सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने स्वच्छता के विशेष अभियान 4.0 का सफलतापूर्वक समापन किया
स्वच्छता को संस्थागत गतिविधि बनाने और कबाड़ तथा लंबित मामलों को कम करने के माध्यम से एमएसएमई परिदृश्य में बदलाव
Posted On:
06 NOV 2024 8:31PM by PIB Delhi
1. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने अपने संबद्ध/अधीनस्थ संगठनों तथा क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ स्वच्छता के विशेष अभियान 4.0 के तहत सभी गतिविधियों को पूरी सक्रियता के साथ संचालित किया और अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया। अभियान के माध्यम से कार्यान्वयन चरण के अंतर्गत, 2 से 31 अक्टूबर 2024 के दौरान विभिन्न डोमेन में लंबित मामलों को कम करने, स्वच्छता की संतृप्ति और साफ-सफाई की पहल को संस्थागत बनाने पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित किया गया।
2. प्रमुख उपलब्धियां
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और इससे संबद्ध इकाईयों द्वारा विशेष अभियान 4.0 के दौरान निम्नलिखित प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गईं:
ए) कबाड़ व लंबित मामलों का प्रभावी निपटान और दस्तावेजी फाइल प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाना:
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और इससे संबद्ध क्षेत्रीय संगठनों ने अभियान के दौरान 10 मापदंडों (अर्थात् प्रधानमंत्री कार्यालय के संदर्भ निर्देशों का निपटान, अंतर-मंत्रालयी दस्तावेज, जन शिकायतों एवं अपील का निपटारा, स्वच्छता अभियान, दस्तावेजी और ई फाइल की समीक्षा तथा स्थान खाली करना) पर निर्धारित लक्ष्यों पर 100% सफलता हासिल की है। इसके अलावा अन्य 03 मापदंडों (अर्थात् सांसदों के संदर्भ निर्देशों व संसदीय आश्वासनों का निपटान और अनावश्यक मामलों का निपटारा आदि) के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में 80% से अधिक सफलता की उपलब्धि दर्ज की गई है।
कुल 10,291 दस्तावेजी फाइलों की समीक्षा की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 2,209 फाइलों को हटा दिया गया है। साथ ही, 905 ई-ऑफिस फाइलों की समीक्षा की गई और 329 ई-फाइलें बंद कर दी गईं।
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एमएसएमई डीएफओ, जयपुर में पुरानी दस्तावेजी फाइलों को हटाया गया
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एमएसएमई मंत्रालय में पुरानी दस्तावेजी फाइलों और कागजातों की छंटाई
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बी) राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान:
विभिन्न कार्यालय स्थलों पर 654 स्वच्छता अभियान चलाए गए, जिसमें कुल 43,342 वर्ग फुट क्षेत्र की सफाई की गई और अकेले महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्रियलाइजेशन (एमजीआईआरआई) में 10,140 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र की स्वच्छता की गई, जिससे अब इस्तेमाल न की जाने वाली वस्तुओं व उपकरणों के निपटान के माध्यम से 21.84 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
माननीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व में एमएसएमई-डीएफओ ओखला, नई दिल्ली में स्वच्छता अभियान
एमएसएमई राज्य मंत्री माननीया सुश्री शोभा करंदलाजे एमएसएमई-डीएफओ ओखला, नई दिल्ली में स्वच्छता अभियान के अवसर पर
सी) प्रौद्योगिकी को बढ़ावा और डिजिटलीकरण:
(i) मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों तक प्रौद्योगिकी के समावेश पर आधारित अधिकतम शासन की दिशा में पहली बार की गई पहल के रूप में सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत हासिल की गई प्रगति पर डेटा एकत्र करने और अद्यतन करने के लिए डीएआरपीजी के एससीडीपीएम पोर्टल का एक एमएसएमई इंस्टेंस बनाया गया है। स्वचालित एकत्रीकरण के साथ यह ऑनलाइन प्रणाली वास्तविक समय के अपडेट, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाती है और संगठन/क्षेत्र कार्यालय-वार परिदृश्य के स्नैपशॉट प्रदान करती है।
(ii). स्वच्छता अभियान और विशेष अभियान 4.0 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मंत्रालय के वेब पेज पर एक विशेष इवेंट आइकन बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, अभियान के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों और संगठनों द्वारा आयोजित गतिविधियों/कार्यक्रमों का विवरण व तस्वीरें अपलोड करने के लिए एक डैशबोर्ड विकसित किया गया है। इस पहल ने आसान पहुंच, बेहतर समन्वय, सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण, क्षेत्रीय संरचनाओं द्वारा दैनिक गतिविधियों पर रिपोर्ट के अद्यतनीकरण को सुव्यवस्थित करने की सुविधा प्रदान की है।
पहले और बाद में
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों में सफाई गतिविधि
(iii) लंबित मामलों की निगरानी के लिए कार्यकारी डैशबोर्ड: मंत्रालय में सभी स्तरों पर उचित निगरानी के माध्यम से कार्यों के शीघ्र निपटान की सुविधा के उद्देश्य से एक विशेष कार्यकारी डैशबोर्ड बनाया गया है और इसे इंट्रा गॉव पोर्टल के एमएसएमई इंस्टेंस के साथ एकीकृत किया गया है। डैशबोर्ड को 6 महत्वपूर्ण एपीआई, अर्थात् सीपीजीआरएएमएस (केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली), आरटीआई (सूचना का अधिकार), एलआईएमबीएस (कानूनी सूचना प्रबंधन एवं ब्रीफिंग प्रणाली), पीआईबी (पत्र सूचना कार्यालय), ई-ऑफिस तथा एपीएमएस (ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम) से जोड़ा गया है, जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित हैं। यह एकीकरण डैशबोर्ड की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, विभिन्न प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और मंत्रालय के संचालन में समग्र दक्षता में सुधार करता है तथा संदर्भों का समय पर निपटान करता है।
डी) ऑनलाइन स्वच्छता प्रतिज्ञा: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर स्वच्छता ई-प्रतिज्ञा के लिए एक लिंक बनाया है, ताकि न केवल देश भर में तैनात क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रतिज्ञा लेने हेतु सक्षम किया जा सके, बल्कि पंजीकृत एमएसएमई, उद्योग और एमएसएमई संघों तथा बड़े पैमाने पर आम नागरिकों को शामिल करते हुए एमएसएमई इकोसिस्टम में पहल का विस्तार भी किया जा सके। 2 अक्टूबर, 2024 को माननीय एमएसएमई मंत्री द्वारा मंत्रालय, उसके संगठनों और क्षेत्रीय कार्यालयों के सभी कर्मचारियों को हाइब्रिड मोड में एक ऑनलाइन स्वच्छता शपथ दिलाई गई। उसी दिन लगभग 3600 अधिकारियों/कर्मचारियों ने स्वच्छता शपथ ली। मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध इस सुविधा पर विशेष अभियान 4.0 के तहत उद्यमियों, अधिकारियों/कर्मचारियों, संगठनों आदि द्वारा 35,000 से अधिक स्वच्छता प्रतिज्ञाएं ली गई हैं।
2 अक्टूबर, 2024 को माननीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री द्वारा स्वच्छता शपथ दिलाई गई
विशेष अभियान 4.0 के तहत बनाए गए एससीडीपीएम पोर्टल का एमएसएमई इंस्टेंस
एमएसएमई एससीडीपीएम इंस्टेंस का एमजीआईआरआई एससीडीपीएम इंस्टेंस के रूप में विस्तार किया गया। संगठन/क्षेत्रीय कार्यालय स्तरों पर विशिष्ट इंस्टेंस बनाए गए।
ई) महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता:
एमएसएमई मंत्रालय तथा इसके संगठनों ने महिलाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) एमएसएमई मंत्रालय के तहत महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्रियलाइजेशन (एमजीआईआरआई) ने तीन महत्वपूर्ण स्थानों पर सैनिटरी पैड निपटान मशीनें स्थापित की हैं:
1. एमजीआईआरआई परिसर, वर्धा में महिला शौचालय;
2. आनंदराव मेघे विद्यालय और जूनियर कॉलेज, बोरगांव मेघे, वर्धा, महाराष्ट्र; और
3. महिला आश्रम बुनियादी विद्यालय, सेवाग्राम रोड, वर्धा।
इस पहल का उद्देश्य मासिक धर्म अपशिष्ट के निपटान के लिए एक सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार तरीका प्रदान करना है। इन मशीनों की स्थापना से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और पर्यावरणीय पर पड़ने वाला बुरा असर कम होता है।
(ii) मंत्रालय के तहत एक सीपीएसई, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) ने भी अपनी महिला कर्मचारियों हेतु मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए उपाय करते हुए नई दिल्ली में अपने प्रधान कार्यालय में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें स्थापित की हैं।
ये पहल सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और कार्यस्थल तथा शैक्षणिक संस्थानों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्यों के साथ संरेखित करते हुए सभी उपयोगकर्ताओं के लिए स्वच्छ, आरामदायक एवं समावेशी सुविधाएं प्रदान करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।
(iii) एमएसएमई मंत्रालय ने एनएसआईसी की सीएसआर पहल के एक हिस्से के रूप में नई दिल्ली स्थित उद्योग भवन और निर्माण भवन में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें स्थापित करने का भी कार्य किया है।
एफ) नवाचारी कार्य प्रणाली: अपशिष्ट को अवसरों में बदलना, बेकार पड़ी चीजों को कलाकृति में बदलना
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय अपशिष्ट प्रबंधन, पुनर्चक्रण और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। ये पहल न केवल तत्काल स्वच्छता संबंधी चिंताओं को दूर करती हैं बल्कि एमएसएमई क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के मंत्रालय के दृष्टिकोण के साथ भी संरेखित होती हैं।
(i) एमजीआईआरआई की रोबोट मूर्तिकला: प्रेरक सतत नवाचार और सार्वजनिक जुड़ाव
महाराष्ट्र में वर्धा के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्रियलाइजेशन (एमजीआईआरआई) ने विशेष अभियान 4.0 के हिस्से के रूप में एक प्रभावशाली मूर्ति यानी एमजीआईआरआई रोबोट को बनाया है। यह अभिनव कलाकृति कबाड़ व कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने और रचनात्मक समस्या-समाधान को प्रेरित करने की दृष्टि का प्रतीक है।
इस मूर्ति को विशेष अभियान 4.0 उद्देश्यों के साथ जोड़ा गया है, इसमें एक रोबोट रूप को छिद्रित ड्रम के साथ तिपहिया साइकिल खींचते हुए दर्शाया गया है, जो अपशिष्ट संग्रह के भविष्य का प्रतीक है। इसे 150 किलोग्राम कबाड़ सामग्री का उपयोग करके बनाया गया है, जिसे विभिन्न एमजीआईआरआई डिवीजनों से लेकर पुनर्निर्मित किया गया है और इसकी लंबाई 7.75 फीट, चौड़ाई 2.33 फीट तथा ऊंचाई 4.91 फीट है। महाराष्ट्र के वर्धा में एमजीआईआरआई परिसर में स्थापित एमजीआईआरआई रोबोट अपने इन-हाउस डिजाइन और निर्माण के माध्यम से एमजीआईआरआई की नवीन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
महाराष्ट्र में वर्धा के एमजीआईआरआई रोबोट, कस्तूरबा किचन, एमजीआईआरआई के बाहर स्थापित कबाड़ से बनी कलाकृति
इस मूर्तिकला में स्वच्छता के नारे, साफ-सफाई की जागरूकता को बढ़ावा देने और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने वाले कार्यात्मक कचरा संग्रहण उपकरण शामिल हैं। स्वच्छता अभियान के गाने बजाने वाला एक ऑडियो फीचर सार्वजनिक जुड़ाव को बढ़ाता है, जिससे यह एक बहु-संवेदी शैक्षिक अनुभव बन जाता है।
सार्वजनिक प्रभाव और जुड़ाव: रोबोट एमजीआईआरआई परिसर में विद्यर्थियों, किसानों, प्रशिक्षुओं, स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी अधिकारियों सहित लगभग 75 से 100 दैनिक आगंतुकों के लिए एक शैक्षिक उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह रचनात्मक अपशिष्ट प्रबंधन और अपसाइक्लिंग का एक ठोस उदाहरण प्रदान करता है, तथा स्वच्छता पहल व टिकाऊ कार्य प्रणालियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
(ii) एनआई-एमएसएमई (राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थान) की अपशिष्ट से धन पहल: सतत उद्यमिता को बढ़ावा देना
राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संस्थान (एनआई-एमएसएमई) एक चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाने और सतत व्यावसायिक कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने के साथ जुड़ी पहलों का नेतृत्व कर रहा है। एनआई-एमएसएमई अपने परिसर में एक स्टार्टअप का पोषण कर रहा है जो पुन: उपयोग एवं पुनर्चक्रण अवधारणाओं पर केंद्रित है और अपशिष्ट से धन बनाने के सिद्धांतों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का प्रदर्शन करता है। इसके अतिरिक्त, हरियाली और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए काला हीरा (बायो-चार) केंद्र की स्थापना की जा रही है, जो वर्तमान में जारी गतिविधियों, जैसे खाद बनाने तथा उसके उपयोग को पूरक बनाता है।
(iii) सतत अभ्यास: एक हरित एमएसएमई इकोसिस्टम का निर्माण
एमजीआईआरआई (महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्रियलाइजेशन) और एनआई-एमएसएमई दोनों पर्यावरण-अनुकूल कार्य प्रणालियों को लागू कर रहे हैं, जैसे खाद तैयार करना व बायो-चार के उपयोग को बढ़ावा देना तथा एक अधिक टिकाऊ एमएसएमई इकोसिस्टम में योगदान देना आदि। ये कार्य प्रणालियां एमएसएमई के मुख्य काम काज में स्थिरता को एकीकृत करने के मंत्रालय के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती हैं, जो इस क्षेत्र के अनुसरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करती हैं।
इस तरह की नवोन्वेषी परियोजनाएं अपशिष्ट प्रबंधन में पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार कार्य प्रणालियों और रचनात्मक समाधानों को बढ़ावा देने के प्रति एमएसएमई मंत्रालय की वचनबद्धता को रेखांकित करती हैं। वे विशेष अभियान 4.0 के लक्ष्यों और अपशिष्ट परिवर्तन को प्रदर्शित करके, टिकाऊ प्रौद्योगिकियों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर, सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देकर, पर्यावरणीय नवाचार में एमएसएमई नेतृत्व का प्रदर्शन करके तथा एमएसएमई क्षेत्र के भीतर एक चक्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान देकर मंत्रालय के व्यापक दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं।
इन पहलों को लागू करके, एमएसएमई मंत्रालय न केवल स्थानों की सफाई कर रहा है, बल्कि भारत में एक अधिक नवीन, टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जागरूक एमएसएमई इकोसिस्टम का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
जी) पर्यावरणीय पहल और वृक्षारोपण अभियान
"एक पेड़ मां के नाम" वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व माननीय एमएसएमई मंत्री द्वारा किया गया, जिसमें दिल्ली तथा जम्मू और कश्मीर सहित विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण गतिविधियां आयोजित की गईं। विभिन्न एमएसएमई परिसरों में पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों जैसे खाद तैयार करना और वर्षा जल संचयन को लागू किया गया था।
परिसर स्थलों पर गिरी हुई पत्तियों का उपयोग करके खाद के गड्ढे बनाए गए और मंत्रालय के कई संगठनों तथा क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा वर्षा जल संचयन पर कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। इसके अलावा, वृक्षारोपण के माध्यम से परिसर का सौंदर्यीकरण किया गया और क्षेत्रीय संगठनों द्वारा वर्षा जल संचयन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
माननीय एमएसएमई मंत्री और माननीय एमएसएमई राज्य मंत्री एमएसएमई-डीएफओ, ओखला में वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं
एच) समीक्षा और निगरानी तंत्र
विशेष अभियान 4.0 के तहत मंत्रालय के विभिन्न प्रभागों और इसके संलग्न/अधीनस्थ कार्यालयों के प्रदर्शन की निगरानी एवं निरीक्षण के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने नियमित रूप से मंत्रालय के अनुभागों का निरीक्षण किया और उन्हें स्वच्छता की आवश्यकता तथा कार्यालय में लंबित मामलों को कम करने के बारे में जागरूक किया। समिति ने मंत्रालय और उसके संगठनों के सभी नोडल अधिकारियों के साथ नियमित क्षेत्रीय दौरे व समीक्षा-सह-मार्गदर्शन बैठकें कीं।
मंत्रालय और उसके संगठनों के नोडल अधिकारियों के स्तर पर एक दैनिक वर्चुअल बातचीत-सह-समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंत्रालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों के अन्य अधिकारियों की भागीदारी भी हुई थी।
एमएसएमई मंत्रालय की निरीक्षण समिति ने एमएसएमई मंत्रालय के अनुभागों का दौरा कर कबाड़ के निपटान और कार्यस्थल पर स्वच्छता पर जोर दिया
आई) क्षमता निर्माण प्रयास
मंत्रालय ने डिजिटल प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा जागरूकता और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर कार्यशालाएं आयोजित कीं। कर्मचारियों को स्वच्छता को संस्थागत गतिविधि बनाने की भावना और आई-गॉट कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर लंबित मामलों को कम करने से संबंधित पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। सभी स्तरों पर अधिकारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई है।
एमएसएमई मंत्रालय ने संदेश प्लेटफॉर्म सहित एनआईसी द्वारा विकसित विभिन्न ऐप्लिकेशन के लिए उन्मुखीकरण के उद्देश्य से एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें इसके अधिकारियों को इसका उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा जागरूकता और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें कर्मचारियों को साइबर जोखिमों के बारे में जागरूक किया गया। इस दौरान उन्हें इसे जोखिम कम करने के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में भी शिक्षित किया गया।
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23.10.24 को एमएसएमई मंत्रालय में सैंड्स पर कार्यशाला आयोजित की गई, जो एनआईसी द्वारा विकसित एक एप्लीकेशन है। सैंड्स पर एमएसएमई मंत्रालय में कार्यशाला एनआईसी द्वारा विकसित एक एप्लीकेशन है
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एमएसएमई मंत्रालय में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया
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जे) जनभागीदारी (सार्वजनिक भागीदारी)
स्वच्छता पहल में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा देश के विभिन्न भागों में विद्यालयों एवं गांवों में जागरूकता शिविर व स्वच्छता रैलियां आयोजित की गईं। ऑनलाइन स्वच्छता शपथ में उद्यमियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और संगठनों तथा आम नागरिकों ने भाग लिया, जिससे स्वच्छता के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिला।
एनएसआईसी में वर्षा जल संचयन कार्यशाला का आयोजन किया गया
एमएसएमई डीएफओ, गंगटोक ने लायंस क्लब ऑफ गंगटोक हिल्स के सहयोग से 20 जुलाई, 2024 को संस्कृति एवं स्वास्थ्य विभाग के माननीय अध्यक्ष/क्षेत्रीय विधायक श्री टी.टी. भूटिया की उपस्थिति में सेलेप टैंक प्राथमिक विद्यालय में स्वच्छता अभियान और वाटर प्यूरीफायर की स्थापना का आयोजन किया। प्रधानाध्यापक एवं अन्य स्कूल स्टाफ ने विद्यार्थियों तथा एमएसएमई-डीएफओ के अधिकारियों और लायंस क्लब के सदस्यों के साथ मिलकर स्कूल के आसपास सफाई अभियान चलाया।
जनभागीदारी (सार्वजनिक भागीदारी)
विशेष अभियान 4.0 पोस्टर
3. विशेष अभियान 4.0 के प्रमुख मापदंडों पर एमएसएमई मंत्रालय की समग्र उपलब्धियों का चित्रात्मक स्नैपशॉट नीचे प्रदर्शित किया गया है:
विशेष अभियान 4.0 के लिए निर्धारित लक्ष्यों पर प्राप्त उपलब्धियां [30.10.2024 तक]
1. प्रधानमंत्री कार्यालय/सांसद संदर्भ निर्देश(% में)
2. रिकॉर्ड प्रबंधन (% में)
3. अन्य मापदंडों के अंतर्गत उपलब्धियां (% में)
4. विशेष अभियान 4.0 स्वच्छ, कुशल और समृद्ध भारत के प्रति सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय इन सफलताओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि तथा सतत विकास में अपना प्रभावी योगदान दे सके।
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एमजी/केसी/एनके
(Release ID: 2071458)
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