आयुष
azadi ka amrit mahotsav

आयुष मंत्रालय देश में विभिन्न प्रकार के आयुष मध्यवर्तन के माध्यम से आयुष चिकित्सा पद्धति के समग्र विकास और संवर्धन के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के लिए राज्यों/केंद्र शासित राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है


आयुष मंत्रालय ने राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं की विभिन्न अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए 2014-15 से 2023-24 तक 4534.28 करोड़ रुपये की राशि जारी की है

Posted On: 03 DEC 2024 5:13PM by PIB Delhi

आयुष मंत्रालय, राज्य/केंद्र शासित राज्यों के माध्यम से राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) की केंद्र प्रायोजित योजना को कार्यान्वित कर रहा है और देश में ग्रामीण क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रकार के आयुष मध्यवर्तन के माध्यम से आयुष चिकित्सा पद्धति के समग्र विकास और संवर्धन के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न गतिविधियों के तहत उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। मिशन अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित गतिविधियों के लिए प्रावधान करता है:

  1. मौजूदा आयुष औषधालयों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत करके आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) कर दिया गया है।
  2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं की सह-स्थापना।
  3. मौजूदा सरकारी आयुष अस्पतालों का उन्नयन।
  4. मौजूदा सरकारी/पंचायत/सरकारी सहायता प्राप्त आयुष औषधालयों का उन्नयन/मौजूदा आयुष औषधालय (किराए पर/जीर्ण-शीर्ण आवास) के लिए भवन का निर्माण/ऐसे क्षेत्र में नया आयुष औषधालय स्थापित करने के लिए भवन का निर्माण जहां कोई आयुष सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
  5. 10/30/50 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष अस्पतालों की स्थापना।
  6. सरकारी आयुष अस्पतालों, सरकारी औषधालयों और सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थागत आयुष अस्पतालों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति।
  7. आयुष सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम।
  8. उन राज्यों में नए आयुष कॉलेजों की स्थापना जहां सरकारी क्षेत्र में आयुष शिक्षण संस्थानों की उपलब्धता अपर्याप्त है।
  9. आयुष स्नातक संस्थानों और आयुष स्नातकोत्तर संस्थानों का अवसंरचनात्मक विकास/पीजी/फार्मेसी/पैरा-मेडिकल पाठ्यक्रम जोड़ना।

राज्य/केंद्र शासित राज्य क्षेत्र सरकारों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार, आयुष मंत्रालय ने राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं (एसएएपी) की विभिन्न अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2014-15 से वर्ष 2023-24 तक 4534.28 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। एनएएम के तहत की गई प्रमुख उपलब्धियां/गतिविधियाँ अनुलग्नक में दी गई हैं।

इसके अलावा आयुष मंत्रालय आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयुष में सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी) को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना को कार्यान्वित कर रहा है। इसका उद्देश्य देश भर में जनसंख्या के सभी वर्गों तक पहुँचना है। यह योजना राष्ट्रीय/राज्य आरोग्य मेलों, योग उत्सवों/उत्सवों, आयुर्वेद पर्वों आदि के आयोजन के लिए सहायता प्रदान करती है। मंत्रालय आयुष प्रणाली के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मल्टी-मीडिया, प्रिंट मीडिया अभियान भी चलाता है।

हालांकि, एनएएम की विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी के लिए केंद्रीय टीमें समय-समय पर क्षेत्र का दौरा कर रही हैं और चल रही गतिविधियों की प्रभावशीलता का विश्लेषण कर रही हैं। इसी तरह, आयुष मंत्रालय भी वित्तीय वर्ष 2021-22 से 02 घटकों के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना, आयुर्वेद स्वास्थ्य योजना को लागू कर रहा है। i) उत्कृष्टता केंद्र; और ii) सार्वजनिक स्वास्थ्य में आयुष। योजना के दिशा-निर्देशों में निहित प्रावधान के अनुसार देश भर में पात्र संगठनों/संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस मंत्रालय द्वारा गठित निगरानी दल अनुमोदित वितरण के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में आयुष हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए परियोजना स्थल का दौरा करता है।

आयुष मंत्रालय का एक स्वायत्त संगठन, केंद्रीय आयुर्वेदिय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) विभिन्न रोग स्थितियों में शास्त्रीय आयुर्वेद योगों और उपचारों की नैदानिक ​​प्रभावकारिता और सुरक्षा पर साक्ष्य उत्पन्न करने के लिए नैदानिक ​​अध्ययन करता है। नैदानिक ​​अध्ययन प्रचलित दिशा-निर्देशों जैसे कि  एएसयूदवाओं के लिए अच्छे नैदानिक ​​अभ्यास दिशानिर्देश (जीसीपी-एएसयू), आयुष मंत्रालय और जैव-चिकित्सा अनुसंधान के लिए नैतिक दिशा-निर्देश (आईसीएमआर), पारंपरिक दवाओं के लिए डब्ल्यूएचओ दिशा-निर्देश आदि को आवश्यकतानुसार अपनाते हुए किए जाते हैं। इसी तरह, केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) का अनुसंधान कार्यक्रम मुख्य रूप से सिद्ध औषधियों की सुरक्षा और प्रभावकारिता अध्ययन, मौलिक सिद्धांतों का सत्यापन, दवा मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण, साहित्यिक अनुसंधान सहित औषधीय पौधों का सर्वेक्षण और खेती सहित नैदानिक ​​अनुसंधान पर केंद्रित है।

इसके अलावा, आयुष मंत्रालय ने 16.03.2021 को स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) द्वारा अनुमोदित एक केंद्रीय क्षेत्र योजना आयुष औषधि गुणवत्ता एवं उत्पादन संवर्धन योजना (एओजीयूएसवाई) को कार्यान्वित किया है। इस योजना के लिए कुल बजट आवंटन पाँच वर्षों के लिए 122.00 करोड़ रुपये है। योजना के उद्देश्य इस प्रकार हैं;

  1. आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत की विनिर्माण क्षमताओं और पारंपरिक दवाओं और स्वास्थ्य संवर्धन उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना।
  2. आयुष औषधियों एवं सामग्रियों के मानकीकरण, गुणवत्ता विनिर्माण और विश्लेषणात्मक परीक्षण के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में पर्याप्त अवसंरचनात्मक एवं तकनीकी उन्नयन तथा संस्थागत गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना।
  3. आयुष औषधियों के प्रभावी गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा निगरानी और भ्रामक विज्ञापनों की निगरानी के लिए केन्द्र और राज्य स्तर पर नियामक ढांचे को सशक्त करना।
  4. आयुष औषधियों एवं सामग्रियों के मानकों एवं गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समन्वय, सहयोग एवं अभिसारी दृष्टिकोण के निर्माण को प्रोत्साहित करना।

विस्तृत दिशानिर्देश https://ayush.gov.in/images/Schemes/aoushdhi.pdf पर उपलब्ध हैं।

अनुलग्नक

वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक एनएएम के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियां।

  1. एकीकृत आयुष अस्पतालों की स्थापना के लिए 167 इकाइयों को समर्थन दिया गया।
  2. बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए 416 आयुष अस्पतालों और 5036 आयुष औषधालयों को सहायता दी गई है।
  3. 2322 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी), 715 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) और 314 जिला अस्पतालों (डीएच) को औसतन प्रत्येक वर्ष दवाओं और आकस्मिकता की आवर्ती सहायता के लिए सह-स्थान के तहत समर्थन दिया गया है।
  4. प्रत्येक वर्ष औसतन 996 आयुष अस्पतालों और 12405 आयुष औषधालयों को आवश्यक आयुष दवाओं की आपूर्ति के लिए सहायता प्रदान की गई है।
  5. नये आयुष शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के लिए 16 इकाइयों को सहयोग दिया गया।
  6. 76 स्नातक और 36 स्नातकोत्तर आयुष शैक्षणिक संस्थानों को बुनियादी ढांचे, पुस्तकालय और अन्य चीजों के उन्नयन के लिए सहायता प्रदान की गई है।
  7. 1055 आयुष ग्रामों को सहयोग दिया गया है।
  8. 12500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) को अनुमति दी गई है।

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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