संस्कृति मंत्रालय
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए)
Posted On:
16 DEC 2024 4:19PM by PIB Delhi
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) की स्थापना भारत सरकार द्वारा संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य भारतीय कला और सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेजीकरण, संरक्षण और प्रसार करना तथा संस्कृति के विशिष्ट क्षेत्र में काम करने के लिए सक्षम पेशेवरों को प्रशिक्षित करना है। आईजीएनसीए, अपने नौ क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से काम करता है, जो अनुसंधान के विशिष्ट क्षेत्रों के लिए विशिष्ट केंद्र हैं जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:
S.No
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स्थान
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विशेषज्ञता के क्षेत्र
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1.
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वाराणसी(यूपी)
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अगम दर्शन
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2.
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गुवाहाटी (असम)
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उत्तर पूर्व सांस्कृतिक केंद्र
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3.
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बेंगलुरू(कर्नाटक)
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सभ्यता और प्रदर्शन कला
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4.
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रांची (झारखंड)
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जनजातीय विरासत अध्ययन
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5.
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वडोदरा(गुजरात)
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आधुनिक कला
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6.
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गोवा
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अंतर सास्कृतिक संबंध
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7.
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थ्रिशूर (केरल)
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वैदिक परंपरा और प्रदर्शन अध्ययन
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8.
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पुडुचेरी
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पुरातत्व और पुरालेख अध्ययन
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9.
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जम्मू व कश्मीर
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शिव दर्शन
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पिछले पांच वर्षों के दौरान आईजीएनसीए को प्रदान किए गए अनुदान का विवरण नीचे दिया गया है:
- 2019-20: 46.40 करोड़
- 2020-21: 40.00 करोड़
- 2021-22: 53.30 करोड़
- 2022-23: 55.05 करोड़
- 2023-24: 109.10 करोड़
आईजीएनसीए को अनुदान के तहत जारी की गई राशि का पूरा उपयोग आईजीएनसीए और संस्कृति मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार, सांस्कृतिक सूचना प्रयोगशाला, मीडिया केंद्र, प्रकाशन इकाई, शैक्षणिक इकाई और देश भर में इसके 9 क्षेत्रीय केंद्रों के कामकाज के लिए किया गया है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हैं और इसका प्रदर्शन संतोषजनक है। आईजीएनसीए ने पिछले वर्षों में कई परियोजनाओं और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जैसे नए संसद भवन में कलाकृतियों की स्थापना, भारत मंडपम में नटराज की प्रतिमा की स्थापना, राष्ट्रपति सचिवालय में आदिवासी दीवार का निर्माण, गुजरात के वडनगर में प्रेरणा स्कूल का विकास, आईटीपीओ, नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित सांस्कृतिक गतिविधियाँ और वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का डिजिटलीकरण। वे भारत की कला और सांस्कृतिक विरासत के अनुसंधान और प्रकाशन में निरंतर लगे हुए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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