सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
ब्लाइंड स्पॉट में कमी
Posted On:
11 DEC 2024 7:32PM by PIB Delhi
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सरकार मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। एनएच पर कुछ स्थानों की पहचान कुछ निश्चित संख्या में दुर्घटनाओं के आधार पर ब्लैक स्पॉट के रूप में की जाती है, जिसमें मृत्यु और गंभीर चोटें शामिल होती हैं। सरकार ने ऐसे ब्लैक स्पॉट्स पर तत्काल अल्पकालिक उपाय करने के लिए कदम उठाए हैं जैसे रोड मार्किंग, साइनेज, क्रैश बैरियर, रोड स्टड, डिलिनेटर, अनधिकृत उद्घाटनों को बंद करना, यातायात व्यवस्थित करने के उपाय आदि। साइट जांच के अनुसार स्थायी सुधार उपायों के रूप में ऐसे ब्लैक स्पॉट पर सड़क सुधार, जंक्शन सुधार, कैरिजवे का चौड़ीकरण, अंडरपास/ओवरपास का निर्माण आदि जैसे दीर्घकालिक उपाय भी किए जाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 13,795 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है, जिनमें से 9,525 ब्लैक स्पॉट पर अल्पकालिक सुधार उपाय पूरे किए जा चुके हैं और 4,777 ब्लैक स्पॉट पर स्थायी सुधार पूरा किया जा चुका है।
सभी सड़क निर्माण कार्य भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों, दिशा-निर्देशों, मैनुअल, आचार संहिता तथा सड़क और पुल निर्माण के विनिर्देशों के अनुसार किए जाते हैं। डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के चरणों के दौरान आवश्यक सड़क सुरक्षा उपाय किए जाते हैं। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनएच परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण, पूर्व-उद्घाटन चरण के साथ-साथ मौजूदा एनएच पर सभी एनएच के नियमित सुरक्षा ऑडिट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निर्माण की वांछित गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए, ईपीसी अनुबंधों में प्राधिकरण इंजीनियर द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों की शत-प्रतिशत जाँच, नमूना आधार पर गुणवत्ता जाँच, गुणवत्ता के संबंध में अनुबंध/रियायत समझौते के प्रावधानों का सख्त कार्यान्वयन, विफल/दोषपूर्ण कार्यों के लिए ठेकेदारों और सलाहकारों को दंडित करना आदि जैसे उपाय किए गए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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