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केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने वैश्विक मानक संगोष्ठी (जीएसएस) 2024 का उद्घाटन किया: विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 2024 के लिए मंच तैयार किया


‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नवाचार का प्रसार अलग-थलग रूप से नहीं, बल्कि सामंजस्य के साथ हो’: केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया

‘जीएसएस इस बात का पता लगाएगा कि मानक किस प्रकार डिजिटल समावेशन का विस्तार करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में भरोसे को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं: आईटीयू की महासचिव डोरेन बोगदान-मार्टिन

Posted On: 14 OCT 2024 6:48PM by PIB Delhi

पांचवें वैश्विक मानक संगोष्ठी (जीएसएस-24) का उद्घाटन आज सुबह नई दिल्ली के भारत मंडपम में केन्द्रीय संचार तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने किया। यह संगोष्ठी एशिया-प्रशांत क्षेत्र का एक ऐतिहासिक कार्यक्रम है। अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक संगोष्ठी में डिजिटल परिवर्तन के भविष्य और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के अगले दौर को संभव बनाने में अंतरराष्ट्रीय मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करने हेतु दुनिया भर के विभिन्न देशों के मंत्रियों सहित लगभग 1500 प्रमुख नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। जीएसएस 24 भारत में पहली बार आयोजित किए जा रहे तथा संपूर्ण एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी तरह के पहले कार्यक्रम  ‘डब्ल्यूटीएसए 2024’ के लिए एजेंडा तय करेगा।

उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने कहा, “नवाचार का प्रसार अलग-थलग रूप से नहीं, सामंजस्य के साथ होना चाहिए।” केन्द्रीय मंत्री ने नई तकनीक के क्षेत्र में भारत की सफलता के बारे में भी बात की क्योंकि इसने केवल 22 महीनों की अवधि के भीतर 36 राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों में सभी जिलों के 98 प्रतिशत इलाकों को शामिल करते हुए 5जी और इसके ग्लोबल स्टैक - यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, आधार कार्ड प्रणाली और डिजी लॉकर का शुभारंभ किया। डिजी लॉकर 300 मिलियन उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करते हुए लगभग 6.75 बिलियन दस्तावेजों को संग्रहीत करता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 5जी के लागू होने से 2040 तक अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डॉलर आने की उम्मीद है।

दूरसंचार और डिजिटल नवाचार के एक वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री सिंधिया ने कहा, “यह ऐतिहासिक सभा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है। हम वैश्विक मानकों के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे, सभी के लिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे और अपनी तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करेंगे।”

नए युग की प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के विषय में, केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, “एआई को कल्याण की एक शक्ति के रूप में काम करने के लिए, हमें गोपनीयता, पूर्वाग्रह और पारदर्शिता से संबंधित चिंताओं का समाधान करना होगा। इसका उपयोग नैतिक विचारों और मजबूत नियामक ढांचे द्वारा निर्देशित होनी चाहिए।”

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय संचार तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, आईटीयू की महासचिव सुश्री डोरेन बोगदान-मार्टिन, आईटीयू के दूरसंचार मानकीकरण ब्यूरो के निदेशक श्री सिजो ओनो तथा भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने भाग लिया।

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स के सीईओ एवं प्रोजेक्ट बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राज कुमार उपाध्याय ने जीएसएस-24 की अध्यक्षता की।

आईटीयू की महासचिव डोरेन बोगदान-मार्टिन ने वर्तमान वैश्विक संदर्भ में मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “वैश्विक शासन के उच्चतम स्तर पर, मानक सर्वोपरि हैं। वे मात्र तकनीकी विशिष्टताओं से कहीं बढ़कर हैं। वे अंतरसंचालनीयता को बढ़ावा देते हैं, नवाचार का वादा करते हैं और महत्वपूर्ण रूप से, यह सुनिश्चित करते हुए सुरक्षात्मक उपायों के रूप में काम कर सकते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित प्रौद्योगिकी को जिम्मेदारी के साथ विकसित एवं तैनात किया जाए।”

भारत के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने दूरसंचार के भविष्य को आकार देने में इस संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डाला। यह कहते हुए कि “हम यहां जो काम करेंगे वह दूरसंचार का भविष्य तय करेगा", डॉ. मित्तल ने “अंतरसंचालनीयता, व्यापकता और सुरक्षा" पर ध्यान केन्द्रित करते हुए मानकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और डिजिटल परिवर्तन के भविष्य पर अपने विचार रखे। उन्होंने कल के तकनीकी परिदृश्य को आकार देने में आज की चर्चाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “हम आज जो कदम उठाएंगे हैं, वही यह परिभाषित करेगा कि एआई हमारी मानवता की सेवा किस प्रकार करेगा। हमारी चर्चाएं महज बातचीत से कहीं बढ़कर हैं। वे हमारे साझा डिजिटल भविष्य की आधारशिला हैं।”

आईटीयू-जीएसएस 15 से 24 अक्टूबर 2024 के दौरान भारत के नई दिल्ली में होने वाली विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) के लिए मंच तैयार करेगा। डब्ल्यूटीएसए का आयोजन अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा किया जायेगा और दूरसंचार विभाग (डीओटी) इसकी मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम पहली बार भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।

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