कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
प्राकृतिक खेती/जैविक खेती
Posted On:
03 DEC 2024 5:43PM by PIB Delhi
परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (एमओवीसीडीएनईआर) के अंतर्गत देश में जैविक खेती के तहत कुल कृषि भूमि 59.75 लाख हेक्टेयर है। पीकेवीवाई के अंतर्गत प्राकृतिक खेती योजना भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) के अंतर्गत आठ राज्यों को 4.09 लाख हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई।
चालू वित्त वर्ष के लिए जैविक खेती के अंगर्गत आवंटित कुल धनराशि का राज्यवार विवरण अनुलग्नक I के रूप में संलग्न है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) को हाल ही में 25.11.2024 को मंजूरी दी गई है, इसलिए किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है।
भारत सरकार पीकेवीवाई और एमओवीसीडीएनईआर के माध्यम से देश में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। दोनों ही योजनाएं जैविक खेती में संलग्न किसानों को प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, उत्पादन, प्रसंस्करण, प्रमाणन, विपणन और कटाई के बाद के प्रबंधन से जुड़ी हर प्रकार की सहायता प्रदान करती हैं।
पीकेवीवाई के तहत प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, डेटा प्रबंधन, पीजीएस प्रमाणन, मूल्य संवर्धन, विपणन और प्रचार के लिए तीन वर्षों की अवधि के लिए 31,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से किसानों को ऑन-फार्म/ऑफ-फार्म जैविक इनपुट के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन वर्षों की अवधि के लिए 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है।
एमओवीसीडीएनईआर योजना के अंतर्गत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के निर्माण, जैविक इनपुट, गुणवत्ता वाले बीज/रोपण सामग्री और प्रशिक्षण, सहायता और प्रमाणन के लिए किसानों को सहायता देने के लिए 3 वर्षों के लिए 46,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से, किसानों को 3 वर्षों के लिए 32,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से योजना के तहत ऑफ-फार्म/ऑन-फार्म जैविक इनपुट के लिए सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें किसानों को डीबीटी के रूप में 15,000 रुपये और किसानों को दी जाने वाली रोपण सामग्री के लिए 17,500 रुपये शामिल हैं।
पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि और बागवानी उपज की मात्रा का राज्यवार ब्यौरा क्रमशः अनुलग्नक II और III में दिया गया है।
अनुलग्नक I, II और III
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
***
एमजी/केसी/जेके/एसके
(Release ID: 2081477)
Visitor Counter : 84