सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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'विविध शिक्षार्थियों के लिए मनोवैज्ञानिक और शैक्षणिक हस्तक्षेप में उभरते रुझान: भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां' विषय पर अहमदाबाद में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया


"दिव्यांग छात्रों को अभियांत्रिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए": सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी

Posted On: 21 SEP 2024 9:45PM by PIB Delhi

अहमदाबाद में 'विविध शिक्षार्थियों के लिए मनोवैज्ञानिक और शैक्षणिक हस्तक्षेप में उभरते रुझान: भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां' विषय पर 20 से 22 सितंबर 2024 तक चलने वाला तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, भारतीय स्वास्थ्य मनोविज्ञान अकादमी; सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्यानगर में बी.एड. एवं एम.एड. के विशेष शिक्षा विभाग; समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।

सम्मेलन के दूसरे दिन, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भारत सरकार की ओर से की गई महत्त्वपूर्ण पहलों, जैसे यूडीआईडी कार्ड, निःशुल्क कोचिंग कार्यक्रम तथा अन्य योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

इसके साथ ही, श्री अग्रवाल ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों, विशेषकर दृष्टिबाधित अथवा मूक-बधिर लोगों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा, "दिव्यांग छात्रों को अभियांत्रिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"

सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. निरंजन पटेल ने समारोह की अध्यक्षता की. इस कार्यक्रम में नेशनल ट्रस्ट एक्ट की बोर्ड सदस्य और भारतीय पुनर्वास परिषद् (आरसीआई), दिल्ली की ईसी सदस्य श्रीमती पूजा पटेल के साथ सीआरसी, अहमदाबाद के निदेशक डॉ. अजीत कुमार भी उपस्थित थे। सम्मेलन निदेशक डॉ. समीर जे. पटेल ने स्वागत भाषण दिया और डॉ. निरंजन पटेल ने दिव्यांगजनों की जरूरतों के प्रति विश्वविद्यालय की संवेदनशीलता पर बल दिया।

तीन दिवसीय संगोष्ठी में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिन्हें 119 शोध पत्र प्राप्त हुए। सम्मेलन में इन शोध पत्रों को संकलित करने वाली एक सार पुस्तक का विमोचन भी हुआ।

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