कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान में एग्जीक्यूटिव छात्रावास ब्लॉक और प्रशिक्षण ब्लॉक का विर्तुअली शिलान्यास किया


ट्रेनिंग ही कृषि की दिशा और दशा तय करेगी: श्री चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री आज झारखंड में घोषणा की हम अरहर पूरी खरीदेंगे, जिससे किसान का प्रोत्साहन हो

Posted On: 28 SEP 2024 7:01PM by PIB Delhi

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान में एग्जीक्यूटिव छात्रावास ब्लॉक और प्रशिक्षण ब्लॉक का विर्तुअली शिलान्यास किया। श्री चौहान ने कहा कि हम कई बार शॉर्ट फॉर्म बना देते हैं तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। हम शॉर्ट फॉर्म का उपयोग न करें।MANAGE जो काम कर रहा है, उस अर्थ का बोध नहीं होता है। ऐसा होना चाहिए, जिससे कोइ अर्थ निकले।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कैसे किसानों की आय बढ़ाई जाये और साथ में हमारी खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जाये। 140 करोड़ आबादी को भरपूर अन्न, फल, सब्जी मिले। हम अपनी जरूरत को खुद पूरा कर सकें। खेती हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। एक तरफ आजीविका सुनिश्चित करना और दूसरी तरफ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, ये हमारी जिम्मेदारी है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे यहाँ प्रशिक्षण, अनुसंधान, परामर्श, कई योजनाओं का क्रियान्वयन का काम हमें सौंप गया है। हमें खेती का विविधीकरण करना है, वेल्यू एडीशन करना है। इसके साथ एक काम है प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना। फर्टिलाइजर के दुष्परिणाम दुनिया के सामने हैं। धरती की गुणवत्ता कम हो रही है, मनुष्यों को भी नुकसान हो रहा है। हमें प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती को भी सम्मिलित करना होगा।

श्री चौहान ने कहा कि हम विस्तार कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देते हैं, कृषि वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय संकाय के सदस्य, FPOs को, बेरोजगार युवाओं, इनपुट डीलर्स को प्रशिक्षण देते हैं। यहाँ प्लेसमेंट की दर उत्साहित करने वाली है। कृषि स्टार्टअप्स की ट्रेनिंग आज बहुत महत्वपूर्ण है।जो मूल काम है हमारा एक्सटेंशन का, उसके हर आयाम पर हमें ध्यान देना चाहिए। ट्रेनिंग के हमारे मॉड्यूल और पाठ्यक्रम परंपरागत तो हों ही, साथ ही वो आज की आवश्यकताओं को भी पूरा कर पाएं। भविष्य में जो शोध अनुसंधान होता है, तो प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में हम पूर्व अनुमान लगाकर आने वाले वर्षों में कौन कौन से ट्रेनिंग की जरूरत होगी, उसको अभी से सोचना चाहिए।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि डीटेल और एडवांस प्लानिंग हमें प्रशिक्षण की भी करना चाहिए। इस भव्य भवन में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट हैं। लेकिन भवन केवल शरीर है, आत्मा होंगे इस भवन में होने वाले प्रशिक्षण। ट्रेनिंग ही कृषि की दिशा और दशा तय करेगी। इस पर आप विशेष रूप से ध्यान देंगे। जब मैं कैंपस में आऊँगा, तब विस्तृत चर्चा होगी।

श्री चौहान ने बताया कि आज मैं झारखंड के पलामू के डाल्टनगंज में हूँ । मुझे बताया गया कि अरहर की दाल के लिए अच्छा क्षेत्र है। बेहतर मूल्य न मिलने से अरहर की खेती कम हो गई। इस धरती पर अरहर, चना, मसूर और दाल की खेती की संभावना हैं। हमने आज कहा है कि हम अरहर पूरी खरीदेंगे, जिससे किसान का प्रोत्साहन हो। यहाँ एक टीम आ सकती है, हम अध्ययन करें कि कैसे उत्पादन बढ़े, कैसे बेहतर बीज बनाये जा सकें।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कल वे नेतरहाट में थे, यहाँ नाशपाती और आलू की खेती होती है। यहाँ कैसे बेहतर उत्पादन हो सकता है, अच्छे प्लांट कैसे मिल सकते हैं, कैसे खेती के बेहतर तरीके हो सकते हैं, इस पर काम करने का प्रयत्न करें।

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