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एनएसीआईएन, पलासमुद्रम में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिवस


सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के अधिकार धारकों, व्यापार संघों के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया

विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) का आईपीआर प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर एक विशेष सत्र

Posted On: 19 SEP 2024 8:41PM by PIB Delhi

आंध्र प्रदेश के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण में चुनौतियों की पहचान करने और उनका समाधान निकालने के लिए अधिकार धारकों के साथ जुड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

एनएसीआईएन के प्रधान महानिदेशक श्री गाइगोंगडिन पानमेई ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए दिनभर की चर्चाओं के लिए अपेक्षाओं का उल्‍लेख करते हुए अधिकार धारकों के साथ बेहतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

विभिन्न क्षेत्रों के अधिकार धारकों, व्यापार संघों के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों ने चर्चा में भाग लिया, जिसमें भारत में पायरेसी और जालसाजी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से आईपीआर प्रवर्तन को मजबूत बनाने की रणनीतियों और ई-कॉमर्स में जालसाजी और पायरेसी की चुनौतियों का समाधान करने पर चर्चा की गई। एनएसीआईएन पलासमुद्रम में आईपीआर प्रशिक्षण सुविधा पर प्रस्तुतियों ने अधिकार धारक क्षमता निर्माण में कैसे योगदान दे सकते हैं। इस मुद्दे पर भी चर्चा की।

इस दिन विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्‍ल्‍यूसीओ) द्वारा एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, यह आईपीआर प्रवर्तन और क्षमता निर्माण पर केंद्रित रहा। डब्‍ल्‍यूसीओ में अनुपालन और सुविधा निदेशक श्री प्रणब कुमार दाश ने एक विशेष संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने आईपी प्रवर्तन के वैश्विक महत्व, इस चुनौती से निपटने के लिए डब्‍ल्‍यूसीओ की पहल और इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया।

डब्ल्यूसीओ आईपीआर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यक्रम की टेक्निकल अटैची सुश्री रूमी हाशिमोटो ने आईपी संरक्षण में डब्ल्यूसीओ के वैश्विक योगदान पर अपनी प्रस्तुति दी।

इसके अतिरिक्त, अधिकार धारकों ने प्रामाणिक और नकली उत्पादों के बीच अंतर करने के तरीकों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शन, गतिविधियां और कियोस्क का आयो‍जन किया।


 

समग्र रूप से चर्चा का उद्देश्य आईपी परिदृश्य की समझ को गहरा करना और अधिकार धारकों एवं प्रवर्तन एजेंसियों के बीच मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देना था, जिससे अंततः आईपीआर क्षेत्र में प्रवर्तन प्रयासों और क्षमता निर्माण को बढ़ाया जा सके।

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