महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
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सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजना 'प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण)' को मंजूरी दे दी है, इसे पहले 'स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम' के रूप में जाना जाता था


सरकार ने सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए

Posted On: 06 DEC 2024 7:30PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री पोषण योजना का क्रियान्वयन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पात्र बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना 'प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण)' को मंजूरी दे दी है। इसे  पहले 'स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम' के रूप में जाना जाता था। सरकार ने पीएम पोषण योजना के तहत निम्नलिखित अतिरिक्त बिन्दुओं को भी मंजूरी दी है:-

  • बालवाटिका का समावेशन : पूर्व-विद्यालयों या बालवाटिका (कक्षा 1 से पहले) के बच्चों और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना।
  • तिथि भोजन : तिथि भोजन एक सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम है जिसमें लोग विशेष अवसरों/त्यौहारों पर बच्चों को नियमित भोजन के अलावा विशेष भोजन उपलब्ध कराते हैं।
  • स्कूल पोषण उद्यान : इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में स्कूल पोषण उद्यानों के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रकृति और बागवानी का प्रत्यक्ष अनुभव मिल सके।
  • सामाजिक अंकेक्षण : इस योजना के तहत सभी जिलों में सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। सामाजिक अंकेक्षण लोगों की सक्रिय भागीदारी द्वारा किसी योजना की सामूहिक निगरानी है, जिसमें समानता, समता और व्यय प्रबंधन के मुद्दे शामिल हैं।
  • वोकल फॉर लोकल : 'वोकल फॉर लोकल' के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्धारित पोषण और खाद्य मानदंडों के तहत स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल मेनू तय करने और किसान उत्पादक संगठनों, महिला स्वयं सहायता समूहों के संघ आदि से स्थानीय रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थ जैसे बाजरा, सब्जियां, मसाले आदि खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह कदम स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पोषण मानकों में सुधार करने के लिए उठाया गया है।
  • विशेष ध्यान: आकांक्षी जिलों / जनजातीय जिलों / कुपोषण के उच्च मामलों वाले जिलों में पूरक पोषण के लिए पर्याप्त प्रावधान।
  • आपदा प्रबंधन : राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के रूप में अपनी शक्तियों के तहत घोषित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के किसी भाग, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश या पूरे देश में आपदा के कारण स्कूल बंद होने पर बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन या खाद्य सुरक्षा भत्ता का प्रावधान।

पात्र छात्रों को गर्म पका हुआ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने सहित योजना के सुचारू संचालन की समग्र जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों की है। भारत सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को योजना के तहत अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन परोसना सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वच्छता पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश आधिकारिक वेबसाइट https://pmposhan.education.gov.in पर उपलब्ध हैं। इन दिशा-निर्देशों में, अन्य बातों के साथ-साथ, स्कूलों को भोजन तैयार करने के लिए एगमार्क गुणवत्ता और ब्रांडेड सामान खरीदने, रसोइया-सह-सहायकों को प्रशिक्षण देने, बच्चों को परोसने से पहले कम से कम एक शिक्षक सहित स्कूल प्रबंधन समिति के 2-3 सदस्यों द्वारा भोजन चखने के निर्देश दिए गए हैं।

यह जानकारी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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