पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे और चौथे चरण के तहत कुछ प्रतिबंधों में ढील दी


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के नवीनतम आदेश के अनुसार जीआरएपी के तीसरे चरण के खंड 11, चौथे चरण के खंड 5 और खंड 8 (जहां तक ​​यह कॉलेजों / शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित हैं) में अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से छूट दी गई

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली और अन्य राज्यों की सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में तथा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में स्कूलों और कॉलेजों / शैक्षणिक संस्थानों में 12 वीं कक्षा तक की सभी कक्षाएं “हाइब्रिड” यानी, “स्कूलों में भौतिक रूप से उपस्थिति के साथ” और जहां भी संभव हो वहां “ऑनलाइन” तरीके से संचालित की जाएं

प्रविष्टि तिथि: 25 NOV 2024 9:41PM by PIB Delhi

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आज दिनांक 25.11.2024 को WP (C) संख्या 13029/1985 के आलोक में अपने आदेश के माध्यम से, जिसका शीर्षक एमसी मेहता बनाम भारत संघ एवं अन्य है, अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित निर्देश दिये:

"...हम आयोग को चौथे चरण के उपायों (केवल शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में) के खंड 5 और 8 के साथ-साथ तीसरे चरण के उपायों के खंड 11 के अनुसार कार्रवाई में छूट देने पर विचार करने का निर्देश देते हैं। आयोग उपर्युक्त कार्रवाई/उपायों से कुछ वर्गों को छूट देने पर विचार कर सकता है। आयोग को विभिन्न कारणों से उपर्युक्त तीन खंडों के तहत कार्रवाई के संबंध में छूट/छूट देने पर विचार करना होगा, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. स्कूल और आंगनवाड़ी बंद होने के कारण बड़ी संख्या में छात्र मध्याह्न भोजन की सुविधा से वंचित हो रहे हैं;
  2. बहुत बड़ी संख्या में छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा का लाभ लेने की सुविधा नहीं है। बहुत से शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षा देने की सुविधा नहीं है; तथा

iii. कई छात्रों के घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं हैं, इसलिए घर पर बैठे बच्चों और स्कूल जाने वाले बच्चों में कोई अंतर नहीं रह जाता।

...हम इसी आधार पर दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों की स्कूलों में उपस्थिति के साथ भौतिक रूप से कक्षाओं के संचालन पर प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय भी आयोग पर छोड़ते हैं।

आयोग विभिन्न विकल्पों पर विचार कर सकता है। एक विकल्प यह हो सकता है कि उन स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को कक्षाएं संचालित करने की छूट दी जाय जिनके पास ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने की सुविधा नहीं है, और दूसरे विकल्प के रूप में उन छात्रों को स्कूल आने की छूट दी जा सकती है जिनके पास अपने घरों में ऑनलाइन पढ़ाई में भाग लेने की सुविधा नहीं है। हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह तय करने का काम आयोग पर छोड़ा जा रहा है कि शिक्षा से संबंधित जो उपाय जो ग्रेप के तीसरे और चौथे चरण में लागू हैं उनमें किस हद तक छूट दी जा सकती है या अपवाद स्थिति निर्धारित की जा सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि आयोग आज या कल सुबह तक इसके संबंध में निर्णय ले लेगा ताकि इसे लागू किया जा सके…”

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उपर्युक्त निर्देशों के अनुपालन में, आयोग ने संबंधित मुद्दों पर आगे विचार-विमर्श किया और निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया:

  1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालयों और इसके अन्य भागों के ऐसे विद्यालयों में पूरी तरह से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की क्षमता/व्यवस्था नहीं है;
  2. मुख्य रूप से मौसम और जलवायु संबंधी अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण, आमतौर पर नवंबर से जनवरी तक सर्दियों के महीनों में लंबे समय तक वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब बनी रहती है और ऐसे समय में दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के रुझान को देखते हुए, इन महीनों के दौरान काफी समय तक ग्रेप के तीसरे और चौथे चरण को लागू करने की आवश्यकता होती है। शैक्षणिक प्रणाली चालू रखने और शिक्षा की गुणवत्ता पर इस तरह के प्रतिबंधों का विशेष प्रभाव पड़ता है;
  1. दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र और संबंधित स्कूलों के कर्मचारी ग्रेप के चौथे चरण के प्रतिबंधों से सबसे अधिक प्रभावित हैं, क्योंकि उन्हें बोर्ड परीक्षाओं और उसके बाद होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होना और उन्हें संचालित करना है। व्यावहारिक कक्षाओं और व्यावहारिक परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इन छात्रों के लिए स्कूलों में उपस्थित होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित अतिरिक्त कक्षाओं / ट्यूटोरियल में भी भाग लेना आवश्यक है;
  2. आयोग ने ग्रेप के ऐसे प्रतिबंधों वाले चरणों के दौरान स्कूलों में कक्षाओं के संचालन से संबंधित विभिन्न आवेदनों पर भी विचार किया।

उपर्युक्त सभी पहलुओं पर विचार करते हुए तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का सम्मानपूर्वक अनुपालन करते हुए, आयोग ने आज तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निम्नलिखित आदेश जारी किए हैं:

  • ग्रेप के तीसरे चरण के खंड 11, चौथे चरण के खंड 5 और खंड 8 (जहां तक ​​यह कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित है) में इस सीमा तक ढील दी जाती है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली और अन्य राज्यों की सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि स्कूलों और कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों में बारहवीं कक्षा तक की सभी कक्षाएं हाइब्रिडतरीके से यानी स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थितिऔर जहां तक संभव हो वहां ऑनलाइन यानी दोनों तरीकों से संचालित की जाएं। दिल्ली एनसीटी के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में और एनसीआर में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में जहां भी संभव हो, वहां पढ़ाई के लिए ऑनलाइन मोड का उपयोग करने का विकल्प, छात्रों और उनके अभिभावकों के पास होगा।
  • एनसीआर में राज्य सरकारें इसके अन्य सभी क्षेत्रों में भी उपरोक्त अनुसार हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करने पर विचार कर सकती हैं।

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एमजी/केसी/केके/ओपी 


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