जल शक्ति मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने नई दिल्ली में 8वें भारत जल सप्ताह 2024 के समापन सत्र की अध्यक्षता की


भूजल विनियमन के लिए सीजीडब्ल्यूए का भू-नीर पोर्टल लॉन्च किया गया

Posted On: 19 SEP 2024 9:17PM by PIB Delhi

8वें भारत जल सप्ताह (आईडब्ल्यूडब्ल्यू) 2024 का समापन सत्र आज नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता और राज्य मंत्री डॉ. राज भूषण चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया। सचिव (डीओडब्ल्यूआर, आरडी एवं जीआर), श्रीमती देबाश्री मुखर्जी ने सत्र के दौरान स्वागत भाषण दिया।

 

श्री सी.आर.पाटिल ने समापन भाषण दिया और देश भर और दुनिया भर से आए सभी प्रतिभागियों की सराहना की। मंत्री जी ने जल शक्ति मंत्रालय के दो विभागों डीओडब्ल्यूआर, आरडी व जीआर और डीओडब्ल्यूएस तथा इसके विभिन्न संगठनों एनडब्ल्यूडीए, सीडब्ल्यूसी, सीजीडब्ल्यूबी, एनआईएच, एनएमसीजी, एनआरसीडी, एनडब्ल्यूआईसी, सीएसएमआरएस, सीडब्ल्यूपीआरएस, डब्ल्यूएपीसीओएस आदि के अधिकारियों की समर्पित टीम द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अथक प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 8वें भारत जल सप्ताह के सामूहिक विचार-विमर्श और इससे आने वाले परिणाम एक सहयोगात्मक और अभिनव दृष्टिकोण के माध्यम से भारत के अद्वितीय जल मुद्दों को संबोधित करने की दिशा में बहुत मदद करेंगे।  

8वें आईडब्ल्यूडब्ल्यू 2024 पर एक संक्षिप्त विवरण जल शक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (डीओडब्ल्यूआर, आरडी व जीआर) श्री राकेश कुमार वर्मा की ओर से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने जल क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर 8वीं आईडब्ल्यूडब्ल्यू 2024 से आई विभिन्न महत्त्वपूर्ण सिफारिशों जैसे जल सुरक्षा के लिए सहकारिता व सहयोग, एकीकृत जल संसाधन विकास व प्रबंधन, जल क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन के लिए जोखिम और नए दृष्टिकोण, भूजल स्थिरता व प्रबंधन, जल प्रशासन व वित्तपोषण, जल संबंधी आपदाएं और इसके प्रबंधन को गिनाया।  

सत्र के दौरान, भूजल विनियमन के लिए सीजीडब्ल्यूए का भू-नीर पोर्टल ई-लॉन्च किया गया। सत्र के दौरान अन्य महत्त्वपूर्ण प्रकाशन जैसे भारत में प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का राष्ट्रीय रजिस्टर, भारत में जल संसाधनों का आकलन, सीडब्ल्यूसी की ओर से भारत में जलाशयों के अवसादन का सारांश और सीजीडब्ल्यूबी की ओर से किए गए हेलिबोर्न सर्वेक्षण की कॉफी टेबल बुक भी जारी की गई।   

चार श्रेणियों प्रदर्शक पुरस्कार भी में दिए गए:

  • श्रेणी I- सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय मंत्रालय/ संगठन- सीडब्ल्यूपीआरएस, पुणे
  • 2. श्रेणी II- सर्वश्रेष्ठ राज्य सरकार- केरल
  • 3. श्रेणी III- सर्वश्रेष्ठ उद्योग- आयन-एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड
  • 4. श्रेणी IV- सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप- ब्लूवर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र

इस कार्यक्रम का उद्घाटन 17 सितंबर, 2024 को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्वारा किया गया था। पिछले दो दिनों की इसी भावना को जारी रखते हुए, तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में उपस्थित प्रतिभागियों में काफी जोश और उत्साह दिखा।

आयोजन के तीसरे दिन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा वाटर लीडर्स फोरम था, जिसमें जल क्षेत्र में नवाचार में तेजी लाने के लिए साझेदारी, एकीकृत बाढ़ प्रबंधन; एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिए साझेदारी और सहयोग; जल क्षेत्र में सार्वजनिक निजी साझेदारी; उद्योग और व्यवसायों के लिए संपोषित जल प्रबंधन; जल क्षेत्र में जलवायु कार्रवाई के लिए साझेदारी; अपशिष्ट जल प्रबंधन में चक्रीयता जैसे विषयों को कवर करने वाले सात सत्र शामिल थे जहां पैनलिस्टों और प्रतिभागियों के बीच बहुत गहन विचार-विमर्श किया गया।

जल प्रशासन व वित्तपोषण, जल से संबंधित आपदा व इसका प्रबंधन और जल क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में चुनौतियां जैसी तीन विषय वस्तु पर आधारित जल सम्मेलनों के सात सत्र हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ आयोजित किए गए, जहां जल प्रबंधन में वर्तमान चुनौतियों को उजागर करते हुए भविष्य के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण और नवीन विचारों के साथ एक विविध और व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया गया।  

ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी को सभी तक पहुंचाना; पारिस्थितिक स्थिरता और मानव कल्याण के लिए क्रियाओं में समन्वय लाना, जैसे विषयों पर आज प्रैक्टिशनर्स फोरम के दो सत्र आयोजित किए गए, जहां विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और व्यावहारिक सबक साझा किए।  

तीसरे दिन का एक बड़ा आकर्षण स्टार्टअप फोरम था, जो कि जल क्षेत्र में नवाचार विचारकों और निजी उद्यमियों के लिए एक गतिशील मंच है, जहां उन्होंने जल क्षेत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक समाधानों का प्रदर्शन करते हुए स्मार्ट जल उपकरण और प्रौद्योगिकियां प्रस्तुत कीं। कुल मिला नौ स्टार्टअप्स ने जल क्षेत्र में अपने नए समाधान प्रस्तुत किए।  

प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग, शोधकर्ताओं आदि की भारी भागीदारी के साथ कार्यक्रम के पहले दिन शुरू हुए विभिन्न मंच/सत्र आज सफलतापूर्वक संपन्न हुए।  

4,800 वर्ग मीटर में फैली और 143 से अधिक प्रदर्शकों की उपस्थिति वाली प्रदर्शनी, पूरे आयोजन का एक उल्लेखनीय हिस्सा रही है।

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एमजी/एआर/एमएम


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