सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
विशाखापत्तनम में 19वें दिव्य कला मेले का उद्घाटन: दिव्यांग कारीगरों की असाधारण प्रतिभा का उत्सव
एनडीएफडीसी योजनाओं के तहत 10 दिव्यांग लाभार्थियों को ₹40 लाख की ऋण राशि वितरित की गई
Posted On:
19 SEP 2024 8:30PM by PIB Delhi
आंध्र प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री एस अब्दुल नज़ीर ने बहुप्रतीक्षित 19वें दिव्य कला मेले का विशाखापत्तनम में आधिकारिक उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, लोकसभा सांसद श्री एम. श्रीभारत, राज्यसभा सांसद श्री जी. बाबू राव और अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति रही।
उद्घाटन समारोह के दौरान एनडीएफडीसी योजनाओं के तहत 10 दिव्यांग लाभार्थियों को ₹40 लाख की रियायती ऋण राशि वितरित कर उनकी उद्यमशीलता आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा सीएसआर भागीदारों एचपीसीएल, गेल इंडिया लिमिटेड, आईओसीएल और कोरोमंडल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में दिव्यांगजनों की भागीदारी सक्षम करने के लिए सहायक उपकरण वितरित किए गए।
इस अवसर पर संबोधन में श्री एस. अब्दुल नज़ीर ने दिव्यांग कारीगरों के लिए शक्तिशाली मंच के रूप में दिव्य कला मेले की सराहना की। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने में इस मेले की अनूठी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह मेला न केवल दिव्यांग उद्यमियों को सशक्त बनाता है बल्कि राष्ट्रीय मंच पर उनकी प्रतिभा और रचनात्मकता को प्रदर्शित करते हुए समावेशी समाज को भी बढ़ावा देता है।"
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मंच पर गौरव व्यक्त करते हुए कहा, “दिव्य कला मेला दिव्यांगजनों की अविश्वसनीय क्षमता का प्रमाण है। यह उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान करते हुए अपने कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह पहल समावेशी भारत की दिशा में हमारी यात्रा में एक और उपलब्धि है।”
दिव्य कला मेले में 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 100 दिव्यांग कारीगरों के जीवंत, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यह पहल उनके उत्पादों के विपणन और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए बड़ा मंच प्रदान करती है।
सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चलने वाले 11 दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के क्षेत्रीय व्यंजनों क उपलब्ध कराने वाले खाद्य स्टालों के साथ-साथ दिव्यांग कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। यह पहल 'वोकल फॉर लोकल' की भावना को सरकारी समर्थन प्रदर्शित करती है, दिव्यांग कारीगरों की असाधारण प्रतिभा को सामने लाती है और उनकी रचनात्मकता एवं शिल्प कौशल को समर्थन देती है।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मीडिया को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की 100 दिन की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी, जिसमें दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रकट किया गया। इसके अलावा सभी गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित लोगों ने स्वच्छता शपथ समारोह में भाग लिया, जिससे स्वच्छता और सामुदायिक जिम्मेदारी के महत्व को बल मिला।
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एमजी/एआर/पीके
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