करना है। यह आंगनवाड़ी सेवाओं, पोषण अभियान और किशोर लड़कियों के लिए योजना को एकीकृत करता है, जिसमें शिशु और छोटे बच्चों के आहार प्रथाओं, मातृ और किशोर पोषण और कुपोषित बच्चों के उपचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ आयुष प्रथाओं को भी प्रोत्साहित किया जाता है। इस मिशन से लगभग 10.12 करोड़ पात्र लाभार्थी लाभान्वित होते हैं अर्थात 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोर लड़कियों को 13.96 लाख चालू आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक पोषण, स्कूल-पूर्व शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं प्रदान की जाती हैं। सार्वभौमिक स्व-चयन योजना के रूप में, यह उन सभी पात्र लाभार्थियों के लिए सुलभ है जो आंगनवाड़ी केंद्रों में नामांकन करते हैं।

 

इसके अतिरिक्त, किशोरियों के लिए योजना आकांक्षी और उत्तर पूर्वी जिलों में 14-18 वर्ष की आयु की लड़कियों को पोषण और गैर-पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है, जहां लाभार्थी टेक होम राशन और अन्य कार्यक्रम लाभों के हकदार हैं, जिससे समग्र विकास और कल्‍याण अच्छी तरह से सुनिश्चित किया जा सके।

 

'पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों की परिभाषित संकेतकों पर निगरानी और ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है। बच्चों में बौनेपन, कमज़ोरी, कम वज़न की व्यापकता की गतिशील पहचान के लिए पोषण ट्रैकर का लाभ उठाया जा रहा है। यह ज़मीनी स्तर पर वास्तविक समय में हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करने में सहायक है।

 

******

एमजी/केसी/पीके


(Release ID: 2085037) Visitor Counter : 60


Read this release in: English