ग्रामीण विकास मंत्रालय
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया को ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी
इस साल मंत्रालय का बजट 1 लाख 84 हजार करोड़ था उसमें से 1 लाख 3 हजार करोड़ रूपये खर्च कर चुके हैं: श्री चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंर्तगत 2 करोड़ नए घर अगले पांच साल में 3.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगे कोई भी पात्र परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभ से वंचित न रहे इसके वर्तमान में 13 एक्सक्लूशन क्राइटेरिया को संशोधित कर 10 कर दिया गया है पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 6,614 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है पीएम-जनमन के अंर्तगत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 2,337 किमी सड़क को स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 12 किमी सड़क का निर्माण किया जा चुका है अब तक 1 करोड़ 15 लाख 274 स्वयं सहायता समूह के माध्यम से डीएवाई.एनआरएलएम के तहत लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी हैं, यह अभियान निरन्तर जारी है अब तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन कार्य पूरा किया जा चुका है मौजूदा जनमनरेगा ऐप को नया रूप देने का निर्णय लिया गया जो नागरिकों को सूचना के सक्रिय प्रकटीकरण के साथ महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन के बारे में एक फीडबैक तंत्र बनाने में सहायता करता है सामाजिक रूप से वंचित समूहों का अनिवार्य कवरेज यानी एससी/एसटी-50%, अल्पसंख्यक-15% और महिलाएं 33% और हाथ से मैला ढोने वालों, दिव्यांगों और महिला प्रधान घर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना भवन के निर्माण के लिए अनुदान को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया है
Posted On:
04 DEC 2024 1:49PM by PIB Delhi
केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया को ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि आधी आबादी को पूरा न्याय देना, महिला सशक्तिकरण हमारा सबसे प्राथमिक लक्ष्य है। श्री चौहान ने बताया कि इस साल मंत्रालय का बजट 1 लाख 84 हजार करोड़ था उसमें से 1 लाख 3 हजार करोड़ रूपये खर्च कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने, ग्रामीण जनता को रोज़गार से जोड़ने और सुविधायें देने के लिए हम दिनरात काम कर रहे हैं। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसी भी राज्य में मनरेगा व पीएम आवास योजना में कमियां मिलेंगी तो हम कार्रवाई करेंगे, कार्रवाई के लिए हम प्रतिबद्व हैं। मनरेगा जैसी योजनायें मांग आधारित योजनायें हैं। उसके लिए बजट कम पड़ने पर वित्त मंत्रालय से राज्यों की मांग के आधार पर फिर से पैसा मांगते हैं और वह लगातार रिवाइज़ होता रहता है।

श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बताई गई मंत्रालय की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण
- श्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंर्तगत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें से लगभग सभी घर स्वीकृत किए जा चुके हैं 2.67 करोड़ घर पूर्ण हो चुके हैं।
- इस कार्यक्रम की सफलता और ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए आवास योजना का विस्तार किया गया है और आने वाले अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त आवासों का निर्माण किया जाएगा.
- ये 2 करोड़ नए घर अगले पांच साल में 3.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगे। कोई भी पात्र परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रहे इसलिए वर्तमान में 13 एक्सक्लूशन क्राइटेरिया को संशोधित कर 10 कर दिया गया है जिससे कोई भी आवास विहीन परिवार छूटने न पाये। एक्सक्लूशन क्राइटेरिया जैसे मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नाव, रेफ्रीजिरेटर, लैंडलाइन फ़ोन को हटा दिया गया है। इसके अलावा एक्सक्लूशन क्राइटेरिया में परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय 10,000 से बढाकर रुपये 15,000 कर दी गयी है। मेरी सरकार ने आपके विचारों एवं सभी सहभागियों से परामर्श करके निर्णय लिया कि ग़ैर ज़रूरी शर्तों को हटाया जाये जिससे सभी के लिये आवास के उद्देश्य को सच मायने में साकार किया जा सके। पुरानी एवं नई एक्सक्लूशन क्राइटेरिया संलग्न है।
- श्री चौहान ने कहा कि आप इस बात से भी अवगत हैं कि ग्रामीण भारत के उत्थान की दिशा में हमारा लक्ष्य केवल आवास देना ही नहीं बल्कि आवास के साथ मूलभूत सुविधायें भी सुनिश्चित करना है और इसके अंतर्गत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत अपने घर बनाने के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी का भी लाभ दिया जाता है एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और सौभाग्य योजना से समन्वय कर आवासों में शौचालय, रसोई गैस और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है । साथ प्रधान मंत्री सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना से समन्वय करके लाभार्थियों को सोलर रूफ टॉप का कनेक्शन देकर उनके बिजली बिल को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत बनने वाला हर घर एक संपूर्ण आवास है... एक सुविधा संपन्न आवास। सच मायने में यही योजना, ग़रीबी मुक्त गाँव एवं विकसित भारत की आधारशिला साबित होंगे।
- नव अनुमोदित 2 करोड़ के लक्ष्य में से मौजूदा 18 राज्यों को लगभग 38 लाख का लक्ष्य दिया गया है जिसके लिए आप सभी राज्यों को रूपये 10668 करोड़ फण्ड जारी कर दिया गया है। इस योजना में फंड्स की कोई कमी नहीं है और राज्यों से अनुरोध है कि राज्यंश को समय से निर्गत करें एवं फंड्स का उपभोग करके अगली किश्त के लिए प्रस्ताव भेजकर केंद्र सरकार से केंद्रांश प्राप्त करें।
- न्यूनतम घर का आकार 25 वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह भी शामिल है, मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में ₹1.30 लाख की सहायता दी जाएगी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से कुशलतापूर्वक भुगतान किया जाता है, इस वर्ष 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक क्लिक के माध्यम से उनकी पहली किस्त प्राप्त हुई है।
- आप लोगों को ये अवगत कराना चाहता हूँ कि 17 सितम्बर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भुबनेश्वर, उड़ीसा से सिंगल क्लिक द्वारा 15 लाख आवासों को स्वीकृत पत्र देने सहित 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में रूपये 3180 करोड़ आधार के माध्यम से जारी किया गया एवं 26 लाख से अधिक आवासों का गृह प्रवेश भी कराया गया.
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को आप सिर्फ एक योजना की तरह न समझें, यह एक आम जनता के लिए एक उम्मीद है, यह सम्मान, सशक्तीकरण और बेहतर भविष्य का निर्माण करने का आधार है। यह योजना भारत सरकार की गांवों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

पुराने एवं संशोधित एक्सक्लूशन क्राइटेरिया की सूची:
पहले (13): पुराने
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अब (10): संशोधित
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- मोटर चालित दो/तीन/चार पहिया वाहन/मछली पकड़ने वाली नाव
- यंत्रीकृत तीन/चार पहिया कृषि उपकरण
- ₹50,000 या उससे अधिक की क्रेडिट सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड
- सरकारी कर्मचारी के रूप में किसी भी सदस्य के साथ परिवार
- सरकार के साथ पंजीकृत गैर-कृषि उद्यमों वाले परिवार
- परिवार का कोई भी सदस्य प्रति माह ₹10,000 से अधिक कमाता है
- आयकर का भुगतान
- पेशेवर कर का भुगतान
- एक रेफ्रिजरेटर के मालिक
- खुद का लैंडलाइन फोन
- कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ 2.5 एकड़ या अधिक सिंचित भूमि के मालिक
- दो या अधिक फसल मौसमों के लिए 5 एकड़ या अधिक सिंचित भूमि
- कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ कम से कम 7.5 एकड़ भूमि या अधिक का मालिक होना
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- मोटर चालित तीन/चार पहिया वाहन
- यंत्रीकृत तीन/चार पहिया कृषि उपकरण
- 50,000 रुपये या उससे अधिक की क्रेडिट सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड
- सरकारी कर्मचारी के रूप में परिवार का कोई भी सदस्य
- सरकार के साथ पंजीकृत गैर-कृषि उद्यमों वाले परिवार
- परिवार का कोई भी सदस्य प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक कमाता है
- आयकर का भुगतान
- पेशेवर कर का भुगतान
- 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि के मालिक
- 5 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि के मालिक
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- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क यो
- जना (पीएपीएमजीएसवाई)
- पीएमजीएसवाई के विभिन्न घटकों के अंतर्गत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 9,013 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 7,058 किलोमीटर का निर्माण किया जा चुका है एवं 1,067 बसावटों को योजना की शुरुआत से 02.12.2024 तक कनेक्टिविटी प्रदान की गई है।
- पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 6,614 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें पश्चिम बंगाल का 3,380 किमी भी शामिल है जिसकी हाल ही में स्वीकृति दी गई है। इसके सापेक्ष 6,473 किमी का निर्माण किया जा चुका है।
- आबादी मानकों के अनुसार सड़कों से न जुड़ी पात्र बसावटों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण का कार्य इस समय जारी है।
- 15 राज्यों का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है।
- पीएमजीएसवाई-IV दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे दिया गया है और इन्हें शीघ्र ही जारी कर दिया जाएगा।
- Accessibility guidelines तैयार किए गए हैं और इसका उपयोग पीएमजीएसवाई-IV सड़कों की डीपीआर तैयार करने में किया जाएगा। यह PMGSY-IV सड़कों को पार करते समय या यात्रा करते समय विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों की सुरक्षित और आरामदायक आवाजाही सुनिश्चित करेगा।
- PMGSY-IV के अंतर्गत 10% कार्य इसी वर्ष स्वीकृत करने का लक्ष्य है।
- 9 जून 2024 से 02 दिसंबर, 2024 तक 2,337 किमी सड़क को स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 12 किमी सड़क का निर्माण किया जा चुका है।
- वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, 5973 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और 02.12.2024 तक 10,762 करोड़ रुपये (राज्य के हिस्से सहित) खर्च किए गए हैं।
- पीएमजीएसवाई के विभिन्न घटकों के अंतर्गत 02 दिसंबर, 2024 तक 8,34,657 किमी सड़क को स्वीकृति प्रदान की गई है एवं 7,69,284 किमी का निर्माण किया जा चुका है एवं 1,54,835 बसावटों को योजना की शुरुआत से 02.12.2024 तक कनेक्टिविटी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I,II,III एवं आरसीपीएलडब्ल्यूईए की समय सीमा मार्च 2025 तक है ।
- पीएमजीएसवाई-I के तहत, 1,55,276 बसावटों को स्वीकृति प्रदान की गई है और 99.7% बसावटों को सड़क संपर्क दे दिया गया है।
- पीएमजीएसवाई-II के अंतर्गत करीब करीब 100% कार्य पूरे हो गए है।
- पीएमजीएसवाई-III के अंतर्गत भी 72% कार्य पूरे हो गए है।
- पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 02.12.2024 तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 2,65,498 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और 3,29,310 करोड़ रुपये (राज्य के हिस्से सहित) खर्च किए गए हैं।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
- नई लखपति दीदियां बनाना :
- 9 जून 2024 के बाद, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत विभिन्न राज्य-नेतृत्व वाली पहलों के माध्यम से उल्लेखनीय 15 लाख नई लखपति दीदियों को सशक्त बनाया गया है।
- इन नई जोड़ी गई लखपति दीदियों के विस्तृत राज्यवार आंकड़े तालिका-I में हैं।
- संचयी प्रभाव:
- देश भर में लखपति दीदियों की कुल संख्या 1,15,00,274 तक पहुंच गई है।
- कुल आंकड़ों का राज्यवार विस्तृत विवरण तालिका-II में है।
- सामुदायिक प्रबंधित प्रशिक्षण केन्द्रों (सीएमटीसी) का विस्तार:
- नये केन्द्र स्थापित:
- 9 जून 2024 से अब तक 150 नए सीएमटीसी स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। राज्य-वार आंकड़े तालिका-III में संलग्न हैं
- कुल सीएमटीसी:
- उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में देश भर में वर्तमान में कार्यरत सीएमटीसी की कुल संख्या 301 शामिल है। ये केंद्र ग्रामीण समुदायों को आजीविका में स्थायी सुधार लाने के लिए कौशल और जानकारी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत प्रगति के मुख्य बिन्दु:
- संचयी उपलब्धियां:
- दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत समेकित प्रगति और प्रमुख निष्पादन संकेतकों को तालिका-IV में संक्षेप में दिया गया है।
- ये उपलब्धियां ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर सामुदायिक संस्थाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती हैं।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा) का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से काम करते हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक सौ दिन की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना है।
उपलब्धियाँ: वित्तीय वर्ष 2024-25 (01.06.2024 से 02.12.2024)
• 123 करोड़ श्रमदिवस सृजित किए गए
• 46,907 करोड़ रु. केन्द्रीय निधि जारी कर दी गई है
• 43.81 लाख कार्य पूर्ण हो चुके हैं
तीसरे कार्यकाल में की गई प्रमुख पहल/निर्णय:
- मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल 2022 को किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण जिले में (सिवाय दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों )75 अमृत सरोवरों का निर्माण या पुनर्जीवन करना था, ताकि 15 अगस्त 2023 तक देशभर में कुल 50,000 सरोवर बनाए जा सकें, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। अब तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन कार्य पूरा किया जा चुका है। इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए और अधिक सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन किया जाएगा, जिसमें जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये सरोवर आने वाले वर्षों तक स्थायी जल संसाधन और सक्रिय सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करते रहें। इसके सात ही, सभी संबंधित विभागों/मंत्रालयों और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को मिशन के आगे बढ़ाने के लिए पत्र और संशोधित दिशानिर्देश पहले ही साझा किए जा चुके हैं।
· युक्तधारा पोर्टल: 1 अक्टूबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में युक्तधारा पोर्टल शुरू करने का निर्णय लिया गया है। युक्तधारा महात्मा गांधी नरेगा कार्यों की जीआईएस आधारित जीपी योजना के लिए एक गतिशील पोर्टल है, जिसमें पोर्टल में ही रिज टू वैली दृष्टिकोण के संदर्भ में विश्लेषण के लिए विशेषताएं हैं।
· जनमनरेगा-II: मौजूदा जनमनरेगा ऐप को नया रूप देने का निर्णय लिया गया है, जो नागरिकों को सूचना के सक्रिय प्रकटीकरण के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन के बारे में एक फीडबैक तंत्र बनाने में सहायता करता है।
- प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास: महात्मा गांधी नरेगा के तहत क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने के लिए, इस योजना के तहत ग्राम रोजगार सहायकों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया गया है।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम
- वृद्धावस्था, विधवाओं और दिव्यांगजनों से संबंधित लगभग 3 करोड़ लाभार्थियों को एनएसएपी योजनाओं के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित करने के लिए 4554.20 करोड़ रुपये जून, 2024 से जारी किए गए हैं।
- एनआईसी द्वारा विकसित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाणन के लिए एक अभिनव उपकरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। एप्लिकेशन को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा।
- दिशा समिति
- श्री चौहान ने बताया कि देश के 784 जिलों में जिला स्तरीय दिशा समितियों का पुनर्गठन किया गया है और 477 सांसदों को 784 जिलों में अध्यक्ष, 261 सांसदों को 363 जिलों में सह-अध्यक्ष तथा 63 सांसदों को 81 जिलों में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में इन समितियों के लिए नामित किया गया है।
- राज्य स्तरीय दिशा समितियों में सदस्य के रूप में 186 सांसदों (127 लोकसभा/59 राज्यसभा) को नामित किया गया है।
- नव मनोनीत अध्यक्षों ने 24 राज्यों के 272 जिलों में 276 बैठकें कर ली है ।
- मंत्रालय द्वारा अब तक राज्य तथा जिला स्तरीय दिशा समितियों के लिए 93 गैर-सरकारी सदस्यों के नामांकन कर दिए गए हैं।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)
प्रस्तावना –
ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने एक महत्वाकांक्षी एजेंडा, कौशल विकास कार्यक्रम को वैश्विक मानकों के लिए बेंचमार्क स्थापित करने के उद्देश्य से,दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) के रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत वैतनिक रोज़गार पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रम को 25 सितंबर 2014 को नए रूप में शुरूआत की।
विशेषताएं –
15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के गरीब परिवारों के ग्रामीण युवाओं पर विशेष ध्यान: क) मनरेगा श्रमिक परिवार, यदि परिवार के किसी व्यक्ति ने 15 दिन का काम पूरा किया हो, ख) आरएसबीवाई परिवार, ग) अंत्योदय अन्न योजना कार्ड परिवार, डी) बीपीएल पीडीएस कार्ड परिवार, ई) एनआरएलएम-एसएचजी परिवार, एफ) गरीबों की पहचान की भागीदारी प्रक्रिया, जी) एसईसीसी 2011 के ऑटो समावेशन मानकों के तहत आने वाले परिवार।
सामाजिक रूप से वंचित समूहों का अनिवार्य कवरेज, यानी एससी/एसटी-50%, अल्पसंख्यक-15%, और महिलाएं 33% और हाथ से मैला ढोने वालों, दिव्यांगों और महिला प्रधान घर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रगति 100 दिवस
|
प्रगति 09 जून से अब तक
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
25,233
|
15,696
|
60,765
|
45,615
|
प्रगति 100 दिवस
|
प्रगति 09 जून से अब तक
|
फंड रिलीज (लाख में)
|
फंड रिलीज (लाख में)
|
1249.99
|
13982.55
|
प्रमुख उपलब्धियां:
- केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सभी राज्यों के साथ योजना की समीक्षा बैठकें पूरी की जा चुकी हैं।
- 14 कैप्टिव नियोक्ताओं को 11 राज्यों द्वारा कैप्टिव नियोक्ताओं को 30 परियोजनाएं राज्य द्वारा आवंटित की गईं हैं।
नई पहल:
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना 2.0 दिशानिर्देश को मंजूरी दे दी गई है, इससे ग्रामीण गरीब युवाओं को कुशल विकास करने में और नौकरियों दिलाने में मदद मिलेगी।
- NIC द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना सहित ग्रामीण कौशल के लिए एक मजबूत एमआईएस(MIS) एकीकृत और समेकित पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें जुटाव, परामर्श, प्रशिक्षण, नौकरी पर प्रशिक्षण, प्लेसमेंट/सेटलमेंट, नियोजित और स्थापित उम्मीदवारों की ट्रैकिंग और प्रशिक्षण संस्थानों को भुगतान जैसे सभी मॉड्यूल शामिल हैं।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना (RSETI)
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना प्रायोजक बैंकों, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच तीन-तरफ़ा साझेदारी है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान अल्पकालिक प्रशिक्षण और दीर्घावधि हैंडहोल्डिंग के दृष्टिकोण पर कार्यरत है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कार्यक्रम वर्तमान में देश के 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 588 जिलों में 25 अग्रणी बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र और साथ ही कुछ ग्रामीण बैंकों दोनों) द्वारा 602 ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानो के माध्यम से क्रियाँवित किया जा रहा है।
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा 44 नवनिर्मित जिलों में (आरएसईटीआई) खोलने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति राज्य और बैंक को प्रदान की गई है ।
- भौतिक प्रगति –
प्रगति 100 दिवस
|
प्रगति 09 जून से अब तक
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
प्रशिक्षित
|
नियोजित
|
1,84,765
|
99,329
|
3,25,239
|
2,06,114
|
- वित्तीय प्रगति –
प्रगति 100 दिवस
|
प्रगति 09 जून से अब तक
|
फंड रिलीज (लाख में)
|
फंड रिलीज (लाख में)
|
398.26
|
15289.89
|
प्रमुख उपलब्धियां:
- श्री चौहान ने बताया कि सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठकें पूरी हो चुकी हैं।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान योजना भवन के निर्माण के लिए अनुदान को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया है
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता परिषद(NSQC) से अनुमोदन के बाद दो पाठ्यक्रम, कृषि-उद्यमिता एवं ‘पशु मित्र’ और ‘मत्स्य मित्र’ शुरू किए गए।
- आरएसईटीआई 2.0 दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई तथा संशोधित दिशा-निर्देशों के आधार पर कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं विकसित की जा रही हैं।
- NABARD के सहयोग से IIT चेन्नई द्वारा शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) बनाया जा रहा है।
आजीविका मिशन के टेबल
तालिका - I
09 जून 2024 के बाद बनाई गई 15 लाख नई लखपति दीदी (राज्य-वार विवरण)
क्र. सं.
|
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का नाम
|
एसएचजी सदस्यों की संख्या
|
क्र. सं
|
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का नाम
|
एसएचजी सदस्यों की संख्या
|
1
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
240
|
18
|
मध्य प्रदेश
|
96,240
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
1,22,160
|
19
|
महाराष्ट्र
|
1,04,520
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
1,260
|
20
|
मणिपुर
|
3,060
|
4
|
असम
|
52,800
|
21
|
मेघालय
|
6,120
|
5
|
बिहार
|
1,81,260
|
22
|
मिजोरम
|
1,080
|
6
|
छत्तीसगढ़
|
46,920
|
23
|
नागालैंड
|
1,800
|
7
|
दादरा एवं नगर हवेली
|
180
|
24
|
ओडिशा
|
97,200
|
8
|
गोवा
|
660
|
25
|
पुदुचेरी
|
660
|
9
|
गुजरात
|
44,580
|
26
|
पंजाब
|
9,660
|
10
|
हरियाणा
|
10,740
|
27
|
राजस्थान
|
67,620
|
11
|
हिमाचल प्रदेश
|
4,980
|
28
|
सिक्किम
|
840
|
12
|
जम्मू और कश्मीर
|
13,980
|
29
|
तमिलनाडु
|
54,000
|
13
|
झारखंड
|
50,640
|
30
|
तेलंगाना
|
67,500
|
14
|
कर्नाटक
|
47,580
|
31
|
त्रिपुरा
|
6,780
|
15
|
केरल
|
53,580
|
32
|
उत्तर प्रदेश
|
1,73,520
|
16
|
लद्दाख
|
180
|
33
|
उत्तराखंड
|
7,200
|
17
|
लक्षद्वीप
|
60
|
34
|
पश्चिम बंगाल
|
1,70,400
|
|
|
|
|
कुल
|
15,00,000
|
तालिका -II
देश में लखपति दीदियों की कुल संख्या(राज्यवार)
क्र. सं.
|
राज्य
|
स्व-रिपोर्टेड लखपति दीदियों की संख्या
|
1
|
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
|
482
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
14,87,631
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
5,057
|
4
|
असम
|
5,18,359
|
5
|
बिहार
|
13,47,649
|
6
|
छत्तीसगढ़
|
3,37,097
|
7
|
दमन और दीव तथा दादर नगर हवेली
|
2,021
|
8
|
गोवा
|
866
|
9
|
गुजरात
|
5,38,760
|
10
|
हरियाणा
|
62,743
|
11
|
हिमाचल प्रदेश
|
40,417
|
12
|
जम्मू और कश्मीर
|
43,050
|
13
|
झारखंड
|
3,51,808
|
14
|
कर्नाटक
|
2,36,315
|
15
|
केरल
|
2,84,616
|
16
|
लक्षद्वीप
|
60
|
17
|
मध्य प्रदेश
|
10,51,069
|
18
|
महाराष्ट्र
|
10,04,338
|
19
|
मणिपुर
|
15,559
|
20
|
मेघालय
|
39,976
|
21
|
मिजोरम
|
17,167
|
22
|
नागालैंड
|
12,294
|
23
|
ओडिशा
|
5,37,350
|
24
|
पुदुचेरी
|
7,546
|
25
|
पंजाब
|
31,700
|
26
|
राजस्थान
|
2,70,405
|
27
|
सिक्किम
|
7,794
|
28
|
तमिलनाडु
|
3,18,101
|
29
|
तेलंगाना
|
7,58,693
|
30
|
त्रिपुरा
|
58,495
|
31
|
लद्दाख
|
51,903
|
32
|
उत्तर प्रदेश
|
8,41,923
|
33
|
उत्तराखंड
|
37,178
|
34
|
पश्चिम बंगाल
|
11,81,852
|
कुल
|
1,15,00,274
|
क्र. सं.
|
राज्य
|
24 मार्च तक मौजूदा सीएमटीसी
|
09 जून 2024 के बाद शुरू किए गए सीएमटीसी की संख्या
|
सीएमटीसी की कुल संख्या
|
1
|
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
|
0
|
1
|
1
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0
|
3
|
3
|
3
|
असम
|
5
|
10
|
15
|
4
|
बिहार
|
41
|
10
|
51
|
5
|
गुजरात
|
3
|
5
|
8
|
6
|
झारखंड
|
21
|
8
|
29
|
7
|
मध्य प्रदेश
|
17
|
15
|
32
|
8
|
महाराष्ट्र
|
15
|
10
|
25
|
9
|
मेघालय
|
0
|
2
|
2
|
10
|
नागालैंड
|
0
|
2
|
2
|
11
|
ओडिशा
|
10
|
6
|
16
|
12
|
राजस्थान
|
9
|
20
|
29
|
13
|
त्रिपुरा
|
0
|
7
|
7
|
14
|
पुदुचेरी
|
0
|
2
|
2
|
15
|
उत्तर प्रदेश
|
5
|
10
|
15
|
16
|
उत्तराखंड
|
0
|
3
|
3
|
17
|
पश्चिम बंगाल
|
12
|
17
|
29
|
18
|
पंजाब
|
0
|
10
|
10
|
19
|
आंध्र प्रदेश
|
0
|
9
|
9
|
20
|
छत्तीसगढ़
|
7
|
0
|
7
|
21
|
तमिलनाडु
|
5
|
0
|
5
|
22
|
कर्नाटक
|
1
|
0
|
1
|
|
कुल
|
151
|
150
|
301
|
तालिका-III
सामुदायिक प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्रों (सीएमटीसी) की संख्या (राज्य–वार)
तालिका -IV
क्र सं.
|
संकेतक
|
संचयी उपलब्धि
31 अक्टूबर 2024 की स्थिति के अनुसार
|
1
|
स्वयं सहायता समूहों में संगठित महिलाओं की संख्या (करोड़ में)
|
10.05
|
2
|
प्रोत्साहित किए गए स्वयं सहायता समूहों की संख्या (लाख में)
|
90.87
|
3
|
वितरित ऋण राशि (रु. करोड़ में)
|
9,69,140.16
|
4
|
प्रदान की गई पूंजीकरण सहायता (परिक्रामी निधि + सामुदायिक निवेश निधि) की राशि (रुपये करोड़ में)
|
47,685.12
|
5
|
गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए)
|
1.59% (As on date)
|
6
|
तैनात बैंकिंग संवाददाता सखी/डिजीपे सखी की संख्या (एनआरएलएम+एनआरईटीपी)
|
1,35,127
|
7
|
कृषि पारिस्थितिकीय कार्यों (एईपी) कार्यकलापों के अंतर्गत शामिल की गई महिला किसानों की संख्या (लाखों में)
|
401
|
8
|
कृषि-पोषक उद्यान रखने वाली महिला किसानों की संख्या (लाखों में)
|
250
|
9
|
एसवीईपी के अंतर्गत समर्थित उद्यमों की संख्या (लाखों में)
|
3.10
|
स्थापना के बाद से डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत संचयी उपलब्धि
*******
सु.सिं.
(Release ID: 2080542)
|