सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
संसद प्रश्न: दृष्टिबाधित बालक-बालिकाओं की शिक्षा
Posted On:
11 DEC 2024 1:02PM by PIB Delhi
भारत के संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 9 के अनुसार दिव्यांगजनों को राहत देना राज्य का विषय है। सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 लागू किया जो 19.04.2017 को प्रभावी हुआ। उक्त अधिनियम धारा 16 और 17 के तहत समावेशी शिक्षा और धारा 31 के तहत बेंचमार्क (40 प्रतिशत या अधिक) विकलांगता वाले बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा प्रदान करता है। हालांकि केंद्र सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता करती है।
इस विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी), देहरादून, सीबीएसई से संबद्ध, देहरादून, उत्तराखंड में दृष्टि दिव्यांग बच्चों के लिए एक वरिष्ठ माध्यमिक मॉडल स्कूल चला रहा है। यह संस्थान कक्षा नर्सरी से कक्षा 12वीं तक 248 दृष्टि बाधित बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहा है।
एनआईईपीवीडी द्वारा दृष्टि बाधित बच्चों के लिए उपलब्ध कराई गई सुलभ शिक्षण सामग्री इस प्रकार है:
1. ई-पब/डेजी
2. मानव द्वारा सुनाई गई रिकॉर्डिंग
3. बड़ी प्रिंट/ऑडियो पुस्तकें
4. ओसीआर - प्रूफ रीडिंग के बिना ई-पब संरचना
5. स्पर्शनीय आरेख
6. सुगम्य पुस्तकालय के माध्यम से ऑनलाइन सेवा
उपरोक्त के अतिरिक्त, विभाग की ओर से दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा सहित दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निम्नलिखित प्रमुख योजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं:
- विभाग की दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) के अंतर्गत, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के कल्याण/सशक्तिकरण के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाने के लिए स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें दृष्टि दिव्यांगता (बधिर-अंधता सहित) वाले बच्चों के लिए विशेष स्कूल परियोजना शामिल है। इसमें गृह आधारित पुनर्वास और समुदाय आधारित पुनर्वास परियोजना और अल्प दृष्टि केंद्र परियोजना का विकल्प भी शामिल है।
- विभाग 'दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति' नामक एक व्यापक योजना भी क्रियान्वित कर रहा है, जिसके अंतर्गत मानक विकलांगता वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
- विभाग दृष्टिबाधित बच्चों सहित दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी-एसडीपी) भी चला रहा है।
- विभाग के राष्ट्रीय कोष के अंतर्गत कक्षा 9 से कक्षा 12 तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) विषयों की पढ़ाई करने वाले 100 प्रतिशत दृष्टिहीन छात्रों के लिए विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति की जाती है।
जैसा कि बताया गया है, शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूली शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका नाम है समग्र शिक्षा योजना। समग्र शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा के लिए एक समर्पित समावेशी शिक्षा घटक है। इस योजना में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की विकलांगता अनुसूची में उल्लिखित सभी विकलांग बच्चों को शामिल किया गया है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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