पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
संसद प्रश्न:- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की संरक्षण स्थिति
Posted On:
12 DEC 2024 5:49PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) ने 2024 में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) और लेसर फ्लोरिकन के संरक्षण कार्य योजना हेतु पांच साल की अवधि के लिए 77.05 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है।
'ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का पर्यावास सुधार और संरक्षण प्रजनन - एक एकीकृत दृष्टिकोण' नामक एक कार्यक्रम को 2016 में सीएएमपीए के वित्तीय समर्थन से 33.85 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई थी। कार्यक्रम ने निम्नलिखित कार्यों में सफलता हासिल की है:
- जीआईबी के लिए राजस्थान के जैसलमेर के सैम और रामदेवरा में लिए संरक्षण प्रजनन सुविधाओं की स्थापना।
- जीआईबी की आंशिक संस्थापक आबादी को सुरक्षित करना।
- संरक्षण प्रजनन केंद्र में संस्थापक आबादी से जीआईबी का कैप्टिव प्रजनन शुरू करना।
- रेंज-वाइड सर्वेक्षण, टेलीमेट्री, गहन जनसंख्या, व्यवहार और निवास स्थान की निगरानी और आणविक अनुसंधान की सहायता से जीआईबी पर पारिस्थितिक ज्ञान को आगे बढ़ाना।
- आवास सुधार के लिए कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए इस जानकारी का उपयोग करना।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन के लिए संरक्षण कार्य योजना का मकसद, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन के लिए एक्स-सीटू और इन-सीटू संरक्षण करना है। इस कार्य योजना में जीआईबी सर्वेक्षण, कृत्रिम तकनीकों का विकास और कार्यान्वयन, आवास सुधार, शिकारियों से सुरक्षा के उपाय, संरक्षण और जागरूकता सृजन में सामुदायिक भागीदारी, टेलीमेट्री और जंगली आबादी की ट्रैकिंग आदि का प्रावधान है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए मिलजुल कर कार्य करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान और संयुक्त अरब अमीरात के होउबारा संरक्षण अंतर्राष्ट्रीय कोष के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/एनएस
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