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एनएफआरए ने वैश्विक मानकों की तर्ज पर गुणवत्ता नियंत्रण मानक (एसक्यूसी1) और मानक गुणवत्ता प्रबंधन (एसक्यूएम1 और एसक्यूएम2) में संशोधन की सिफारिश की है


लेखापरीक्षा पर मानक (एसए) को भी संशोधित किया गया है और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया गया है

Posted On: 12 NOV 2024 7:19PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 11 और 12 नवंबर 2024 को अपनी 18वीं बैठक आयोजित की और गुणवत्ता नियंत्रण पर अपने मानकों को स्वीकृति दे दी है।

उसने गुणवत्ता नियंत्रण मानक (एसक्यूसी1) को वैश्विक गुणवत्ता प्रबंधन मानकों (आईएसक्यूएम1 और आईएसक्यूएम2) की तर्ज पर गुणवत्ता प्रबंधन मानकों (एसक्यूएम 1 और एसक्यूएम 2) के रूप में संशोधित करने की सिफारिश करते हुए मामूली प्रासंगिक परिवर्तन के साथ, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 143 (10) के तहत अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया।

इसके अलावा, इसने कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 143(10) के तहत अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को कुछ मामूली प्रासंगिक परिवर्तनों के साथ वैश्विक मानक आईएसए 600 की तर्ज पर एसए 600 (संशोधित) की सिफारिश की। एसए 600 (संशोधित) और अन्य एसए में प्रासंगिक समायोजन क्रमशः केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को छोड़कर सार्वजनिक हित संस्थाओं (पीआईई), पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों सहित) और उनकी शाखाओं पर लागू होने का प्रस्ताव है।

उपरोक्त के अतिरिक्त, इसने मानक अंतर्राष्ट्रीय अभ्यासों की तर्ज पर, संयुक्त लेखा परीक्षकों को संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाकर, एसए 299 के तहत संयुक्त लेखा परीक्षकों की देयता में एसए 600 (संशोधित) के साथ अनुकूलित समायोजन की भी सिफारिश की, और कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 143(10) के तहत अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार को इसकी सिफारिश भेजी है।

तीन एसए, एसए 800 (संशोधित) (विशेष विचार-विशेष प्रयोजन ढांचे के अनुसार तैयार वित्तीय विवरणों की लेखा परीक्षा, एसए 805 (संशोधित) (एकल वित्तीय विवरणों और वित्तीय विवरण के विशिष्ट तत्वों, खातों या मदों की लेखा परीक्षा, एसए 810 (संशोधित) (सारांश वित्तीय विवरणों पर रिपोर्ट करने से जुड़ी प्रतिबद्धता) को भी कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 143(10) के तहत अधिसूचित करने की सिफारिश की गई।

बैठक में भाग लेने वाले एनएफआरए के 11 सदस्यों में से 8 सदस्य -सीएजी, आरबीआई, सेबी के प्रतिनिधि, दो स्वतंत्र विशेषज्ञ प्रोफेसर नारायणस्वामी, सेवानिवृत्त प्रोफेसर आईआईएम बैंगलोर, प्रोफेसर संजय कल्लापुर, प्रोफेसर आईएसबी, हैदराबाद, एनएफआरए के दो पूर्णकालिक सदस्य और एनएफआरए के अध्यक्ष इन चार प्रस्तावों के समर्थन में थे। आईसीएआई के तीन प्रतिनिधियों ने उपरोक्त चार प्रस्तावों पर अपनी असहमति व्यक्त की।

प्राधिकरण ने इस तरह के वैश्विक मानकों की तर्ज पर अन्य 33 लेखापरीक्षा मानकों को भी मंजूरी दी।

यूके, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे देशों में वैश्विक स्तर पर अपनाई जाने वाले तौर तरीकों के अनुरूप, प्राधिकरण ने केंद्र सरकार को लेखापरीक्षा मानकों को इंडएसए (आईएनडीएसए) नाम देने की सिफारिश करने का भी निर्णय लिया।

केंद्र सरकार के अनुमोदन पर, इन मानकों को 1.04.2026 से प्रभावी माने जाने की सिफारिश की जाती है।

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एमजी/केसी/एमपी/एसएस


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