वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के अंतर्गत भारत आपूर्ति श्रृंखला परिषद (एससीसी) की दूसरी बैठक में उपाध्यक्ष के रूप में हिस्सा लेता है
भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
Posted On:
12 DEC 2024 8:26PM by PIB Delhi
भारत ने आज आपूर्ति श्रृंखला परिषद की दूसरी बैठक में उपाध्यक्ष के रूप में हिस्सा लिया। भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने किया।
एससीसी के अध्यक्ष (संयुक्त राज्य अमेरिका) ने सितंबर 2024 में पिछली बैठक के बाद से हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला और रसायनों से जुड़े एपीटी पर एक अपडेट साझा किया, इसमें विभिन्न कार्य धाराओं के माध्यम से अधिक रसायनों के लेन-देन को बढ़ावा देने, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेल-जोल को बढ़ाने और स्रोतों में विविधता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही, महत्वपूर्ण खनिजों, सेमीकंडक्टर्स और फार्मा/ हेल्थकेयर एक्शन प्लान टीमों पर अपडेट साझा किए गए, इन क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोग और व्यावहारिक कार्य योजनाओं के विकास पर जोर दिया गया।
लॉजिस्टिक्स और माल को लाने ले जाने पर उप-समिति के नेतृत्व ने कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स के लिए तकनीकी मानकों की स्थापना से संबंधित अपडेट दिया और नियामक पारदर्शिता व सक्रिय हितधारक जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया।
डेटा और एनालिटिक्स पर उप-समिति के नेतृत्व ने आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन के संबंध में भागीदारों के बीच जारी परामर्श और लक्ष्यों के एक होने पर संतुष्टि व्यक्त की और निगरानी प्रणाली विकसित करने व डेटा विश्लेषण क्षमताओं को बढ़ाने में रुचि पर प्रकाश डाला।
उपाध्यक्ष के रूप में भारत ने चल रहे प्रयासों/ पहलों और आने वाले महीनों में ठोस परिणामों की संभावना की सराहना की। भारत ने अगले साल की शुरुआत में एससीसी की अगली व्यक्तिगत बैठक की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा है।
सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन बढ़ाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के साथ, बैठक क्राइसिस रिस्पॉन्स नेटवर्क और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (पिलर II समझौते के एक भाग के रूप में स्थापित) पर अपडेट के साथ संपन्न हुई।
सितंबर 2024 में, वाशिंगटन में पहली एससीसी बैठक में छः प्रमुख क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर (अमेरिका के नेतृत्व में), महत्वपूर्म खनिज (ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में), रसायन (अमेरिका के नेतृत्व में), फार्मा/हेल्थकेयर क्षेत्र (भारत के नेतृत्व में), लॉजिस्टिक्स और माल की आवाजाही (न्यूजीलैंड के नेतृत्व में) और डेटा और एनालिटिक्स (सिंगापुर के नेतृत्व में) पर ध्यान केंद्रित करने वाली दो उप-समितियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक्शन प्लान टीमों (एपीटी) का गठन किया गया।
परिषद की ओर से फोकस क्षेत्रों के रूप में पहचाने गए छः प्रमुख क्षेत्रों में, भारत स्वास्थ्य देखभाल/ फार्मास्युटिकल क्षेत्र को इसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र में लचीली आपूर्ति श्रृंखला के लक्ष्य को प्राप्त करने के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण मानता है। एपीटी जैसे सहयोगात्मक प्रयास सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई)/ चिकित्सा उपकरणों के लिए आयात निर्भरता पर असुरक्षा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन प्रयासों से सर्वोत्तम प्रथाओं, तकनीकी जानकारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग आदि को साझा करने के जरिए हमारे घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने की भी उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि दवा और स्वास्थ्य देखभाल आपूर्ति लचीली हो। वैश्विक स्वास्थ्य में भारत के नेतृत्व का उदाहरण कोविड-19 के लिए दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन का विकास है। सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के केंद्र के रूप में भारत का उभरना वास्तव में सराहनीय है। भारत अब फार्मास्युटिकल उत्पादन में मात्रा के आधार पर तीसरे स्थान पर और मूल्य के हिसाब से 14वें स्थान पर है।
यह बिल्कुल सामयिक है कि आईपीईएफ के अंतर्गत, भारत को फार्मा/ हेल्थकेयर पर कार्य योजना टीम के अध्यक्ष के तौर पर भी चुना गया है। वर्तमान में, थाईलैंड, सिंगापुर और न्यूजीलैंड भारत के नेतृत्व में फार्मा/ हेल्थकेयर पर एपीटी में शामिल हो गए हैं।
पृष्ठभूमि: राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों और वस्तुओं के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए लक्षित, कार्रवाई-उन्मुख कार्य को आगे बढ़ाने के लिए आईपीईएफ के तहत आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन से संबंधित समझौते के तहत आपूर्ति श्रृंखला परिषद का गठन किया गया था, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक जीडीपी का लगभग 40% और वस्तुओं और सेवा में वैश्विक व्यापार का 28% प्रतिनिधित्व करता है।
भारत ने नवंबर 2023 में क्षेत्र में 14 सदस्यीय बहुपक्षीय समूह, समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के अंतर्गत आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन समझौते (पिलर-II) पर हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाना है। यह आधिकारिक तौर पर 24 फरवरी, 2024 को लागू हुआ। समझौते के हिस्से के रूप में, आपूर्ति श्रृंखला परिषद (एससीसी) की स्थापना की गई, जिसमें भारत उपाध्यक्ष और संयुक्त राज्य अमेरिका अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।
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(Release ID: 2084022)
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