पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
सीएक्यूएम ने सुरक्षा एवं प्रवर्तन पर उप-समिति की 18वीं बैठक में वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए संबंधित एनसीआर राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी और पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए क्षेत्र-विशिष्ट प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की
Posted On:
21 NOV 2024 9:15PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए, विशेष रूप से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की वर्तमान अवधि के दौरान, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की सुरक्षा एवं प्रवर्तन की उप-समिति ने एनसीआर में वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए संबंधित एनसीआर राज्य सरकारों/ जीएनसीटीडी और पंजाब सरकार द्वारा क्षेत्र विशेष प्रवर्तन क्रिया-कलापों की स्थिति की निगरानी एवं समीक्षा करने के लिए 20 नवंबर, 2024 को एक बैठक आयोजित की।
एनसीआर राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी द्वारा की गई कार्रवाई की विस्तृत समीक्षा के बाद आयोग द्वारा निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए:
- जिन मामलों में ई.सी. लगाया गया है तथा जिन मामलों में बी.एन.एस., 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत एफ.आई.आर. दर्ज की गई है, उनकी संख्या में अंतर को सुलझाने की आवश्यकता है। (कार्रवाई: पंजाब और हरियाणा)
- पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए लगाई गई और वसूली गई पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की संचयी राशि में अंतर का विश्लेषण करने तथा तत्काल आधार पर निवारण करने की आवश्यकता है। (कार्रवाई: पंजाब और हरियाणा)
- आग की घटनाओं के सत्यापन के लिए निरीक्षण प्रोटोकॉल को 48 घंटे से कम कर 24 घंटे किया जाना चाहिए, विशेष रूप से पंजाब द्वारा। (कार्रवाई: पंजाब और हरियाणा)
- जीआरएपी के विभिन्न चरणों के अंतर्गत निर्धारित सभी कार्रवाइयों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- दिल्ली में चिन्हित सभी हॉटस्पॉट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जीआरएपी के अंतर्गत प्रतिबंधित कार्यों को छोड़कर, इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए। (कार्रवाई: जीएनसीटीडी/डीपीसीसी)
- सीएंडडी धूल को नियंत्रित करने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए और सभी सीएंडडी गतिविधियों को जीआरएपी के अंतर्गत आने वाले प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए बंद कर देना चाहिए। पूरे दिल्ली एनसीआर में निरीक्षण तेज करना चाहिए। आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- ईओएल वाहनों को जब्त करने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। यातायात पुलिस, परिवहन एजेंसियों और नगर निगम अधिकारियों से डेटा संकलित करके नोडल एजेंसी के माध्यम से आयोग के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- पीयूसी नहीं रखने वालों का चालान काटने में तेजी लानी चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- पीयूसी केन्द्रों की लेखापरीक्षा प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर गैर-अनुमति प्राप्त वाहनों की जांच करनी चाहिए और सीमा पर उचित व्यवस्था करनी चाहिए। (कार्रवाई: जीएनसीटीडी, दिल्ली यातायात पुलिस)
- सड़क पर भीड़भाड़ वाले स्थलों और बैरिकेड्स का उचित प्रबंधन करना चाहिए। बैरिकेडिंग केवल निरीक्षण के दौरान ही लगाना चाहिए और उसके तुरंत बाद हटा लेना चाहिए। गश्ती वाहनों को भीड़भाड़ उत्पन्न करने वाले जगहों की जांच करनी चाहिए और यातायात पुलिस को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई हेतु सूचित करना चाहिए। (कार्रवाई: जीएनसीटीडी, दिल्ली यातायात पुलिस)
- लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्राथमिकता के आधार पर एम.आर.एस.एम. को बढ़ाने का निर्देश दिया गया। (कार्रवाई: जी.एन.सी.टी.डी., हरियाणा)
- उल्लंघनकर्ताओं से लंबित पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) की वसूली में तेजी लाना चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- ईंट भट्टों के विनियमन के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। (कार्रवाई: हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर जिले)
- नियमों को सख्ती से लागू करने और बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन को लागू कर खुले क्षेत्रों में बायोमास और एमएसडब्ल्यू जलाने की गतिविधियों को रोकना चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- विभिन्न एप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों की लंबित शिकायतों का समयबद्ध रूप से समाधान करना चाहिए। शिकायत का समाधान करते समय सीएक्यूएम को सोशल मीडिया पेज पर टैग करना चाहिए जिससे उन्हें ट्रैक और मॉनिटर किया जा सके। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- सभी एजेंसियों के लिए नोडल अधिकारी अपनी-अपनी एजेंसियों में कार्यों का समन्वय करें तथा संबंधित डीपीसीसी की जाने वाली कार्रवाई के अलावा विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की निगरानी करेगी। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- जीआरएपी के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाइयों जानकारी आयोग को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से उपलब्ध करनी चाहिए। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
- आयोग के निर्देशों को लागू करने में किसी भी प्रकार देरी के लिए संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा तथा उन पर सीएक्यूएम अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है। (कार्रवाई: सभी दिल्ली एनसीआर राज्य)
हरियाणा और पंजाब में राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई दंडात्मक कार्रवाइयों सहित पराली जलाने के संबंध में कार्रवाई की निगरानी और कार्यान्वयन/प्रवर्तन की समीक्षा की गई।
पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों से धान की पराली जलाने की रोकथाम के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, यह कहा गया कि दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा एक्यूआई स्तरों के मद्देनजर, 24 घंटे के अंदर आग की घटनाओं की पुष्टि होने के बाद निगरानी एवं प्रवर्तन में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
बैठक में सभी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा यह प्रतिबद्धता व्यक्त की गई कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की नियमित समीक्षा करेंगे तथा विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ जीआरएपी के अंतर्गत सूचीबद्ध क्षेत्रों में भी सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
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एमजी/केसी/एके
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