सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसई-एसपीआईसीई योजना
Posted On:
16 DEC 2024 4:11PM by PIB Delhi
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की एमएसई-एसपीआईसीई योजना में 3400 से अधिक एमएसई में चक्रीय अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकोनॉमी) अपनाई जा रही है जिसका प्राथमिक लक्ष्य संसाधन दक्षता बढ़ाना, पर्यावरणीय प्रभाव कम करना और देश में एमएसई की प्रतिस्पर्धात्मकता पहल को बढ़ावा देना है। 12 दिसंबर 2024 तक एमएसई -एसपीआईसीई योजना के अंतर्गत छह एमएसई को लेखा सहायता दी गई है। 472.5 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय की इस योजना में 12.दिसंबर.2024 तक 1.31 करोड़ रुपये व्यय किए गए है।
एमएसई स्पाइस योजना में उत्पादों और सामग्रियों को रखरखाव, पुनः उपयोग, नवीनीकरण, पुनः निर्माण, पुनर्चक्रण जैसी प्रक्रियाओं द्वारा प्रचलन में रखने को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत निम्नलिखित ग्यारह क्षेत्रों में अपशिष्ट पदार्थों का पुनर्प्रसंस्करण शामिल है:
- प्लास्टिक
- रबड़
- इलेक्ट्रॉनिक कचरा
- शहरों के ठोस और तरल अपशिष्ट
- संपीड़ित जैविक गैस
- अनुपयोगी लिथियम आयन बैटरी
- जीवन काल समाप्त हुए वाहन
- कबाड़ धातु: लौह और अलौह
- सौर पैनल
- जिप्समः प्लास्टर ऑफ़ पेरिस
- विषाक्त, खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट, प्रयोग में लाए गए तेल अपशिष्ट
दिनांक 12.12.2024 तक, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक एमएसई को एमएसई-एसपीआईसीई योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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