विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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संसद प्रश्न: आईआरईएल और उस्त-कामेनोगोर्स्क टाइटेनियम एंड मैग्नीशियम प्लांट के बीच समझौता

Posted On: 12 DEC 2024 6:25PM by PIB Delhi

आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड (आईआरईएल) और उस्त-कामेनोगोर्स्क टाइटेनियम और मैग्नीशियम प्लांट जेएससी (यूकेटीएमपी जेएससी) के संयुक्त उद्यम ने ओडिशा में उत्पादित लो टीआईओ2 इल्मेनाइट को टाइटेनियम मूल्य श्रृंखला में एक मध्यवर्ती उत्पाद हाई टाइटेनियम ऑक्साइड (टीआईओ2) टाइटेनियम स्लैग में परिवर्तित करने का प्रस्ताव किया है। टाइटेनियम स्लैग का उपयोग टाइटेनियम स्पंज के उत्पादन के लिए फीड सामग्री के रूप में किया जा सकता है, जो रक्षा, एयरोस्पेस और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों द्वारा रणनीतिक उपयोग के लिए आवश्यक है।

इच्छित डाउनस्ट्रीम उत्पाद रणनीतिक प्रकृति के हैं और इनकी मांग/उपभोग विमानन क्षेत्र में विनिर्माण सुविधाओं की मौजूदगी पर निर्भर करता है, जिस पर अब भारत में निजी क्षेत्र द्वारा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। स्लैग स्तर पर आगे बढ़ने से भारत के विमानन क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला के आकर्षित होने की उम्मीद है।

वर्तमान में, लगभग 260 टीपीए के उत्पादन के साथ देश में टाइटेनियम स्पॉन्ज की क्षमता अत्यंत सीमित (500 टीपीए) है। इस संयुक्त उद्यम संयंत्र की स्थापना से क्लोराइड पिगमेंट/टीआई स्लैग/स्पॉन्ज विनिर्माण उद्योग की स्थापना को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो हाई टीआईओ2 फीड स्टॉक की अनुपलब्धता के कारण बाधित रहा है।

प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के एक भाग के रूप में संयुक्त उद्यम समझौते के तहत, यूकेटीएमपी जेएससी टाइटेनियम स्लैग के उत्पादन के उद्देश्य से संयंत्र के तकनीकी डिजाइन साथ-साथ एक स्वचालित भट्टी की प्रौद्योगिकी के लिए लाइसेंस प्रदान करेगा। वे भट्टी के चालू होने के दौरान सहायता प्रदान करेंगे और संयंत्र की कार्य प्रक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं विकसित करेंगे। यूकेटीएमपी जेएससी संयंत्र की स्थापना और संयंत्र संचालकों को प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करेगी, जिसके परिणामस्वरूप संयुक्त उद्यम कंपनी के कर्मचारियों के कौशल का विकास होगा।

आईआरईएल भारत में टाइटेनियम स्लैग उत्पादन प्रौद्योगिकियों के उपयोग के संबंध में यूकेटीएमपी जेएससी के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करेगा।

यूकेटीएमपी जेएससी के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने के प्रस्ताव के परिणामस्वरूप टाइटेनियम स्लैग का उत्पादन होगा जो टाइटेनियम मूल्य श्रृंखला में एक मध्यवर्ती मूल्यवर्धित उत्पाद है। इसके अलावा, इस संयंत्र में वाणिज्यिक मूल्य वाले पिग आयरन का भी उत्पादन किया जाएगा।

यूकेटीएमपी जेएससी द्वारा टाइटेनियम स्लैग का सुनिश्चित उठाव निर्यात मूल्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके अलावा, यह भारतीय उद्योगों के लिए टाइटेनियम पिगमेंट/स्पंज का उत्पादन करने का मार्ग प्रशस्त करेगा जो अंत में उपयोग के योग्य उत्पाद हैं।

प्रस्ताव के लागू होने के बाद टाइटेनियम मूल्य श्रृंखला में उद्योग का विकास होने और डाउनस्ट्रीम उद्योग सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 8,000 से 10,000 रोजगार सृजित होने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा अर्जित होने की उम्मीद है।

टाइटेनियम स्लैग टाइटेनियम की मूल्य श्रृंखला में एक मध्यवर्ती उत्पाद है। इसका उपयोग टाइटेनियम स्पंज के उत्पादन के लिए फ़ीड सामग्री के रूप में किया जा सकता है जिसका उपयोग एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में किया जाता है। इस संयुक्त उद्यम संयंत्र की स्थापना से टाइटेनियम स्पंज विनिर्माण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जो ओडिशा में हाई ग्रेड टीआईओ2 फीड स्टॉक की सीमित उपलब्धता के कारण बाधित है।

भारतीय संयंत्र में उत्पादित टीआई स्लैग की गुणवत्ता एयरोस्पेस, रक्षा और परमाणु ऊर्जा में रणनीतिक अनुप्रयोग के लिए आवश्यक टीआई स्पंज/धातु के उत्पादन के लिए आवश्यक गुणवत्ता के बराबर होगी।

टाइटेनियम स्पॉन्ज का उपयोग एयरोस्पेस उद्योग में विमान का ढांचा, इंजन के पुर्जे और लोडिंग गियर जैसे महत्वपूर्ण घटकों को तैयार करने में किया जाता है। रक्षा क्षेत्र में इसका उपयोग पनडुब्बी, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों आदि में कवच चढ़ाने, पतवार और हीट एक्सचेंजर में किया जाता है। परमाणु ऊर्जा में इसका उपयोग परमाणु रिएक्टर शील्ड, हीट एक्सचेंजर और कंडेनसर ट्यूब आदि के लिए किया जाता है।

यह जानकारी आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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